NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
केरल: चर्चित नन रेप केस में आरोपी बिशप बरी, फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगी नन
एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी एस. हरिशंकर ने कहा कि ये फैसला स्वीकार्य नहीं है और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Jan 2022
kerala nun case

केरल का चर्चित नन रेप केस शुक्रवार, 14 जनवरी को जब न्याय के अंतिम मुहाने पर था, तभी आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को अदालत ने बरी कर दिया। मुलक्कल भारत के पहले कैथोलिक बिशप थे, जिन्हें नन का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। केरल की कोट्टायम पुलिस ने नन के दुष्कर्म मामले में आरोपित बिशप के खिलाफ 2018 में मुकदमा दर्ज किया था।

फैसला सुनने के बाद मुलक्कल ने जहां राहत की सांस ली, वहीं पीड़िता की समर्थक ननों ने अदालत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए निराशा प्रकट की और कहा कि न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी एस. हरिशंकर ने भी कहा कि ये फैसला स्वीकार्य नहीं है और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

विवादों से भरा ये मामला साल 2018 में सामने आया। जालंधर डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर एक नन का 2014 से 2016 के बीच 13 बार रेप करने का आरोप लगा। इस दौरान केरल मिशनरीज़ पर फ्रैंक मुक्कल को बचाने के आरोप भी लगे, प्रदर्शन करने वाली नन्स को कॉन्वेंट से निकाल दिया गया। सितंबर, 2018 में फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी हुई। हालांकि, तीन हफ्ते के अंदर ही आरोपी को ज़मानत भी मिल गई थी।

इन आरोपों को फ्रैंको मुलक्कल ने झूठा करार देते हुए कहा था कि नन का भाई उसे धमका रहा था, क्योंकि बतौर बिशप उसने आरोप लगाने वाली नन को मदर सुपीरियर के पद से हटा दिया था। इस मामले में नन के भाई के खिलाफ पुलिस जांच भी शुरू हुई थी।

इसके बाद पीड़ित नन ने चर्च की सबसे बड़ी संस्था वेटिकन के राजदूत और पोप को पत्र लिखकर न्याय सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। नन ने आरोप लगाया कि चर्च ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया, पादरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, इस वजह से उन्हें पुलिस के पास जाना पड़ा।

शिकायत के बाद कई नन, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला संगठन और नेता नन के समर्थन में आए, राष्ट्रीय महिला आयोग ने कार्रवाई में तेज़ी की मांग की। मामले की जांच के लिए एसआईटी यानी विशेष जांच दल का गठन हुआ। पीड़ित नन के रिश्तेदार ने दावा किया कि उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। अगस्त, 2018 में आरोप लगाने वाली नन के समर्थन में चार नन्स ने केरल हाईकोर्ट के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी। फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग तेज होने लगी। तमाम दबावों के बीच सितंबर, 2018 में फ्रैंको मुलक्कल को जालंधर से कोच्चि लाया गया. तीन दिन तक चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। हालांकि तीन हफ्ते के अंदर ही बिशप को बेल मिल गई।

संगीन धाराओं में पेश हुई थी चार्जशीट

फ्रेंको मुलक्कल पर नन ने रेप के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध जैसे संगीन आरोप भी लगाए थे। मुलक्कल के खिलाफ 83 गवाह थे। इस केस में कोर्ट में 2 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसके साथ लैपटॉप, मोबाइल और मेडिकल टेस्ट समेत 30 सुबूत लगाए गए थे।

  • मुलक्कल के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से बंद रखने), 376C (पद का दुरुपयोग कर यौन संबंध बनाने), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 506(1) (धमकी) के तहत आरोप लगाए गए थे। चार्जशीट में 83 गवाह बनाए हैं।
  • सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के मेजर आर्कबिशप कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी, पाला डायोसिस बिशप जोसेफ कल्लारंगट, भागलपुर बिशप कुरियन वलियाकंडाथिल और उज्जैन डायोसिस के बिशप सेबेस्टिन वडाक्किल के साथ 11 पादरी और 25 नन भी शामिल हैं।
  • 10 गवाहों ने सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे बयान भी दर्ज करावाए। बयान दर्ज करने वाले 7 मजिस्ट्रेट भी इस केस में बतौर गवाह शामिल हुए।

चर्च ने आरोप लगाने वाली नन्स के खिलाफ ही जांच शुरू करवी दी

फ्रैंको मुलक्कल ने अपने बचाव में आरोप लगाया था कि नन को एंटी चर्च लोग स्पॉन्सर कर रहे हैं। जस्टिस ऑफ मिशनरीज़ ने फ्रैंको पर आरोप लगाने वाली नन समेत छह नन्स के खिलाफ जांच बिठा दी थी। इनमें से चार वो नन थीं जिन्होंने केरल हाईकोर्ट के बाहर भूख हड़ताल की थी। विक्टिम का साथ देने वाली चार नन्स- सिस्टर एल्फी पल्लास्सेरिल, अनुपमा केलामंगलाथुवेलियिल, जॉसेफिन विल्लून्निक्कल और अंचिता ऊरुम्बिल- को चर्च की तरफ से जनवरी, 2019 में चिट्ठी लिखी गई और कहा गया कि उन्हें कोट्टायम छोड़कर जाना होगा।

