NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कानून
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कर्नाटक: बीजेपी सरकार का फ़ैसला जिसके पास टीवी वो गरीब नहीं, लौटाएं बीपीएल कार्ड
कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने एक अजीबोगरीब फैसला लिया है, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं। सरकार के फ़ैसले के मुताबिक कर्नाटक में टीवी, फ्रिज या बाइक रखने वालों को बीपीएल कार्ड लौटाना होगा, वरना उनपर कार्रवाई होगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
17 Feb 2021
Ration card
चित्र साभार: रॉयटर्स

कर्नाटक सरकार ने दो पहिया वाहन, टीवी, फ्रिज या पांच एकड़ से ज्यादा जमीन के स्वामित्व वाले बीपीएल राशन कार्ड धारकों से 31 मार्च तक इसे वापस करने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

खाद्य और आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी ने बेलगावी में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए) कार्ड रखने को लेकर कुछ मापदंड हैं। उनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन, मोरसाइकिल, टीवी या फ्रीज नहीं होने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरते हैं, उन्हें कार्ड वापस कर देने चाहिए अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।’’

मंत्री ने कहा कि सालाना 1.20 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों को बीपीएल कार्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और इसे 31 मार्च के पहले वापस कर देना चाहिए।

कांग्रेस ने मंत्री के इस बयान की आलोचना की और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में विभिन्न राशन दुकानों के सामने प्रदर्शन किया।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धारवाड़, मैसुरु और तुमकुरु में भी प्रदर्शन किया।

कांग्रेस विधायक टी टी खादर ने कहा कि जब इन सामानों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज का प्रस्ताव दिया जाएगा तो स्वाभाविक है कि लोग इसकी खरीदारी करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला ‘जनविरोधी’ है और ‘बीपीएल कार्ड छीनने’ के बजाए उन्हें लाभार्थियों की पहचान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

BPL households
karnataka
BJP

Related Stories

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी

हिजाब मामले पर कोर्ट का फ़ैसला, मुस्लिम महिलाओं के साथ ज़्यादतियों को देगा बढ़ावा

क्या मुस्कान इस देश की बेटी नहीं है?

हिजाब विवाद: कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में याचिका दायर

उत्तराखंड: एआरटीओ और पुलिस पर चुनाव के लिए गाड़ी न देने पर पत्रकारों से बदसलूकी और प्रताड़ना का आरोप

उत्तराखंड चुनाव: राज्य में बढ़ते दमन-शोषण के बीच मज़दूरों ने भाजपा को हराने के लिए संघर्ष तेज़ किया

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल

तमिलनाडु : किशोरी की मौत के बाद फिर उठी धर्मांतरण विरोधी क़ानून की आवाज़

हरदोई: क़ब्रिस्तान को भगवान ट्रस्ट की जमीन बता नहीं दफ़नाने दिया शव, 26 घंटे बाद दूसरी जगह सुपुर्द-ए-खाक़!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी
    23 May 2022
    "युवाओं तथा मध्य आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। हर चौथा व्यक्ति हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होगा।"
  • आज का कार्टून
    “मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”
    23 May 2022
    अपने विदेशी यात्राओं या कहें कि विदेशी फ़ोटो-शूट दौरों के दौरान प्रधानमंत्री जी नेताओं के साथ, किसी ना किसी बच्चे को भी पकड़ लेते हैं।
  • students
    रवि शंकर दुबे
    बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?
    23 May 2022
    उत्तराखंड में एक बार फिर सवर्ण छात्रों द्वारा दलित महिला के हाथ से बने भोजन का बहिष्कार किया गया।
  • media
    कुश अंबेडकरवादी
    ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर
    23 May 2022
    भारतीय मीडिया का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें नंबर पर पहुंच गया है।
  • सत्येन्द्र सार्थक
    श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर
    23 May 2022
    निर्माण मज़दूर राजेश्वर अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं “दिल्ली के राजू पार्क कॉलोनी में मैंने 6-7 महीने तक काम किया था। मालिक ने पूरे पैसे नहीं दिए और धमकी देकर बोला ‘जो करना है कर ले पैसे नहीं दूँगा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License