NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के ख़िलाफ़ झारखंड में भी प्रदर्शन 
झारखंड की राजधानी रांची तथा राज्य के कई इलाकों में सड़कों पर प्रतिवाद मार्च निकालकर किसानों की मौत के जिम्मेवार केंद्रीय राज्य मंत्री, उनके बेटे व मोदी सरकार के पुतले जलाए गए। प्रतिवाद का यह सिलसिला लगातार जारी है।  
अनिल अंशुमन
07 Oct 2021
Lakhimpur Kheri
लखीमपुर खीरी मामले के बाद से झारखंड में हो रहे हैं धरने-प्रदर्शन

यूपी स्थित लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे किसानों के साथ की गयी बर्बरता और नरसंहार ने देश के लोकतांत्रिक नागरिक समाज को हिला कर रख दिया है। मोदी और योगी शासन के इस भयावह दमनकारी रवैये के खिलाफ पूरे देश में विरोध का सिलसिला बढ़ता जा रहा है।

झारखण्ड प्रदेश में तो किसानों की हत्याकांड के दूसरे ही दिन से पूरे प्रदेश में सभी वामपंथी दलों के साथ-साथ सभी गैर भाजपाई दलों के कार्यकर्ताओं ने तीखा विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी रांची तथा राज्य के कई इलाकों में सड़कों पर प्रतिवाद मार्च निकालकर किसानों की मौत के जिम्मेवार केंद्रीय राज्य मंत्री, उनके बेटे व मोदी सरकार के पुतले जलाए गए। प्रतिवाद का यह सिलसिला लगातार जारी है।  

6 अक्टूबर को भाकपा माले और मासस ने रांची स्थित राजभवन के समक्ष राज्यस्तरीय संयुक्त प्रतिवाद धरना दिया। 

भाकपा माले और मासस का रांची स्थित राजभवन पर प्रदर्शन 

इसके माध्यम से ये मांग की गयी कि लखीमपुर खीरी में हुए किसानों के नरसंहार के लिए केन्द्रीय राज्य मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाय तथा कांड के मुख्य अभियुक्त उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही इस जघन्य कांड के सभी दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी व सज़ा हो।

ये भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी: पत्रकार की मौत सुर्खियों में क्यों नहीं आ पाई?

धरना का नेतृत्व करते हुए भाकपा माले विधायक ने कहा कि देश के किसानों ने ये भली भांति समझ लिया है कि मौजूदा केंद्र की सरकार, जिसने देश के रक्षा क्षेत्र से लेकर तमाम सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का कार्य धड़ल्ले से शुरू कर रखा है। अब वह खेत और किसानी को भी उन्हीं निजी और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों देने पर आमादा है। यदि ऐसा हो गया तो झारखण्ड जैसे राज्य जहाँ के सभी गरीब जो आज पीडीएस के अनाज से किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहें सबके सब भूखों मारे जायेंगे। 

प्रदर्शनकारियों ने भाजपा पर, किसान आन्दोलन को कुचलने का लगाया आरोप 

लखीमपुर खीरी में हुए नरसंहार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश में जारी किसान आन्दोलन उनके सत्ता हथियाने के ‘हिन्दू मुसलमान’ कार्ड पर सीधा चोट कर रहा है। जिस मुजफ्फरनगर के दंगे ने भाजपा को सत्ताशीन किया, जिसके जरिये देश में समाजिक विभाजन और एकता तोड़ने की सुनियोजित सियासत शुरू हुई, आज के किसान आन्दोलन ने उसी मुजफ्फरनगर क्षेत्र में विशाल किसान पंचायतों का आयोजन कर देश की समाजिक एकता को जोड़ने और सांप्रदायिक सद्भाव की मिशाल कायम की है। किसान आन्दोलन से भाजपा की बेचैनी का मुख्य कारण यही है।

ये भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी की घटना में निहित चेतावनी को अनदेखा न करें!

