NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
रूस-यूक्रेन युद्ध; अहम घटनाक्रम: रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश 
एक तरफ पुतिन ने रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया है, तो वहीं यूक्रेन में युद्ध से अभी तक 352 लोगों की मौत हो चुकी है।
एपी
28 Feb 2022
putin

पुतिन ने रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का दिया आदेश

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया, जिससे पूर्व और पश्चिम के बीच तनाव और बढ़ गया है।

देश में रूसी सैनिकों और यूक्रेनी सेना के बीच घमासान जारी है, ऐसे में यूक्रेन के नेता रूस के साथ बातचीत करने के लिए सहमत हो गए हैं।

रूस की सेना और टैंक यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस आए हैं और राजधानी के आसपास पहुंच गए हैं।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के ‘‘आक्रामक बयान’’ और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों को तैयार रखने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। इससे आक्रमण के परमाणु युद्ध में तब्दील होने की आशंका पैदा हो गई है..।

अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया, ‘‘रूसी नेता ऐसे बलों को तैयार रहने को कह रहे हैं,और अगर थोड़ी सी भी चूक हुई तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती हैं।’’

पुतिन का यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब रूसी सेना को यूक्रेन से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि देशभर में रूसी बलों के आगे बढ़़ने के बावजूद रूस की कल्पना की तुलना में आक्रमण अधिक कठिन तथा धीमा रहा है, हालांकि समय के साथ हालात बदल सकते हैं।

बढ़ते तनाव के बीच, पश्चिमी देशों का कहना है कि वे रूस पर प्रतिबंधों को और कड़ा करेंगे तथा यूक्रेन के लिए हथियार खरीदेंगे और उसकी आपूर्ति करेंगे, जिसमें हेलीकॉप्टर तथा अन्य विमानों को मार गिराने वाली ‘स्टिंगर मिसाइल’ शामिल हैं।

इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बेलारूस की सीमा पर किसी स्थान पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की योजना की घोषणा की है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक कहां होगी, कब होगी और न ही यह कि सीमा पर संभावित वार्ता में युद्ध को लेकर अंततः रूस की क्या मांग है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि पुतिन, यूक्रेन की सरकार को बेदखल करना चाहते हैं और वहां खुद का शासन चाहते हैं।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख निकाय, 193 सदस्यीय महासभा और अधिक शक्तिशाली 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर सोमवार को अलग-अलग बैठकें करेंगे।

यूक्रेन में युद्ध में अभी तक 352 लोगों की मौत

यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने बताया कि रूस के हमले में अभी तक 14 बच्चों समेत यूक्रेन के 352 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 116 बच्चों समेत 1,684 लोग घायल हुए हैं।

मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों के कितने जवान हताहत हुए हैं।  

रूस ने दावा किया है कि उसके बल केवल यूक्रेन के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं और यूक्रेन के आम नागरिकों को कोई खतरा नहीं है। 

वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को केवल यह स्वीकार किया कि रूसी सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन उसने उनकी संख्या नहीं बताई।

यूक्रेन घटनाक्रम : रेडियोधर्मी कचरे के निपटान स्थल पर गिरी हैं मिसाइलें

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानीकर्ता संस्था ने कहा है कि मिसाइलें यूक्रेन की राजधानी कीव में रेडियोधर्मी कचरे के निपटान स्थल पर जा कर गिरी हैं, लेकिन इससे इमारतों को नुकसान अथवा रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव की कोई रिपोर्ट नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफाइल ग्रोसी ने रविवार रात जारी एक बयान में कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों ने उनके कार्यालय को रात भर हुए हमलों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि उनकी एजेंसी को शीघ्र ही इस संबंध में और जानकारी मिलेगी।

यह रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है जब यूक्रेन के शहर खारकीव में उसी निपटान प्रतिष्ठान में एक इलेक्ट्रानिक ट्रांसफार्मर के काम नहीं करने की सूचना मिली।

इस प्रकार के प्रतिष्ठानों में कम रेडियोधर्मी पदार्थों को इकट्ठा किया जाता है, जैसे अस्पतालों और उद्योगों से निकले सामान। लेकिन ग्रोसी का कहना है कि दो घटनाएं ‘‘बेहद जोखिम’’ रेखांकित करती हैं।

