NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केरल विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा  
विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून ‘‘ किसान-विरोधी’’ और ‘‘ कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले’’ हैं।
भाषा
31 Dec 2020
केरल विधानसभा

तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृस्पतिवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया और केन्द्र में भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना सााधा।

किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने और उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुलाए गए एक घंटे के विशेष सत्र में यह प्रस्ताव पेश किया गया।

विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून ‘‘ किसान-विरोधी’’ और ‘‘ कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले’’ हैं।

विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब लोगों को उनके जीवन को प्रभावित करने वाले किसी मुद्दे को लेकर चिंता हो, तब विधानसभाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस पर गंभीरता से विचार करे।’’

उन्होंने कहा कि केन्द्र ऐसे समय पर यह विवादास्पद कानून लेकर आई है, जब कृषि क्षेत्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसलिए किसानों को चिंता है कि वे मौजूदा समर्थन मूल्य का फायदा भी खो देंगे।

Kerala
kerala assembly
Farm bills 2020
farmers protest

Related Stories

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

केरल में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत लगभग सभी संस्थान बंद रहे


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता
    28 Apr 2022
    जनजातीय समूह मानते रहे हैं कि वे हिंदू धर्म से अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं, इसलिए उन्हें अलग धर्म संहिता दी जाना चाहिए, ताकि आने वाली जनगणना में उन्हें अलग समहू के तौर पर पहचाना जा…
  • संदीप चक्रवर्ती
    कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च
    28 Apr 2022
    नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी-आरएसएस की ताक़त बढ़ी तो वह देश को हिन्दू राष्ट्र बना देंगे जहां अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक जैसा बर्ताव किया जाएगा।
  • राज वाल्मीकि
    ब्राह्मणवादी व्यवस्था ने दलितों को ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण स्त्री समुदाय को मानवाधिकारों से वंचित रखा: चौथीराम यादव
    28 Apr 2022
    पंडिता रमाबाई के परिनिर्वाण दिवस के 100 साल पूरे होने पर सफाई कर्मचारी आंदोलन ने “पंडिता रमाबाई : जीवन और संघर्ष” विषय पर कार्यक्रम किया।
  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    5 साल में रोज़गार दर 46 फ़ीसदी से घटकर हुई 40 फ़ीसदी
    28 Apr 2022
    CMIE के आंकड़ों के मुताबिक भारत की काम करने लायक़ 90 करोड़ आबादी में नौकरी और नौकरी की तलाश में केवल 36 करोड़ लोग हैं। तकरीबन 54 करोड़ आबादी रोज़गार की दुनिया से बाहर है। बेरोज़गरी के यह आंकड़ें क्या कहते…
  • राजु कुमार
    बिना अनुमति जुलूस और भड़काऊ नारों से भड़का दंगा
    28 Apr 2022
    मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी सहित आठ राजनीतिक दलों की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल ने खरगोन के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License