NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
झारखंड : विवादित विधानसभा भवन में लगी आग
झारखंड के कथित तौर पर जल्दबाज़ी में बने विधानसभा भवन में आग लग गई है। काफ़ी सामान जल कर राख हो गया है, हालांकि किसी इंसान को हुए नुक़सान की कोई ख़बर नहीं है।
अनिल अंशुमन
07 Dec 2019
jharkhand

इन दिनों जब झारखंड विधान सभा के गठन और उसके नए माननीय सदस्यों के निर्वाचन के लिए पूरे प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया सरगर्म है, 4 दिसंबर को राजधानी के हटिया क्षेत्र स्थित विधान सभा के नवनिर्मित भवन में अचानक से लगी आग ने चुनावी तपिश को और बढ़ा दिया है। 

सूत्रों के अनुसार 465 करोड़ की लागत से बने विधान सभा के जिस नए भवन को देश में सबसे भव्य, सुरक्षित और दर्शनीय प्रचारित किया गया था, 4 दिसंबर की रात उसमें आग लग गयी। लगभग 7:50 बजे वहाँ कार्यरत कर्मचारियों ने उसके पहले तल्ले से धुंआ उठते देखा तो आनन फानन में स्थानीय पुलिस व फ़ायर ब्रिगेड को बुलाया गया। कई घंटों की कड़ी मशक़्क़त के बाद आग पर क़ाबू पाया जा सका लेकिन तब तक कई क़ीमती सामान जलकर राख़ हो चुके थ। इस घटना में किसी इंसान को कोई नुक़सान नहीं हुआ है।

ख़बरों के अनुसार यह नवनिर्मित भवन अभी तक विधान सभा का सारा काम काज संभालने वाले विधान सभा सचिवालय को हैंडओवर नहीं किया गया था। सो राज्य के भवन निर्माण सचिव ने दस्तूर के मुताबिक़ तीन सदस्यीय जांच कमेटी बैठा दी है। फ़िलहाल वहाँ सख़्त पहरा है और मीडिया के भी जाने पर मनाही है। वहाँ काम करने वालों के अलावा किसी अन्य को प्रवेश की अनुमति नहीं है।

हमारे देश के सरकारी भवनों में आग लगना कोई अनहोनी घटना नहीं मानी जाती है लेकिन चूंकि इस भव्य भवन का भव्य उदघाटन पिछले 12 सितंबर को ख़ुद देश के प्रधानमंत्री ने किया था, इसलिए इसकी गंभीरता थोड़ी बढ़ जाती है।

jharkhand.JPG

उदघाटन के अवसर पर वर्तमान विधानसभा के पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को विशेष सत्र बुलाकर आमंत्रित किया गया था। जिन्हें संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने भव्य भवन के निर्माण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को विशेष बधाई देते हुए कहा था कि सिर्फ़ उनकी ही पार्टी की सरकार में ये माद्दा है कि वह नियत समय पर किसी भी काम को अंजाम देकर राष्ट्र व राज्य का विकास कर सकती है। बाक़ी विपक्ष की सरकारें सिर्फ़ विकास का दिखावा करती हैं।

बहरहाल, विधानसभा के नवनिर्मित भवन में लगी आग ने कई सवालों की चिंगारियाँ फैला दी हैं। मसलन, जिस भवन को अब तक का सबसे फ़ायरप्रूफ़ प्रचारित किया गया था वहाँ इस तरह से आग कैसे लगी? मीडिया के माध्यम से पहले ख़बर दी गयी कि शॉर्ट शर्किट हो गया था। फिर बाद में जब वहाँ हो रहे वेल्डिंग कार्य को आग लगने की वजह बताई गयी तो वहाँ काम कर रहे इंजीनियरों–कर्मचारियों ने इसे ग़लत ठहराते हुए कहा कि जहां काम नहीं हो रहा था आग वहाँ लगी है। दूसरी ओर, निर्माणकर्त्ता कंपनी के प्रतिनिधि ने जब इसे साज़िश बताया है और एसएसपी ने कहा है कि आंतरिक जांच में किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश के सबूत नहीं मिले हैं।

