NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जॉर्डनः देश का सबसे बड़ा शिक्षक संघ दो साल के लिए बंद, नेता गिरफ़्तार
शिक्षक संघ ने घोषणा की कि वह इस न्यायिक निर्णय के ख़िलाफ़ बुधवार को विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगा।
पीपल्स डिस्पैच
27 Jul 2020
जॉर्डन

जॉर्डन के न्यायिक अधिकारियों ने शनिवार 25 जुलाई को अगले दो वर्षों के लिए देश के सबसे बड़े शिक्षक संघ को बंद करने का आदेश दिया है। जॉर्डन के सुरक्षा बलों ने संघ कार्यालयों पर छापेमारी के साथ-साथ पूछताछ के लिए संघ के कई नेताओं को भी हिरासत में लिया। इन अधिकारियों ने पिछले साल एक भाषण के आधार पर संघ के कार्यवाहक प्रमुख पर 'उकसावे' का आरोप लगाया जो प्रधानमंत्री उमर अल रज़़ाज़़ की सरकार के लिए आलोचनात्मक था।

अपराध और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पूछताछ के लिए अधिकारियों द्वारा संघ की परिषद के अन्य सदस्यों को भी बुलाया गया था। शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के लिए 2019 के समझौते के प्रति सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा नहीं करने के ख़िलाफ़ शिक्षक संघ द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने के कुछ ही दिन बाद ये कार्रवाइयां हुईं।

पेट्रा न्यूज एजेंसी के अनुसार अम्मान में सरकारी वकील हसन अब्दल्लात ने शनिवार को पूरे जॉर्डन में सभी शाखाओं और कार्यालयों के साथ-साथ संघ के मुख्यालय को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया था। अधिकारियों द्वारा संघ की परिषद पर लगाए गए आरोपों के बारे में सटीक विवरण का अभी तक विस्तार से खुलासा नहीं किया गया है। अब्दल्लात को केवल यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि आरोपों में 'वित्तीय उल्लंघन' शामिल थे। इसके अलावा विभिन्न आरोपों की जांच में एक प्रतिबंध लगाने वाले आदेश भी जारी किए गए हैं।

देश के सबसे बड़े जॉर्डन शिक्षक संघ में इसके सदस्यों के रूप में 1,00,000 से अधिक शिक्षक हैं। संघ द्वारा अक्टूबर में बड़े पैमाने पर, महीने भर चलने वाले देशव्यापी हड़ताल के बाद पिछले साल हुए समझौते को लागू करने में सरकार की विफलता के ख़िलाफ़ नियमित रूप से विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता रहा है। अनुभव, लंबी आयु, वरिष्ठता आदि जैसी चीजों पर निर्भर शिक्षकों के लिए 35 से बढ़ाकर 75 तक वेतन तय करने का ये समझौता है।

सरकार ने अप्रैल में यह कहते हुए समझौते को तोड़ दिया था कि जारी कोरोनोवायरस महामारी के कारण इस साल सार्वजनिक क्षेत्र की वेतन वृद्धि रुक जाएगी। इसने इस महामारी के परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी और वित्तीय कोष की कमी को लेकर इस निर्णय को दोषी ठहराया। जॉर्डन में अब तक कोरोनावायरस के 1154 मामले सामने आए हैं, इसके चलते 11 लोगों की मौत हो गई है। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने हाल ही में कहा था कि देश में महामारी पर नियंत्रण कर लिया गया है और सरकार अब अर्थव्यवस्था को फिर से स्थिर करने और फिर से खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इस बीच शिक्षकों के संघ ने कहा है कि यह संघ को अचानक व आधारहीन तरीके से बंद करने और अपने नेताओं की मनमानी गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ बुधवार 29 जुलाई को एक प्रदर्शन का आयोजन करेगा।

Jordan
Largest teacher's union
Teachers union
Coronavirus
economic crises

Related Stories

प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?

श्रीलंका का संकट सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए चेतावनी

कोविड-19 टीकाकरण : एक साल बाद भी भ्रांतियां और भय क्यों?

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध का भारत के आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

कोरोना के दौरान सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं ले पा रहें है जरूरतमंद परिवार - सर्वे

हम भारत के लोग: समृद्धि ने बांटा मगर संकट ने किया एक

स्पेन : 'कंप्यूटर एरर' की वजह से पास हुआ श्रम सुधार बिल

दिल्ली: क्या कोरोना के नए मामलों में आई है कमी? या जाँच में कमी का है असर? 

कोविड पर नियंत्रण के हालिया कदम कितने वैज्ञानिक हैं?


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License