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किसान आंदोलन: केएमपी-केजीपी एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे का जाम
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध- प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार सुबह से 24 घंटे के लिये कुंडली-मानेसर-पलवल और कुंडली-ग़ाज़ियाबाद-पलवल राजमार्ग पर आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Apr 2021
किसान आंदोलन: केएमपी-केजीपी एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे का जाम
फोटो साभार : जागरण

तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध- प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार सुबह से 24 घंटे के लिये कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया है। विरोध कर रहे किसानों ने कहा कि आज का बंद केवल एक झांकी है अगर सरकार नहीं मानी तो हम पूरे देश में चक्का जाम करेंगे। 

प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को ही एक बयान में कहा था, ' दस अप्रैल को सरकार को चेतावानी देने के रूप में 24 घंटे (10 अप्रैल सुबह आठ बजे से 11 अप्रैल सुबह आठ बजे तक) के लिये केएमपी-केजीपी राजमार्ग बंद किया जाएगा।'

भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि एक्सप्रेसवे को 24 घंटे के लिए बाधित किया जाएगा।

केएमपी का अर्थ कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग है, जबकि केजीपी का मतलब कुंडली-ग़ाज़ियाबाद-पलवल राजमार्ग है। करीब 136 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के नाम से भी जाना जाता है।

बहरहाल प्रदर्शनरत किसानों ने कहा कि आपात वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।

इस बीच, हरियाणा पुलिस ने यातायात परामर्श जारी करते हुए यात्रियों से केएमपी मार्ग से यात्रा नहीं करने के लिए कहा। हरियाणा पुलिस ने लोगों से केएमपी से बचने को कहा।

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने शुक्रवार को कहा कि क़ानून व्यवस्था को बनाए रखने, किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए विस्तृत प्रबंध किए गए हैं।

विर्क ने एक बयान जारी करके कहा कि सोनीपत, झज्जर, पानीपत,रोहतक, पलवल, फरीदाबाद,गुरुग्राम और नूह जिलों में यातायात मार्ग को परिवर्तित करने की योजना पहले ही तैयार कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि यात्रियों को इन योजनाओं के बारे में पहले से बताया जा रहा है ताकि किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए वे पहले से ही योजना बना ले या पूर्व में बनाई गयी योजना को परिवर्तित कर लें।

विर्क ने कहा कि अंबाला/चंडीगढ़ की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग-44 आने वाले यात्रियों को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा होते हुए ,करनाल होते हुए शामली तथा पानीपत से सनौली जाना होगा।

इसी प्रकार से गुरुग्राम और जयपुर जाने वाले वाहन राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए से जा सकते हैं। विर्क ने कहा कि क़ानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की प्राथमिकता है और किसी को भी क़ानून अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी, क़ानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

24 घंटे केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे अवरुद्ध करने के बाद आंदोलन के भविष्य के कार्यक्रम और रूपरेखा

किसान नेताओं ने कहा केएमपी-केजेपी का बंद करने का यह फैसला इस महीने होने वाले विरोध-प्रदर्शनों की किसानों की रणनीति का एक हिस्सा है। इस महीने 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन भी आने हैं।

बयान में कहा गया है, '13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा और साथ ही जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी पर शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।'

बयान के अनुसार, '14 अप्रैल को 'संविधान बचाओ दिवस' और 'किसान बहुजन एकता दिवस' मनाया जाएगा। इस दिन संयुक्त किसान मोर्चा के सभी मंचों का प्रबंधन बहुजन समाज के आंदोलनकारी करेंगे। सभी वक्ता भी बहुजन समाज के ही होंगे।'

एसकेएम ने सभी दलित-बहुजनों और किसानों से भाजपा नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एसकेएम का आरोप है कि भाजपा नेता 'नफरत और विभाजन' पैदा कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है, 'इन दिन (14 अप्रैल को) हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटला जानबूझकर कैथल में एक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं। किसानों और दलित-बहुजनों से हमारी अपील है कि वे अधिक से अधिक संख्या में वहां पहुंचकर शांतिपूर्ण तरीके से कार्यक्रम का विरोध करें।'

आंदोलन में 'स्थानीय लोगों की भागीदारी और समर्पण के सम्मान में' किसान 18 अप्रैल को एक विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन करेंगे।

बयान में कहा गया है, 'स्थानीय लोगों को मंचों पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। मंच संभालने की जिम्मेदारी भी स्थानीय निवासियों को दी जाएगी।'

देश भर के हजारों किसान चार महीने से भी ज़्यादा समय से तीन कृषि क़ानूनोंके खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन के 150 दिन पूरे होने के मौके पर किसान 24 अप्रैल से सप्ताह भर का कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

एसकेएम ने कहा, 'सप्ताह भर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिसमें किसानों और मजदूरों के साथ-साथ कर्मचारियों, युवाओं, व्यापारियों, छात्रों और अन्य संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा।'

बयान में कहा गया है, 'अप्रैल के अंतिम सप्ताह में, देश भर में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले संगठनों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन होगा, जिसमें राष्ट्रव्यापी रूप से इस आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई जाएगी।'

इससे पहले किसानों ने घोषणा की थी कि वे मई के पहले पखवाड़े में संसद की ओर पैदल मार्च निकालेंगे। हालांकि, उसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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