सनद हो कि विधानसभा का यह नया भवन निर्माण शुरू से ही विवादों में रहा है। एक ओर, जिस ज़मीन पर यह विशाल इमारत खड़ी की गयी है वह स्थानीय आदिवासियों की है। जिसे पाने के लिए वे आज भी संघर्ष कर रहें हैं। आग लगमे की घटना को सोशल मीडिया में उन्होंने आदिवासियों की हाय लगना कहा है। जबकि रघुवर सरकार का कहना है कि यह ज़मीन उन्होंने एचईसी से ली है।

विपक्ष का खुला आरोप है कि राजनीतिक माइलेज लेने के लिए आनन फ़ानन में आध-अधूरे भवन का प्रधानमंत्री उदघाटन कराया गया। सबसे महंगा विधानसभा भवन खुलने से पहले ही जल गया। रघुवर शासन में हो रही राज्य के खजाने में की जा रही लूट का ही नमूना है कि कहीं करोड़ों से बना डैम चूहे कुतर जाते हैं , तो करोड़ों करोड़ के भवन में रहस्यमयी आग लग जा रही है। मुख्यमंत्री को चुनावी चुनौती दे रहे इनकी ही सरकार के पूर्व मंत्री और कद्दावर भाजपा नेता सरयू राय ने भी बयान जारी कर कहा, "विधान सभा भवन निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत शुरू से ही रही है। मैंने ख़ुद प्रधानमंत्री को कैबिनेट मंत्री की हैसियत से पत्र लिखा था कि वे अभी उदघाटन करने नहीं आएँ।"

सबसे बड़ी विडम्बना है कि जिस भवन को प्रदेश की सरकार ने सबसे अनूठा कहकर प्रचारित और प्रधानमंत्री से उदघाटन करवाया, सही तरीक़े से उसका नक़्शा तक नहीं पास हुआ है। सूत्रों के अनुसार उदघाटन कराने की जल्दबाज़ी में नगरनिगम के भवन निर्माण विशेषज्ञों से पूरा मुआयना भी नहीं कराया गया और दबाव देकर स्वीकृति ले ली गयी।

निश्चय ही इस पूरे प्रकरण से प्रदेश में आगे होने वाले मतदान के मतदाताओं के समक्ष सोचने का एक बेहद गंभीर विषय आ गया है कि क्या चुने गए माननीय जनप्रतिनिधि व सरकार द्वारा जिस विधानसभा भवन में पूरे प्रदेश व जनता की बेहतरी के फ़ैसले लिए जाते हैं, वहाँ निहित–क्षुद्र स्वार्थों के लिए नियुक्तियों–प्रोन्नति की धांधलियों से लेकर वर्तमान की आग जैसी घटनाओं पर कब विराम लगेगा? इन्हीं दुरावस्थाओं से क्षुब्ध होकर पहली व दूसरी विधानसभा के सम्मानित नेता महेंद्र सिंह ने लिखा था– 'अब ज़रूरी हो गई हैं नए चरित्र की प्रतिनिधि सभा के गठन की तैयारियां!'

Jharkhand
Fire in disputed assembly building
विधानसभा भवन
झारखंड
Mahendra Singh

Related Stories

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

झारखंड:  रेलवे ठेकदार द्वारा खोदे गड्ढे में डूबकर गांव की 7 बच्चियों की मौत

मेघालय और झारखंड में खदान दुर्घटना में आठ लोगों की मौत, चार लापता

झारखंड: सत्ता से बेख़ौफ़ कार्टूनिस्ट बशीर अहमद का जाना...

राम के नाम पर दुनिया में कर दिया बदनाम

झारखंड: बिरसा मुंडा की मूर्ति तोड़े जाने से झारखंडी समाज में आक्रोश

झारखंड विधान सभा चुनाव 2019 : भूख से मरनेवालों की बढ़ती कतार !

झारखंड : लोकसभा चुनाव : प्रवासी मजदूरों का दर्द नहीं बन सका मुद्दा

भौंरा गोलीकांड : निजी कोलियरी के दौर की दबंगई की वापसी

झारखंड हिंडाल्को हादसा: कौन है इसका ज़िम्मेदार?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License