इस चिट्ठी में ये भी लिखा था कि वो केस लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन केस को वो अपनी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी से बचने का बहाना नहीं बना सकती हैं। इन नन्स का आरोप था कि वो लोग बिशप मुलक्कल के खिलाफ खड़ी हैं और उन्हें अलग करके कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, एक अन्य नन लूसी पर नियमों के खिलाफ ड्राइविंग लाइसेंस लेने, पैसे उधार लेने, कविता की किताब छपवाने, जानकारी के बिना पैसा खर्च करने, नन की ड्रेस न पहनने और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने जैसे आरोप लगाते हुए उन्हें धर्मसभा फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रिगेशन (FCC) से बाहर कर दिया गया था।

अक्टूबर, 2018 में फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ गवाही देने वाले फादर कुरियाकोसे कट्टूथारा की मौत हो गई। 68 साल के फादर कुरियाकोसे जालंधर के भोगपुर इलाके के दासुआ स्थित सेंट मैरी चर्च में मृत पाए गए थे। फादर कुरियाकोसे आरोप लगाने वाली नन के टीचर रहे थे और उन्होंने रेप मामले में नन का सपोर्ट किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गवाही के बाद से ही फादर कुरियाकोसे को जान से मारने की धमकी मिल रही थी, उनकी कार पर हमला भी हुआ था। उनके परिवार ने भी हत्या की आशंका जताई थी। इस मामले में अप्रैल 2019 में चार्जशीट दाखिल की गई और सितंबर, 2020 में मामले की सुनवाई शुरू हुई। 14 जनवरी, 2022 को कोर्ट ने फ्रैंको मुलक्कल को यौन शोषण के आरोपों से बरी कर दिया।

फ्रेंको मुलक्कल ने सभी का धन्यवाद कहा तो वहीं ननों ने नाराज़गी जाहिर की

बरी होने के बाद मुलक्कल ने इस फैसले को भगवान का बड़प्पन कहा। वहीं एक बयान में जालंधर डायोसिस ने भी उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया, जो बिशप की बेगुनाही में विश्वास करते रहे। हालांकि पीड़ित नन का इस लड़ाई में साथ देते आ रहे समूह ने फैसले पर नाराजगी जाहिर की।

मीडिया खबरों के मुताबिक रेप पीड़िता और उनके समर्थक साउथ केरल के कुराविलांगद कॉन्वेंट में रहते हैं। पीड़ित नन के साथ लड़ाई में डटी रही सिस्टर अनुपमा ने कहा कि हम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देंगे। अनुपमा ने कहा कि पीड़िता नन ने फैसले के बाद मुझसे कहा कि मेरे जैसे साधारण इंसान को कितना भी अन्याय हो, मगर उसके खिलाफ आवाज नहीं उठानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘जो अमीर और प्रभावशाली हैं वे इस समाज में कुछ भी कर सकते हैं। समाज में यही हम अपने आसपास देखते हैं। हमने इस मामले की बहस के समय तक कुछ भी अजीब महसूस नहीं किया। हमारा मानना है कि उसके बाद इसे (मामले को) बिगाड़ दिया गया। ’

फ्रेंको मुलक्कल के बरी होने पर सेव अवर सिस्टर फोरम ने भी दुख व्यक्त किया। फोरम के संयुक्त संयोजक शायजू एंटनी मीडिया से कहा कि यह अविश्वसनीय है। 100 प्रतिशत हम कोई लीगल पॉसिबिलिटी नहीं छोड़ेंगे, आगे लड़ाई लड़ेंगे।

Kerala
bishop franco mulakkal
Kerala Nun
nun rape case
Abusers of Nuns

Related Stories


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर एक हज़ार से ज़्यादा नए मामले, 71 मरीज़ों की मौत
    06 Apr 2022
    देश में कोरोना के आज 1,086 नए मामले सामने आए हैं। वही देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 11 हज़ार 871 रह गयी है।
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुसलमानों के ख़िलाफ़ नहीं, देश के ख़िलाफ़ है ये षडयंत्र
    05 Apr 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने दिल्ली की (अ)धर्म संसद से लेकर कर्नाटक-मध्य प्रदेश तक में नफ़रत के कारोबारियों-उनकी राजनीति को देश के ख़िलाफ़ किये जा रहे षडयंत्र की संज्ञा दी। साथ ही उनसे…
  • मुकुंद झा
    बुराड़ी हिन्दू महापंचायत: चार FIR दर्ज लेकिन कोई ग़िरफ़्तारी नहीं, पुलिस पर उठे सवाल
    05 Apr 2022
    सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि बिना अनुमति के इतना भव्य मंच लगाकर कई घंटो तक यह कार्यक्रम कैसे चला? दूसरा हेट स्पीच के कई पुराने आरोपी यहाँ आए और एकबार फिर यहां धार्मिक उन्माद की बात करके कैसे आसानी से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एमपी : डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे 490 सरकारी अस्पताल
    05 Apr 2022
    फ़िलहाल भारत में प्रति 1404 लोगों पर 1 डॉक्टर है। जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मानक के मुताबिक प्रति 1100 लोगों पर 1 डॉक्टर होना चाहिए।
  • एम. के. भद्रकुमार
    कीव में झूठी खबरों का अंबार
    05 Apr 2022
    प्रथमदृष्टया, रूस के द्वारा अपने सैनिकों के द्वारा कथित अत्याचारों पर यूएनएससी की बैठक की मांग करने की खबर फर्जी है, लेकिन जब तक इसका दुष्प्रचार के तौर पर खुलासा होता है, तब तक यह भ्रामक धारणाओं अपना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License