NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव और रोज़गार का मुद्दा : झारखंड की बेरोज़गारी दर देश के औसत से भी ऊपर
झारखंड की बेरोज़गारी दर देश की औसत बेरोज़गारी दर को भी पार कर चुकी है। नवंबर के माह में देश की बेरोज़गारी दर 7.5 % है जबकि झारखंड में बेरोज़गारी दर 9.2% हो गयी है।
पुलकित कुमार शर्मा
14 Dec 2019
jharkhand election

झारखंड की आबादी तकरीबन 3.30 करोड़ है। इसकी लगभग 50 फ़ीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। वहीं बाक़ी आधी आबादी माइनिंग, सर्विस सेक्टर, निर्माण व वित्तीय कामों के ज़रिये अपना गुजारा करती है। अगर गरीबी की बात करें तो राज्य के 39.1% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये दर 29.8 % है। ग़ौरतलब है कि ग़रीबी और बेरोज़गारी की मार झेल रहे झारखंड में पिछले पांच साल से भाजपा की सरकार है। केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। इसलिए इसका प्रचार यहां डबल इंजन वाली सरकार के रूप में किया जा रहा है लेकिन रोज़गार के मोर्चे पर यह सरकार बुरी तरह से असफल दिख रही है।

हाल ही में झारखंड में चुनाव जारी हैं चुनाव को पांच चरणों में किया जाना हैं जिसके तीन चरण 30 नवंबर, 7 और 12 दिसंबर को समाप्त हो चुके हैं तथा दो चरणों के चुनाव 16 व 20 दिसंबर को होंगे और चुनावों की मत-गणना 23 दिसम्बर को होगी

अब सवाल यह सामने है कि क्या आने वाली सरकार रोज़गार के मुद्दे को गंभीरता के साथ लेगी क्योंकि अब तक की सरकारों की बात की जाये तो आंकड़ों को देखकर लगता है कि रोज़गार की तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं है।

नवंबर 2017 में झारखंड की बेरोज़गारी दर 7.1 % थी, जो नवंबर 2019 में बढ़ कर 9.2 % हो गयी है, जो देश की औसतन बेरोज़गारी दर से भी ज़्यादा है। हालांकि देश की औसतन बेरोज़गारी दर भी लगातार बढ़ती जा रही है। नवंबर 2017 में देश की औसतन बेरोज़गारी दर 4.7 % थी जो नवंबर 2019 में बढ़ कर 7.5 % हो गयी है।

नवंबर 2017 से झारखंड की बेरोज़गारी दर लगातार बढ़ रही है। अगस्त 2019 में झारखंड की अब तक की सबसे अधिक बेरोज़गारी दर 14.3 % दर्ज की गयी थी, जबकि देश में 45 वर्षो में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी दर 8.4 अक्टूबर 2019 में दर्ज की गयी।      
Jharkhand (1).png
झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार नीरज सिन्हा कहते हैं कि झारखंड में बीजेपी की विपक्षी पार्टियों ने रोज़गार के सवाल को मुख्य मुद्दा बनाया है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि झारखंड में 5 साल तक एक स्थायी सरकार रही है, जिसको लेकर लोगों में अपेक्षाएँ ज्यादा थीं। लोगों को लगता था कि सरकार रोज़गार के अवसर पर और ज्यादा ध्यान देगी। लेकिन सरकार ने रोजगार को लेकर प्रभावी कदम नहीं उठाए जिसको लेकर खासकर नौजवानों में एक तरह गुस्सा है। चुनाव ही लोगों  के पास वह अवसर होता है जिसके द्वारा जनता बताती है कि सरकार ने जनता से किये वायदे निभाए हैं या नहीं। हालांकि झारखंड में बीजेपी के स्टार प्रचारक विपक्ष के रोज़गार के मुद्दे की काट देते हुए कह रहे हैं कि बीजेपी की सरकार ने लोगो को रोज़गार दिए हैं।

रोज़गार के अलावा और क्या हैं झारखंड के मुद्दे ?
   
