NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव: 19 सीटों पर जीत-हार का अंतर 100 से भी कम वोटों का रहा
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इन 19 उम्मीदवारों में से आठ निर्दलीय हैं, जबकि भाजपा के तीन, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के दो-दो तथा जेकेएपी, पीडीएफ और पीसी के एक-एक उम्मीदवार हैं।
भाषा
23 Dec 2020
जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के प्रथम जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में बेहद करीबी मुकाबला देखने को मिला, जहां 19 सीटों पर जीत-हार का अंतर 100 से भी कम वोटों का रहा।

राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन 19 उम्मीदवारों में से आठ निर्दलीय हैं, जबकि भाजपा के तीन, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के दो-दो तथा जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के एक-एक उम्मीदवार हैं।

पुलवामा जिले के ददसरा निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले सिख समुदाय के अवतार सिंह ने सिर्फ तीन वोट से जीत हासिल की।

सिंह को 246 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं नेकां उम्मीदवार अली मोहम्मद भट को 243 वोट मिले।

खालिद बीबी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के टिकट पर अनंतनाग जिले के लार्नू सीट पर सात वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 4,580 मिले मत, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार साजिदा बेगम को 4,573 वोट मिले।

शोपियां जिले में सिर्फ 11 वोटों से दो उम्मीदवार चुनाव हार गए। भाजपा के पूर्व मंत्री शाम लाल चौधरी जम्मू जिले के सुचेतगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में 11 वोटों से हार गए।

राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चौधरी को 12,958 वोट मिले, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार तरनजीत सिंह को 12,969 वोट मिले।

चौधरी पूववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार में मंत्री थे।

इसी तरह, शोपियां जिले में जैनपुरा-1 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बिलकीस जान ने गुल इकबाल को 11 वोटों से हराया।

उधमपुर और पुलवामा जिलों में दो उम्मीदवार महज 14 वोटों के अंतर से जीते।

उधमपुर जिले की टिकरी सीट पर भाजपा की आशु शर्मा ने पैंथर्स पार्टी की उम्मीदवार रेश्मा संबयाल को 14 मतों से हराया।

श्रीनगर जिले के कमरवारी निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार यासीन राथेर ने मात्र 21 वोटों से जीत हासिल की, जिन्होंने जेकेएपी के उम्मीदवार परवेज मीर को हराया।

अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रथम डीडीसी चुनावों में गुपकार गठबंधन ने 110 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि 74 सीटों पर जीत हासिल करके भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा और कुपवाड़ा जिलों और जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों की एक-एक सीटों, यानी कुल चार निर्वाचन क्षेत्रों के परिणामों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

Jammu and Kashmir
DDC Election
BJP
JKAP
PDF
PC
Srinagar

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License