NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कानपुर: राष्ट्रपति के काफ़िले के लिए देर तक रोका यातायात, महिला की मौत, 4 पुलिसकर्मी निलंबित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के शहर आगमन से कुछ देर पूर्व रोके गए ट्रैफिक में महिला उद्यमी वंदना मिश्रा फंसी रहीं। वे इलाज कराने के लिए अस्पताल जा रही थीं, लेकिन ट्रैफिक में फंसे होने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई।
भाषा
27 Jun 2021
कानपुर: राष्ट्रपति के काफ़िले के लिए देर तक रोका यातायात, महिला की मौत, 4 पुलिसकर्मी निलंबित
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

कानपुर (उत्तर प्रदेश): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यात्रा के दौरान निर्धारित समय से अधिक समय तक यातायात रोकने के लिए एक उपनिरीक्षक सहित चार पुलिस कर्मियों को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। अधिक समय तक यातायात रोकने की वजह से एक बीमार महिला उद्यमी कथित तौर पर समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकी और उनकी मौत हो गई।

इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त दक्षिण को सौंपी गयी है और उनसे पुलिस आयुक्त को अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के शहर आगमन से कुछ देर पूर्व रोके गए ट्रैफिक में महिला उद्यमी वंदना मिश्रा फंसी रहीं। वे इलाज कराने के लिए अस्पताल जा रही थीं, लेकिन ट्रैफिक में फंसे होने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। जाम खुलने के बाद वे अस्पताल पहुंच सकीं, लेकिन वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने कहा कि भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) की कानपुर इकाई में महिला प्रकोष्ठ की की अध्यक्ष वंदना मिश्रा के असामयिक निधन से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आहत हैं।

मिश्रा को ले जा रहा वाहन शुक्रवार शाम राष्ट्रपति के दौरे के दौरान गोविंदपुरी पुल पर रुके हुए यातायात में कथित रूप से फंस गया। उन्हें काकादेव के एक निजी अस्पताल में ले जाया जा रहा था। महिला उद्यमी के निधन की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आयुक्त ने व्यक्तिगत रूप से इस घटना के लिए माफी मांगी ।

अरुण ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ' आईआईए की अध्यक्षा बहन वन्दना मिश्रा जी के निधन के लिये कानपुर नगर पुलिस और मैं क्षमा प्रार्थी हूं। भविष्य के लिये यह बड़ी सबक हैं। हम प्रण करते हैं कि हमारी रूट व्यवस्था ऐसी होगी कि न्यून्तम समय के लिये नागरिकों को रोका जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हों।’’ अरुण ने आगे बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वंदना मिश्रा के असामयिक निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पुलिस आयुक्त और जिला अधिकारी को बुलाया और शोक संतप्त परिवार को अपना शोक संदेश देने के लिए कहा।

मृतक के पति शरद मिश्रा ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वंदना को काकादेव के रीजेंसी अस्पताल ले जाते समय वे गोविंदपुरी पुल पर फंस गयें।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस से बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें मरीज को अस्पताल ले जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी। पुलिस द्वारा यातायात खोले जाने के बाद ही हमें जाने दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें (वंदना मिश्रा) मृत घोषित कर दिया।

शरद मिश्रा ने दावा किया कि डॉक्टरों ने कहा कि अगर महिला को समय पर अस्पताल लाया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।

UttarPradesh
UP police
KANPUR
Ram Nath Kovind

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी


बाकी खबरें

  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    यूपी: योगी 2.0 में उच्च-जाति के मंत्रियों का दबदबा, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की जगह ख़ानापूर्ति..
    02 Apr 2022
    52 मंत्रियों में से 21 सवर्ण मंत्री हैं, जिनमें से 13 ब्राह्मण या राजपूत हैं।
  • अजय तोमर
    कर्नाटक: मलूर में दो-तरफा पलायन बन रही है मज़दूरों की बेबसी की वजह
    02 Apr 2022
    भारी संख्या में दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन देश भर में श्रम के अवसरों की स्थिति को दर्शाता है।
  • प्रेम कुमार
    सीबीआई पर खड़े होते सवालों के लिए कौन ज़िम्मेदार? कैसे बचेगी CBI की साख? 
    02 Apr 2022
    सवाल यह है कि क्या खुद सीबीआई अपनी साख बचा सकती है? क्या सीबीआई की गिरती साख के लिए केवल सीबीआई ही जिम्मेदार है? संवैधानिक संस्था का कवच नहीं होने की वजह से सीबीआई काम नहीं कर पाती।
  • पीपल्स डिस्पैच
    लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया
    02 Apr 2022
    इज़रायल के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में और विदेशों में रिफ़्यूजियों की तरह रहने वाले फ़िलिस्तीनी लोग लैंड डे मनाते हैं। यह दिन इज़रायली क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ साझे संघर्ष और वापसी के अधिकार की ओर प्रतिबद्धता का…
  • मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद ज़ीशान अहमद
    भारत को अपने पहले मुस्लिम न्यायविद को क्यों याद करना चाहिए 
    02 Apr 2022
    औपनिवेशिक काल में एक उच्च न्यायालय के पहले मुस्लिम न्यायाधीश, सैयद महमूद का पेशेवराना सलूक आज की भारतीय न्यायपालिका में गिरते मानकों के लिए एक काउंटरपॉइंट देता है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License