रोज़गार के अलावा झारखंड का पहला मुद्दा वहां के लोगों के अधिकारों से जुड़ा हुआ है क्योंकि ये आम शिकायत है कि झारखंड की सत्ताधारी ताक़तें विकास के नाम पर गरीब आदिवासियों की जमीन छीनने का काम करती रही हैं। साथ ही विरोध कर रहे आदिवासियों को विकास विरोधी बता कर उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है। आदिवासियों के विरोध को दबाने से जुड़े ऐसे तमाम मामलें सामने आए हैं।  

दूसरा मुद्दा झारखंड की प्राकृतिक सम्पदा से जुड़ा हैं क्योंकि जब से झारखंड राज्य बना है,  तब से झारखंड की सत्ताधारी ताक़तें विकास के नाम पर झारखंड की प्राकृतिक सम्पदा को लूटने में लगी हैं। सरकार द्वारा अवैध रूप से खनन करवाने का भी मामले सामने आ रहा है और साथ ही प्राकृतिक सम्पदा को देशी व  विदेशी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में देने का काम भी किया जा रहा है।

दरअसल यह समस्या झारखंड में अभी से नहीं हैं बल्कि जबसे झारखंड राज्य बना है, तब से झारखंड की सत्ता में आयी सत्ताधारी ताक़तों ने अपने स्वार्थ के चलते झारखंड को लूटने का काम ही किया है।          

झारखंड का तीसरा मुद्दा वहां के लोगो की रोज़मर्रा की जरूरतों के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि भुखमरी और  बीमारी के कारण लोग मर रहे हैं। हिंसक भीड़ के द्वारा लोगों को मारे जाने के गंभीर मुद्दे भी सामने आ रहे हैं।    

इन मुद्दों से अलग मौजूदा केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते भी पूरे देश में अन्य राज्यों की तरह झारखंड को भी बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड में रोज़गार की मौजूदा स्थिति तो बदतर है ही लेकिन इसके साथ छोटे-बड़े कारोबार भी बंद होने के कगार पर हैं।

Jharkhand Elections 2019
Unemployment Issue
BJP
Congress
Raghubar Das
opposition parties
Central Government
modi sarkar
MIM
JMM
AJSU
AIMIM

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • Tapi
    विवेक शर्मा
    गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!
    18 May 2022
    गुजरात के आदिवासी समाज के लोग वर्तमान सरकार से जल, जंगल और ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ने को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं।
  • श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    18 May 2022
    उत्तर प्रदेश सीपीआई-एम का कहना है कि सभी सेकुलर ताकतों को ऐसी परिस्थिति में खुलकर आरएसएस, भाजपा, विहिप आदि के इस एजेंडे के खिलाफ तथा साथ ही योगी-मोदी सरकार की विफलताओं एवं जन समस्याओं जैसे महंगाई, …
  • buld
    काशिफ़ काकवी
    मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव
    18 May 2022
    टकराव की यह घटना तब हुई, जब एक भीड़ ने एक मस्जिद को आग लगा दी, और इससे कुछ घंटे पहले ही कई शताब्दी पुरानी दरगाह की दीवार पर हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
  • russia
    शारिब अहमद खान
    उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  
    18 May 2022
    चाहे वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हो या श्रीलंका में चल रहा संकट, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता हो या फिर अफ्रीकी देशों में हो रहा सैन्य तख़्तापलट, वैश्विक स्तर पर हर ओर अस्थिरता बढ़ती…
  • Aisa
    असद रिज़वी
    लखनऊ: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत के साथ आए कई छात्र संगठन, विवि गेट पर प्रदर्शन
    18 May 2022
    छात्रों ने मांग की है कि प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन पर लिखी गई एफ़आईआर को रद्द किया जाये और आरोपी छात्र संगठन एबीवीपी पर क़ानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License