मासस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने भी इस कांड पर केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारों की जन विरोधी भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को गाड़ी से रौंदने की घटना कोई स्वाभाविक नहीं बल्कि एक साजिश का हिस्सा है। वीडियो फुटेज और गाड़ी के नंबर से साफ़ हो गया है कि ऐसी अमानवीय घटना को अंजाम देने वाला इंसान तो हो ही नहीं सकता, ऐसों को समाज में खुला छोड़ना समाज के लिए भी ख़तरा है।  

धरना को मासस व माले के कई केन्द्रीय नेताओं के अलावे प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए कई प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। बाद में इस धरने के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी दिया गया।

दूसरा कार्यक्रम राजधानी की पहचान एल्बर्ट एक्का चौक पर ‘सर्व धर्म समाज’ के नेतृत्व में नागरिक प्रतिवाद के रूप में हुआ। जिसमें विभिन्न सामाजिक जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिवाद पोस्टर प्रदर्शित करते हुए मारे गए किसानों व पत्रकार की याद में कैंडल भी जलाये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने एक स्वर से आरोप लगाया कि योगी सरकार द्वारा अभी तक केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार नहीं करना, किसान आन्दोलन को कुचलने की साजिश लगती है।

इसके एक दिन पहले ही 5 अक्टूबर को वर्तमान राज्य सरकार के प्रमुख घटक दल झामुमो कार्यकर्ताओं ने घटना के विरोध में राजधानी समेत पूरे प्रदेश में प्रतिवाद प्रदर्शित करते हुए कैंडल मार्च निकाला। इसके माध्यम से इस कांड के मुख्य दोषी आशीष मिश्रा को फांसी की सज़ा देने की मांग तक कर डाली। साथ ही उसके पिता केन्द्रीय राज्य मंत्री को अविलम्ब मंत्री पद और लोकसभा से बर्खास्त करने की भी मांग की। इस अभियान में रांची में जानी मानी लेखिका महुआ माजी ने प्रतिवाद का नेतृत्व किया।

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते प्रदर्शनकारी 

ख़बरों के अनुसार 5 अक्टूबर को ही किसानों के हत्याकांड का वीडियो देखने के बाद प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों के सवाल के जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अपनी तीखी प्रतिक्रिया में यह भी कहा कि जिस तरह से महीनों से देश के किसान सड़कों पर हैं लेकिन केंद्र की सरकार की कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है। केंद्र सरकार के मंत्री, विधायक, किसानों को अंगूठा दिखा रहें हैं। अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से किसानों को कुचलने का निर्देश दिया जा रहा है। मुझे लगता है भारतीय राजनीति के इस क्रूर चहरे से सबको सीख लेनी चाहिए। 

ये भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड: "मुआवज़ा हमारे मरे बच्चों को वापस नहीं लाएगा"

उन्होंने यह भी कहा कि देश भगवान् भरोसे चल रहा है। सत्ता के प्रभाव का दुरूपयोग किया जा रहा है। अब जो भी होगा देश की जनता की अदालत में ही होगा। हमारी संवेदना उन किसानों और उनके परिवारों के प्रति है। इस सवाल को लेकर पूरे राज्य में जेएमएम कार्यकर्ता मोमबत्ती जलाकर मारे गए किसानों को श्रद्धांजली दे रहें हैं।

राजधानी के मोरहाबादी स्थित बाबू वाटिका में प्रोफेसनल्स कांग्रेस के सदस्यों ने भी कैंडल जलाकर लखीमपुर में मारे गए किसानों को श्रद्धांजली दी।

एक चर्चा यह भी है कि संभवतः यह पहला मौक़ा है जब प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार को बात-बात पर घेरने वाले प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नेताओं के ट्विटर और सोशल मीडिया इस कांड को लेकर पूरी तरह से खामोश रहे। 

ये भी पढ़ें: लखीमपुर में किसानों की हत्या भाजपा सरकार के ताबूत में आख़िरी कील

Famers
Lakhimpur Kheri
agrarian crisis
UP Government
Ajay Mishra
BJP
Agriculture
Jharkhand

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License