उनका कहना है कि अगर ये स्थान नष्ट हो जाते हैं तो इससे मनुष्य के स्वास्थ्य और पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को अपने बचाव के लिए घातक सैन्य साजोसामान देगा

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने सोमवार को इस आश्य की घोषणा की, हालांकि इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस प्रकार के साजों सामान भेज रहा है। देश का यह कदम यूक्रेन की मदद के लिए नाटो के एक ट्रस्ट कोष को सैन्य साजो सामान, चिकित्सकीय मदद और तीस लाख डॉलर की सहायता की पेशकश के बाद सामने आया है।

ऑस्ट्रेलिया ने रूस के 350 से अधिक नागरिकों पर प्रतिबंध लगाए हैं जिनमें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल है।

कनाडा में दो बड़ी मीडिया कंपनियां रूसी चैनलों को अपने केबल के जरिए अब नहीं दिखाएंगी

रोजर्स के प्रवक्ता एन्ड्रूय गरास ने कहा कि सोमवार से ‘रशिया टुडे’ उसके चैनल पर उपलब्ध नहीं होगा। इसके अलावा मीडिया कंपनी ‘बेल’ ने भी ‘आर टी’ को नहीं दिखाने की घोषणा की है।

यूक्रेन को विमान रोधी स्टिंगर मिसाइल भेजेगा अमेरिका

अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइल की सीधी आपूर्ति करने की पहली बार मंजूरी दी है। यह व्हाइट हाउस द्वारा स्वीकृत पैकेज का हिस्सा है। 

अभी यह नहीं बताया गया है कि यह आपूर्ति कब की जाएगी, लेकिन अधिकारियों ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि अमेरिका खेप पहुंचाने की व्यवस्था करने पर काम कर रहा है। 

इससे पहले, जर्मनी ने घोषणा की थी कि वह यूक्रेन को 500 स्टिंगर मिसाइल और अन्य हथियारों की आपूर्ति करेगा। 

उच्च गति वाले स्टिंगर बहुत सटीक होते हैं और हेलीकॉप्टर को गिराने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। यूक्रेनी अधिकारी इन शक्तिशाली हथियारों को मुहैया कराने का अनुरोध कर रहे थे।

एस्तोनिया भी जनवरी से यूक्रेन को स्टिंगर मुहैया करा रहा है।

इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन की मदद करने के लिए घातक सैन्य हथियार मुहैया कराएगा, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह कौन से हथियार मुहैया कराएगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन की मदद के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की न्यास निधि में 30 लाख डॉलर का योगदान देने, गैर-घातक सैन्य उपकरण देने और चिकित्सकीय आपूर्ति करने की घोषणा की थी।

स्वीडन और फिनलैंड ने भी कहा कि वे यूक्रेन को टैंक रोधी हथियार, हेलमेट और सुरक्षा कवच सहित सैन्य सहायता भेजेंगे।

स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि स्टॉकहोम यूक्रेन की सेना की मदद के लिए 5,000 टैंक रोधी हथियार, 5,000 हेलमेट, 5,000 रक्षा कवच और 1,35,000 फील्ड राशन भेजेगा।

फिनलैंड ने भी रविवार को कहा कि वह यूक्रेन को सहायता के रूप में दो आपातकालीन चिकित्सा देखभाल केंद्रों के लिए उपकरण, 2,000 हेलमेट, 2,000 बुलेटप्रूफ जैकेट और 100 स्ट्रेचर भेजेगा।

रूसी विमानों के लिये अपना हवाई क्षेत्र बंद करेंगे यूरोप, कनाडा

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूरोप और कनाडा ने कहा कि वे रूसी विमानन कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर देंगे, जिससे अमेरिका पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ेगा।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने रविवार को कहा कि यूरोपीय संघ रूसियों के स्वामित्व वाले, पंजीकृत या नियंत्रित विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर देगा, जिसमें “कुलीन वर्गों के निजी जेट भी शामिल हैं।”

कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अलघाबरा ने कहा कि उनका देश अपने पड़ोसी पर अकारण हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने के वास्ते सभी रूसी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर रहा है।

यूरोपीय संघ की कार्रवाई उसके कई सदस्य देशों द्वारा यह कहे जाने के बाद हुई है कि वे रूसी विमानों को रोक रहे हैं या रविवार रात तक ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।

बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने ट्वीट किया कि यूरोपीय आसमान “उन लोगों के लिए खुला है जो लोगों को जोड़ते हैं, न कि उनके लिए जो क्रूरता से आक्रमण करना चाहते हैं।”

नीदरलैंड के अवसंरचना और जल मंत्री मार्क हार्बर्स ने ट्विटर पर कहा, “डच हवाई क्षेत्र में एक ऐसे शासन के लिए कोई जगह नहीं है जो अनावश्यक और क्रूर हिंसा का इस्तेमाल करता है।”

वॉन डेर लेयन की घोषणा से पहले हालांकि स्पेन, यूनान और तुर्की जैसे कुछ यूरोपीय देश अपने हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद करने को लेकर हिचकिचाते नजर आ रहे थे। 

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र आहूत करने के प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत

यूक्रेन पर रूस के हमले के मामले पर संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा का “आपातकालीन विशेष सत्र” आहूत करने को लेकर सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में भारत ने भाग नहीं लिया, हालांकि उसने बेलारूस सीमा पर वार्ता करने के मॉस्को और कीव के फैसले का स्वागत किया।

यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर महासभा और शक्तिशाली 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद सोमवार को अलग-अलग बैठक करेंगे। 

इससे दो दिन पहले यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव को रूस ने वीटो के जरिए बाधित कर दिया था। इस प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में भी भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल नहीं हुए थे।

विशेष सत्र आहूत करने पर मतदान के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की बैठक (स्थानीय समयानुसार) रविवार दोपहर हुई। महासभा के 1950 से अब तक ऐसे केवल 10 सत्र आहूत किये गए हैं।

भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात इस मतदान से दूर रहे, जबकि रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया और परिषद के 11 सदस्यों ने इसके समर्थन में मतदान किया। इसके साथ ही यह प्रस्ताव पारित हो गया।

सुरक्षा परिषद ने दशकों में महासभा के पहले आपातकालीन सत्र को रविवार को हरी झंडी दी। इस दौरान सोमवार को सभी सदस्य देशों को इस युद्ध पर बोलने का अवसर मिलेगा और सप्ताह में बाद में प्रस्ताव पर मतदान होगा। 

इस बीच, फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिवीरे ने घोषणा कि सुरक्षा परिषद रूस के आक्रमण के मानवीय प्रभाव पर सोमवार दोपहर को बैठक करेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने इस सत्र को बुलाए जाने मांग की थी, ताकि यूक्रेन में जरूरतमंदों की मदद तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

महासभा का सत्र आहूत करने के लिए मतदान प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने रविवार को हुए मतदान को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘‘यह खेद की बात है कि इस मामले पर परिषद की अंतिम बैठक बुलाए जाने के बाद से यूक्रेन में हालात और खराब हुए हैं।’’

उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘कूटनीति और वार्ता के मार्ग पर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘हम बेलारूस सीमा पर वार्ता करने की दोनों पक्षों की घोषणा का स्वागत करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों समेत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित है।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘सीमा पर जटिल और अनिश्चित हालात के कारण बचाव के हमारे प्रयास बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘परिस्थितियों को समग्र रूप से देखते हुए हमने मतदान से दूर रहने का फैसला किया है।’’

महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद को जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 49वें नियमित सत्र में शामिल होना था लेकिन उन्होंने “यूक्रेन की वर्तमान स्थिति और सुरक्षा परिषद में होने वाले घटनाक्रम के चलते” यात्रा रद्द कर दी है। उन्होंने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सर्जेई किस्लितस्या से भी मुलाकात की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी मानवाधिकार परिषद के लिए जिनेवा की अपनी यात्रा रद्द कर दी।

vladimir putin
Russia
ukraine
Russia-Ukraine crisis
Volodymyr Zelenskyy

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License