NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केरल सरकार ने CAAको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, असंवैधानिक घोषित करने की मांग
संशोधित नागरिकता कानून को न्यायालय में चुनौती देने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली केरल सरकार पहली राज्य सरकार है। केरल विधानसभा ने ही सबसे पहले इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jan 2020
kerala govt.

दिल्ली : केरल सरकार ने मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। इस याचिका में केरल सरकार ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस कानून को संविधान में प्रदत्त समता, स्वतंत्रता और पंथनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाला करार दिया जाये।

संशोधित नागरिकता कानून को न्यायालय में चुनौती देने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली केरल सरकार पहली राज्य सरकार है। केरल विधानसभा ने ही सबसे पहले इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया था।

शीर्ष अदालत में दायर अपने वाद में केरल सरकार ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि संशोधित नागरिकता कानून, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 14 (समता), अनुच्छेद 21 (जीने का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 25 (अंत:करण की स्वतंत्रता और धर्म को अबाध रूप से मानने और उसका आचरण करने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाये।

शीर्ष अदालत ने संशोधित नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली करीब पांच दर्जन याचिकाओं पर 18 दिसंबर, 2019 को केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था। न्यायालय ने केन्द्र को इन याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे सप्ताह तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

संशोधित नागरिकता कानून 10 जनवरी को राजपत्र में अधिसूचित किये जाने के साथ ही देश में लागू हो गया है। इस कानून में 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिये 22 जनवरी की तारीख निर्धारित की है।

शीर्ष अदालत ने इस कानून को चुनौती देने वाली कुल 59 याचिकाओं पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

शीर्ष अदालत में नागरिकता संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वालों में कांग्रेस के जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, राजद नेता मनोज झा, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, गैर सरकारी संगठन ‘रिहाई मंच’ और ‘सिटीजंस अगेन्स्ट हेट’, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द, आल असम स्टूडेन्ट्स यूनियन (आासू) , अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और कानून के कई छात्र शामिल हैं।


NPR को भी चुनौती
आपको बता दें कि इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register : NPR) के लिए अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक याचिका भी दायर की गई है। 'माइनॉरिटी फ्रंट' नाम के एक एनजीओ ने सीएए के साथ साथ एनपीआर को भी चुनौती दी है। कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि एनपीआर, नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (NRC) के लिए पहला कदम है। याचिका के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही 22 दिसंबर को अपने भाषण में NRC के साथ आगे न बढ़ने की घोषणा कर चुके हैं तो NPR की तैयारी "राष्ट्र के समय, ऊर्जा और मूल्यवान संसाधनों की बर्बादी" के अलावा कुछ भी नहीं है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
 

kerala government
Anti-CAA
Kerala govt challenges CAA
Modi government
Petition against CAA
supreme court of india
Amit Shah
CAA unconstitutional
Pinarayi Vijayan
Left Front Government in Kerala
LDF Government in Kerala

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License