NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी में फिर पत्रकार पर मुकदमा, राशन किट में कथित गड़बड़ी को किया था उजागर!
रविन्द्र सक्सेना के अनुसार उन्हें एक क्वारंटीन सेंटर में मिलने वाले राशन में गड़बड़ी की ख़बर मिली थी। जिसके बाद उन्होंने वहां हो रही लापरवाहियों का वीडियो बनाकर अपने पोर्टल पर ख़बर चलाई। जिसे लेकर प्रशासन के एक लेखपाल द्वारा उन पर हरिजन एक्ट, आपदा प्रबंधन और लॉकडाउन का उल्लंघन जैसे मामलों में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
सोनिया यादव
18 May 2020
यूपी में फिर पत्रकार पर मुकदमा

“मेरे साथ अन्याय हुआ है, मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। प्रशासन एफआईआर के जरिए पत्रकारों को खामोश करना चाहता है, लेकिन कुछ भी हो सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता। मैं चाहता हूं कि मुझ पर लगाए फर्जी मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए और दोषी लेखपालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।”

ये शिकायत उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के स्थानीय पत्रकार रविन्द्र सक्सेना की है। रविन्द्र सक्सेना ने जिले के महोली तहसील में बनाए गए एक क्वारंटीन सेंटर की बदहाली की ख़बर अपने पोर्टल पर दिखाई, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन द्वारा बाहर से आए लोगों के लिए 14 दिन क्वारंटीन की व्यवस्था की गई है। इसी प्रक्रिया के तहत महोली में भी क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। यहां से निकलने के बाद प्रशासन की तरफ से सभी लोगों को चावल और अन्य जरूरी सामानों की एक राशन किट मुहैया करवाई जाती है।

रविन्द्र के अनुसार उन्हें यहां मिलने वाले राशन में गड़बड़ी की ख़बर मिली थी। जिसके बाद उन्होंने इस क्वारंटीन सेंटर का दौरा किया और वहां हो रही लापरवाहियों का वीडियो बनाकर अपने पोर्टल पर ख़बर चलाई। जिसके बाद प्रशासन के एक लेखपाल द्वारा उन पर हरिजन एक्ट, आपदा प्रबंधन और लॉकडाउन का उल्लंघन जैसे मामलों में मुकदमा दर्ज करा दिया है। जबकि धारा 188 पत्रकारों पर लागू ही नहीं होती। क्योंकि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार वे आवश्यक कर्मचारी की श्रेणी में आते हैं।

क्या है ख़बर वाली वीडियो में?

लगभग तीन मिनट के इस वीडियो में पत्रकार रविन्द्र कहते हैं कि प्रदेश सरकार लगातार कह रही है कि क्वारंटाइन किए व्यक्तियों को बेहतर से बेहतर राशन उपलब्ध करवाया जाए, लेकिन महोली तहसील में इससे इतर कार्य हो रहा है। तहसील प्रशासन भले ही बेहतर राशन का दावा कर रही हो लेकिन सच्चाई इससे कोसो दूर है। पत्रकार राशन स्टाक करने की जगह का हाल दिखाते हैं।

video.png

साथ ही बात होती है बाबूराम की, जिन्हें कृषक इंटर कॉलेज में क्वारंटाइन किया गया था और उसके बाद उन्हें घर भेजा गया तो घटिया क्वालिटी का चावल मुहैया कराया गया। बाबूराम कहते हैं कि एसडीएम से शिकायत करने आया था लेकिन यहां कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि चावल सड़ा है, इससे दुर्गंध आ रही है।

रविन्द्र का कहना है कि जब वो एसडीएम ऑफिस में ख़बरों के सिलसिले में गए थे तो वहां उनकी मुलाकात बाबूराम से हुई, जिन्हें महोली में क्वारंटीन किया गया था। बाबूराम एसडीएम शशि भूषण राय से वहां कि बदहाली की शिकायत लेकर पहुंचे थे। उनके पास फफूंद लगे चावल थे, जो उन्हें क्वारंटीन सेंटर से मिले थे। इसी ख़बर को वीडियो और बाइट के साथ स्थानीय टुडे-24 पोर्टल पर सात मई को दिखाया गया था।

क्या कहना है जर्नलिस्ट एसोसिएशन का?

इस मामले पर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “सभी क्वारंटीन किए गए लोगों को घर जाते समय प्रशासन द्वारा एक राशन किट दी जा रही है, जिसमें कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। पत्रकार रविंद्र ने इसी किट में मिले फफूंद लगे चावल पर एक रिपोर्ट करने की कोशिश की। इस मामले का वीडियो बनाते समय वहां मौजूद लेखपालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे किसी तरह इस वीडियो को बनाने में कामयाब रहे। इसके बाद लेखपाल ऋषभ गौतम जो कि अनुसुचित जाति/ जनजाति से संबंध रखते हैं, उन्होंने इनके खिलाफ जातिसूचक शब्द बोलने और हाथापाई करने की शिकायत एसडीएम से की, जिसके बाद एसडीएम द्वारा थाना प्रभारी पर फोन करके दबाव बनाया गया और पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।”

महेंद्र अग्रवाल आगे सवाल करते हुए कहते हैं कि कोई पत्रकार को ख़बर संकलन से कैसे रोक सकता है? हमें इस संबंध में एफआईआर होने के बाद जानकारी मिली। हमने डीएम अखिलेश तिवारी से बात की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि रविन्द्र को परेशान नहीं किया जाएगा। सच्चाई क्या है उसका पता लगाकर आगे की कार्रवाई होगी। हम आज भी मिलने गए थे लेकिन व्यस्तता के कारण मुलाकात नहीं हो पाई। हम चाहते हैं कि अभिव्यक्ति की आज़ादी बनी रहे। पत्रकारों का किसी तरीके से कोई शोषण न हो, उनकी आवाज़ को न दबाया जाए।”

क्या कहना है पुलिस का?

इस मामले की जांच कर रहे सीओ सदर एमपी सिंह ने न्यूज़क्लिक को जानकारी देते हुए कहा, “अभी इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। मैंने आज घटना स्थल का मुआयना किया है, इसके साथ ही जिनकी ओर से मामला दर्ज करवाया गया था, उनसे भी बयान ले लिया गया है। आगे अभी जांच जारी है, सभी तथ्यों के सामने आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।”

इस संबंध में न्यूज़क्लिक ने फोन के माध्यम से सिटी मेजिस्ट्रेट पूजा मिश्रा और जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।

गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के नाम पर नमक रोटी देने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जयसवाल पर प्रशासन ने केस दर्ज किया था, इसके बाद भी अन्य कई पत्रकारों के मामले सुर्खियों में रहे। हाल ही में लॉकडाउन के बीच यूपी पुलिस ने द वायर वेबसाइट के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी व्यापक तौर पर आलोचना भी हुई थी।

इसे भी पढ़ें: मिर्ज़ापुर : क्या प्रशासन पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर अपनी नाकामी छिपा रहा है?

UttarPradesh
Yogi Adityanath
BJP
journalist
FIR Against Journalist
Ration Distribution scam
Lockdown
Ravindra Saxena

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License