NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जो बाइडन ने यमन में सऊदी नेतृत्व वाले युद्ध के लिए अमेरिकी मदद समाप्त करने की घोषणा की
अमन पसंद एक्टिविस्टों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है। हालांकि, कुछ ने आशंका व्यक्त की कि सऊदी के रक्षात्मक कार्यों के लिए बाइडन की घोषणा भविष्य में आक्रामकता का कारण बन जाएगा।
पीपल्स डिस्पैच
05 Feb 2021
जो बाइडन ने यमन में सऊदी नेतृत्व वाले युद्ध के लिए अमेरिकी मदद समाप्त करने की घोषणा की

मानवाधिकार और शांति समूहों द्वारा एक दीर्घकालिक मुहिम पर निर्णय लेते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार 5 फरवरी को घोषणा की कि यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले युद्ध में यूएस कोई मदद नहीं करेगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि उनका प्रशासन पूरी तरह से युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों पर काम कर रहा है।

बाइडन ने राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश नीति के संबोधन में कहा कि जिस युद्ध ने बड़े पैमाने पर मानवीय तबाही मचाई है उसे "खत्म होना है" और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अमेरिका "सऊदी अरब और इसके सहयोगियों को हथियार बेचने सहित आक्रामक अभियानों के लिए सभी मदद को समाप्त कर रहा है"।

हालांकि, बाइडन ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका प्रशासन सऊदी अरब की रक्षात्मक मामलों में अपनी मदद जारी रखेगा और उसकी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगा।

यमन में सऊदी नेतृत्व वाले युद्ध प्रयासों के लिए मदद को समाप्त करने की घोषणा का कई एक्टिविस्ट और मानवाधिकार संगठनों ने स्वागत किया है जो वर्षों से इसके लिए अभियान चला रहे हैं। सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने एक बयान में इस घोषणा का स्वागत किया और इसे "वर्षों से भारी संख्या में एक्टिविस्टों के कार्यों को श्रद्धांजलि" देने जैसा बताया। उन्होंने यह भी कहा कि, "यमन को भोजन, दवा और चिकित्सा व्यवस्था की आवश्यकता है न कि बम और नाकेबंदी की।"

अपने चुनावी वादे को पूरा करने और युद्ध के प्रयासों के लिए अमेरिकी मदद को समाप्त करने जैसे वादे को पूरा करने के लिए CODEPINK सहित अन्य संगठनों ने दिसंबर में चुनावों जीतने के बाद बाइडन को पत्र लिखा था। CODEPINK तथा अन्य संगठनों ने बाइडन प्रशासन के हालिया घोषणा का स्वागत किया है।

सऊदी अरब के नेतृत्व में यमन में युद्ध की शुरुआत 2015 में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के सक्रिय मदद से हुई थी। हाउथिस द्वारा राजाधानी साना और यमन के अधिकांश क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद देश से निर्वासित राष्ट्रपति अब्दरबुह मसूर हादी की सत्ता को स्थापित करने के क्रम में इसकी शुरुआत हुई थी। उन पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। तब से, सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बमबारी की, समुद्र और जमीनी नाकेबंदी की जिसके चलते यहां भोजन, दवाओं और बुनियादी ढांचे की कमी होने लगी जिससे हजारों लोगों की मौत हुई और लाखों लोगों को भुखमरी का शिकार होना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र द्वारा यमन की परिस्थिति को “सदी का सबसे बड़ा मानवीय संकट” बताया गया है।

इल्हान उमर, रशीदा तलीब, रो खन्ना सहित अन्य डेमोक्रेटिक कांग्रेसियों ने भी इस घोषणा का स्वागत किया।

Joe Biden
yemen
YEMEN WAR
America
Saudi Arab

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

क्या यमन में युद्ध खत्म होने वाला है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License