NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जम्मू कश्मीर : पूर्व नौकरशाह शाह फैसल के खिलाफ भी पीएसए के तहत केस दर्ज
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है।इससे पहले तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Feb 2020
Shah faesal
Image courtesy: Scroll

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हिरासत में बंद फैसल के खिलाफ शुक्रवार रात को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की ‘‘एहतियातन हिरासत’’ की मियाद खत्म होने से महज कुछ ही घंटे पहले छह फरवरी की रात को दोनों नेताओं के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पीएसए के तहत दो प्रावधान हैं - लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

फैसल को पिछले साल 13 और 14 अगस्त की बीच रात में दिल्ली हवाईअड्डे पर इस्तांबुल के लिए उड़ान भरने से पहले रोक दिया गया था और उन्हें श्रीनगर ले जाया गया था, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया था।

पूर्व नौकरशाह ने आईएएस से इस्तीफा देने के बाद ‘जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट’ पार्टी का गठन किया था।

आपको  बता दें  कि  पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की सरकार में जम्मू-कश्मीर के टिम्बर तस्करों पर कार्रवाई के लिए नागरिक सुरक्षा कानून (पीएसए) बना था। इसके तहत तनाव फैलाने, जनता को भड़काने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों को बिना ट्रायल के 3 माह के लिए हिरासत में रखने का प्रावधान है।

जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। आमतौर पर इसे आतंकियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों की गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन पहली बार इसके तहत मुख्यधारा के राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

Shah Faesal
Shah Faesal Case
Public Safety Act
Jammu and Kashmir
mehbooba mufti
Sheikh Abdullah

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती

जम्मू-कश्मीर परिसीमन से नाराज़गी, प्रशांत की राजनीतिक आकांक्षा, चंदौली मे दमन


बाकी खबरें

  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
    14 May 2022
    एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है,…
  • aadhar
    भाषा
    आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    14 May 2022
    "यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी।"
  • IPC
    सारा थानावाला
    LIC IPO: कैसे भारत का सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है!
    14 May 2022
    वी. श्रीधर, सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक सेवाओं पर जन आयोग के सदस्य साक्षात्कार के माध्यम से बता रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ कैसे सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है।
  • congress
    रवि शंकर दुबे
    इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत
    14 May 2022
    देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस चुनावों में जीत के लिए पहले भी चिंतन शिविर करती रही है, लेकिन ये शिविर कांग्रेस के लिए इतने कारगर नहीं रहे हैं।
  • asianet
    श्याम मीरा सिंह
    लता के अंतिम संस्कार में शाहरुख़, शिवकुमार की अंत्येष्टि में ज़ाकिर की तस्वीरें, कुछ लोगों को क्यों चुभती हैं?
    14 May 2022
    “बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के अंत्येष्टि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने गए हुए थे। ऐसे माहौल में जबकि सारी व्याख्याएँ व्यक्ति के धर्म के नज़रिए से की जा रही हैं, वैसे में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License