NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड : मज़दूरों को नहीं लेकिन बीजेपी सांसदों को है घर जाने की इजाज़त!
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रांची और धनबाद के सांसदों के दिल्ली से झारखंड पहुंचने को लेकर सोशल मीडिया पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अनिल अंशुमन
16 Apr 2020
jharkhand
साभार : बशीर

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच झारखंड के दो बीजेपी सांसदों के दिल्ली से अपने गृहजिलों में पहुंचने का मसला काफी तूल पकड़ रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में लाखों झारखंड–बिहार के गरीब प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। भूख-प्यास-आवास और भारी तंगहाली झेल रहे उन सभी लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा बताकर अमानवीय स्थितियों में जीने पर मजबूर कर दिया गया है लेकिन सत्ताधारी दल के सांसदों को यही सरकार खुद विशेष अनुमति पास देकर उन्हें घर जाने दे रही है।

इसे लेकर झामुमो, कांग्रेस तथा राजद समेत सभी विपक्षी दलों ने दोनों सांसदों के गिरफ्तारी की मांग की है। तो वहीं, भाजपा सांसदों के झारखंड आने के प्रकरण में प्रदेश मीडिया के रवैये से भी लोगों में ख़ासी नाराजगी दिख रही है।

आरोप है कि लॉकडाउन में सामाजिक दूरी के उल्लंघन और संक्रामण की हर घटना को लेकर प्रदेश की गैर भाजपा सरकार को जिस तत्परता से मीडिया द्वारा कटघरे में खड़ा किया जा रहा है, उक्त भाजपा सांसदों के लॉकडाउन तोड़ने के मामले में वही तत्परता गायब हो गई है।

आपको बता दें कि 14 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री लॉकडाउन की अवधि बढ़ाते हुए देश की जनता से घर पर रहने की हिदायत दे रहे थे। उसी दिन लॉकडाउन को धता बताकर भाजपा के रांची सांसद महोदय अपनी गाड़ी में दिल्ली से चलकर रांची पहुंचे। इसके पूर्व रविवार की रात भाजपा के धनबाद सांसद सड़क मार्ग से दिल्ली से धनबाद पहुंचे थे।

दोनों का कहना है कि वे सरकार से विशेष अनुमति-पास लेकर आए हैं। धनबाद डीसी के अनुसार सांसद महोदय अपने अंगरक्षक समेत होम क्वारंटाइन में हैं जबकि रांची के सांसद बिना किसी नियमपूर्वक जांच तथा क्वारंटाइन में गए, घूम घूमकर अफसरों से मिलते हुए पाये गए। इस बाबत उनसे पूछे जाने पर उन्होंने दोटूक अंदाज़ में कह दिया कि हम कोई तबलीगी जमात में थोड़े ही गए थे।

फिलहाल इससे इतर प्रदेश की मीडिया इन दिनों राजधानी रांची स्थित मुस्लिम बाहुल्य हिन्दपीढ़ी मुहल्ला में निशाने पर है। पिछले 10 अप्रैल को लगभग सभी अखबारों ने इस मुहल्ले के वार्ड नंबर 23 में सफाईकर्मियों पर थूके जाने की कथित घटना को प्रमुख खबर बनाकर छापा। सभी मुहल्लावासियों समेत स्थानीय वार्ड पार्षद ने घटना से इंकार करते हुए उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की।

hindpidhi 1_0.PNG

सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों समेत रांची अंजुमन इस्लामिया और कई अन्य सामाजिक संगठनों ने भी मीडिया पर समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत और अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की थी। अंजुमन के सदर ने वीडियो जारी कर कहा भी कि पूरे हिन्दपीढ़ी मुहल्ले में जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, उनसे घटना के फुटेज निकलवाये जाएं। साथ ही सवाल किया कि जब इस इलाके में हर जगह पुलिस फोर्स और सोशल वोलांटियर तैनात हैं तो इस घटना की जानकारी इन लोगों को क्यों नहीं दी गयी?  

11 अप्रैल को प्रदेश डीजीपी ने जब मीडिया को संबोधित करते हुए पीड़ित सफाईकर्मी को उनके सामने लाने को कहा तब घटना की छापने वाले किसी मीडिया घराने और पत्रकार ने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि भाजपा के स्थानीय विधायक और रांची की मेयर (भाजपा से जुड़ी) द्वारा डीजीपी को प्रदेश के सत्ताधारी दल का कार्यकर्त्ता कहे जाने और उनपर तुष्टीकरण राजनीति करने की प्रतिक्रिया को प्रमुखता से प्रकाशित कर दिया गया। चर्चा तो यह भी है कि हिन्दपीढ़ी थूक- कांड पर मीडिया के कहे अनुसार काम नहीं करने से कुपित होकर सोशल मीडिया में उन्हें खूब निशाना बनाया जा रहा है। यहाँ तक की अखबारी खबरों में उन्हें डीजीपी के बजाय प्रभारी डीजीपी भी बताया जा रहा है।

Coronavirus
Lockdown
Jharkhand
Workers and Labors
Migrant workers
JMM
Hemant Soren
BJP
BJP Leaders

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License