NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन: ठंड से एक महिला किसान की मौत, अब तक 150 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत
शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शरीक़ महाराष्ट्र की साथी सीताबा़ई तडवी की मौत पर मोर्चे पर मौजूद किसानों की ओर से दो मिनट का मौन रख कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Jan 2021
किसान आंदोलन: ठंड से एक महिला किसान की मौत, आंकड़ा 150 के पार

शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल महाराष्ट्र की महिला किसान सीताबा़ई तडवी की मृत्यु हो गई। मोर्चे पर मौजूद किसानों की ओर से दो मिनट का मौन रख कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।

शाहजापुर बॉर्डर के संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर उनके मौत पर शोक प्रकट किया और इसे आंदोलन की क्षति कहा। उन्होंने कहा सिताबाई रामदास तडवी की उम्र 56 साल थी और वो आंबाबारी जिला नंदुरबार महाराष्ट्र की लोक संघर्ष मोर्चा के साथ पिछले 25 साल से संघर्ष कर रही थीं। खेती किसानी के हक्क का आंदोलन हो या अपने गांव के देहली नदी पर बन रहे बांध का जिससे उनके अपने गांव आंबबारी का जबरन और अन्यायकारी विस्थापन के ख़िलाफ़ वो आज तक कड़ा संघर्ष करती रही हैं। उसके लिए सीताबाई कई बार अपने सत्याग्रह आंदोलन के कारण जेल जा चुकी है।  

आगे बतया गया कि जंगल ज़मीन की लड़ाई के लिए बम्बई में अनशन में सीताबाई सहभागी भी रहीं थीं। वन अधिकार कानून बनाने के लिए गांव से दिल्ली तक के संघर्ष में सीताबाई हरदम आगे रहती थीं। नंदुरबार से बम्बई 480 किमी पैदल यात्रा में 5000 साथियों के साथ सीताबा़ई की अगवाई महत्वपूर्ण रही है। 2018 में संपूर्ण कर्जा मुक्ति और फसल का सही दाम की लड़ाई मे सीताबा़ई लोक संघर्ष मोर्चा के उलगुलान मार्च में 21 से 23 नबंबर 2018 को ठाणे से मुंबई पैदल मार्च का नेतृत्व भी किया था।  

किसान कर्जा मुक्ति का आंदोलन हो या एमएसपी की लड़ाई हो, सीताबा़ई हर दम आगे रही हैं, 22 दिसंबर 2020 को अंबानी के खिलाफ हुए मुंबई मार्च में सीताबा़ई प्रमुख अगुवा में से एक थीं, 5 जून से तीन किसान कानून के खिलाफ की लड़ाई में सीताबा़ई हर मोर्चा में आगे थीं, दिल्ली में 16 जनवरी से 27 तारीख तक किसान आंदोलन में शाहजहांपुर बॉर्डर पर मोर्चा पर डटी हुई थीं। कल बहुत ठंड के कारण जयपुर में उनकी मौत हो गई।

आपको बता दें संघर्ष में हरदम आगे रहने वाली लड़ाकू सीताबा़ई तडवी आदिवासी समाज से आती हैं और महिला किसान थीं। सीताबा़ई का पूरा परिवार इस संघर्ष में  हिस्सेदार रहा है

शाहजहांपुर बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चे की तरफ से बयान जारी करते हुए संजय माधव ने कहा सीताबा़ई की किसान आंदोलन के वक्त हुई शाहदत हमेशा याद रखी जाएगी। सीताबा़ई तडवी को संयुक्त किसान मोर्चा और देश के तमाम किसानों की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।  

किसान नेताओं के मुताबिक अभी तक किसान आंदोलन में 150 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आपको बता दें पिछले सात महीने से किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि 26 नवम्बर से दिल्ली के सीमा पर भीषण ठंड में डेरा डाले हुए है। जबकि 13 दिसंबर से राजस्थान-हरियाणा के शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे हुए हैं। यह ऐतिहासिक किसान आंदोलन छुटपुट घटनाओं को छोड़कर पूरी तरह शांतिपूर्ण ही रहा है।  

farmers protest
Farm bills 2020
kisan andolan
Deaths in Farmers Protest
Woman Farmer Death
Shahjahanpur Border
Samyukt Kisan Morcha

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला


बाकी खबरें

  • अनिल सिन्हा
    उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!
    12 Mar 2022
    हालात के समग्र विश्लेषण की जगह सरलीकरण का सहारा लेकर हम उत्तर प्रदेश में 2024 के पूर्वाभ्यास को नहीं समझ सकते हैं।
  • uttarakhand
    एम.ओबैद
    उत्तराखंडः 5 सीटें ऐसी जिन पर 1 हज़ार से कम वोटों से हुई हार-जीत
    12 Mar 2022
    प्रदेश की पांच ऐसी सीटें हैं जहां एक हज़ार से कम वोटों के अंतर से प्रत्याशियों की जीत-हार का फ़ैसला हुआ। आइए जानते हैं कि कौन सी हैं ये सीटें—
  • ITI
    सौरव कुमार
    बेंगलुरु: बर्ख़ास्तगी के विरोध में ITI कर्मचारियों का धरना जारी, 100 दिन पार 
    12 Mar 2022
    एक फैक्ट-फाइंडिंग पैनल के मुतबिक, पहली कोविड-19 लहर के बाद ही आईटीआई ने ठेके पर कार्यरत श्रमिकों को ‘कुशल’ से ‘अकुशल’ की श्रेणी में पदावनत कर दिया था।
  • Caste in UP elections
    अजय कुमार
    CSDS पोस्ट पोल सर्वे: भाजपा का जातिगत गठबंधन समाजवादी पार्टी से ज़्यादा कामयाब
    12 Mar 2022
    सीएसडीएस के उत्तर प्रदेश के सर्वे के मुताबिक भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों ने यादव और मुस्लिमों को छोड़कर प्रदेश की तकरीबन हर जाति से अच्छा खासा वोट हासिल किया है।
  • app based wokers
    संदीप चक्रवर्ती
    पश्चिम बंगाल: डिलीवरी बॉयज का शोषण करती ऐप कंपनियां, सरकारी हस्तक्षेप की ज़रूरत 
    12 Mar 2022
    "हम चाहते हैं कि हमारे वास्तविक नियोक्ता, फ्लिपकार्ट या ई-कार्ट हमें नियुक्ति पत्र दें और हर महीने के लिए हमारा एक निश्चित भुगतान तय किया जाए। सरकार ने जैसा ओला और उबर के मामले में हस्तक्षेप किया,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License