NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन: यूपी की महापंचायत में शामिल 5 हज़ार किसानों पर मुक़दमें, 18 को किसानों का रेल रोको
देशभर में आंदोलन को तेज़ करने के लिए किसान संगठनों ने 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का आव्हान किया है।  दूसरी तरफ यूपी सरकार ने अलीगढ़ की महापंचायत में आए लोगों में से पांच हजार लोगों पर आपराधिक मुक़दमे दर्ज किए हैं। किसान नेता इसे डराने-धमकाने की राजनीतिक साजिश बात रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Feb 2021
किसान आंदोलन
Image Courtesy: NDTV

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि किसान इसलिए अब भी आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि केन्द्र सरकार के मंत्री तीन नये कृषि कानूनों का कोई ‘विकल्प’ पेश करने में विफल रही है। साथ ही उन्होंने देशभर में आंदोलन को तेज़ करने के लिए 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का आव्हान किया है। दूसरी तरफ आंदोलन को आम जनता तक पहुंचाने के लिए यूपी, राज्थान, हरियाणा के साथ ही अब पंजाब में भी महापंचायत हो रही है। यूपी सरकार ने अलीगढ़ की महापंचायत में आए लोगों में से पांच हज़ार लोगों पर आपराधिक मुक़दमे दर्ज किए हैं। इसे किसान नेताओं ने डराने-धमकाने की राजनीतिक साज़िश बताया है। जबकि इन महापंचायतों से राजनैतिक दलों खासकर सत्ताधारियों पर भारी दबाव दिख रहा है। हरियाणा में बीजेपी  सहयोगी दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी लगातार दबाव में है क्योंकि वो अपने जाट वोट बैंक के लिए पूरी तरह किसानी पर निर्भर है जो इस समय आंदोलनरत हैं। लगातार हो रही महापंचायतों में जेजेपी और बीजेपी पर निशाना साधा जा रहा है लेकिन दूसरी ओर चौटाला खुद को किसान हितैषी साबित करने की कोशिश में हैं।  

मोदी सरकार कृषि कानूनों का विकल्प नहीं दे पाई है, अंदोलन होगा और तेज़: एसकेएम

एसकेएम दिल्ली की सीमाओं पर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। इस के नेतृत्व में ही विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन लगातार तेजी से बढ़ रहा है।  

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन पर एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसान संगठन के नेता किसानों के ‘असली’ मुद्दे उठा रहे हैं।

पाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘आंदोलन इसलिए जारी है क्योंकि 11 दौर की बातचीत के बाद भी मोदी सरकार के मंत्री नए कानूनों या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई ठोस विकल्प सामने नहीं ला पाये।’’

सयुंक्त किसान मोर्चा’ की बैठक में लिए गए फैसले –

12 फरवरी से राजस्थान के भी सभी रोड टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाया जाएगा।

14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे।

18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा।
 
अलीगढ़ किसान महापंचायत: जयंत चौधरी समेत 5000 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज , चौधरी ने सरकार से पूछा कब देनी होगी गिरफ़्तारी
 
उत्तर प्रदेश पुलिस ने महामारी रोग अधिनियम के तहत कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में आरएलडी नेता जयंत चौधरी और 5000 से अधिक अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया है जो दो दिन पहले अलीगढ़ जिले में आयोजित एक किसान महापंचायत में शामिल हुए थे।

प्राथमिकी मंगलवार को रात के लगभग 9:30 बजे दर्ज की गई, जिसमें चौधरी सहित 22 व्यक्तियों के नाम हैं, जबकि अन्य लोग अज्ञात हैं।

प्राथमिकी में कहा गया है, "तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित किसानों के महापंचायत में पांच से छह हजार लोग शामिल हुए थे। चौधरी राज सिंह की अध्यक्षता में हुई इस महासभा में आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी शामिल हुए और बीकेयू नेता राकेश टिकैत का समर्थन किया।" उन्होंने कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोग फेस मास्क नहीं पहने हुए थे और न ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया गया। यह आयोजन सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर के आयोजित किया गया है।"

बृहस्पतिवार सुबह चौधरी ने लगभग 5,000 लोगों पर दर्ज की गई प्राथमिकी के बारे में एक समाचार रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, "बाबा बता दें कब और कहाँ गिरफ़्तारी देनी हैं!" भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

राष्ट्रीय लोक दल (आएलडी) ने उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ कई बैठकें की हैं।

इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए जयंत चौधरी ने इसे किसानों को डराने-धमकाने की राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने ट्वीटर पर यूपी सरकार के मुखिया पर व्यंग करते हुए लिखा 'बाबा बता दें कब और कहाँ गिरफ़्तारी देनी है!'

दिल्ली: डीयू के छात्रों ने किसान आंदोलन के समर्थन में किया मार्च, पुलिस पर लगाया हिंसा का आरोप

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विद्यार्थियों ने बुधवार को आरोप लगाया कि किसानों के समर्थन में मार्च के दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और हिंसा का सहारा लिया जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इस मार्च का आयोजन कई छात्र संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था।  

विश्वविद्यालय के छात्रों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और गिरफ्तार सभी नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए नारे लगाए और मार्च निकाला।

एसएफआई दिल्ली स्टेट कमेटी के सदस्य अनिल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "छात्र देश के भविष्य हैं। जब देश के अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा हो तो, हम मूक दर्शक बने नहीं रह सकते हैं।  

छात्रों ने केंद्र सरकार की स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की आवाज़ को दबाने के लिए केंद्र सरकार की धमकी की निंदा की और नवदीप कौर और अन्य कार्यर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की।

आइसा की ओर से जारी बयान के अनुसार पुलिस ने वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट पर मार्च को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने कला संकाय की तरफ बढ़ना जारी रखा और संकाय पहुंचने पर पुलिस ने ‘‘हिंसा का सहारा लिया, हाथापाई की और कई विद्यार्थियों को घायल कर दिया।’’

प्रदर्शनकारियों ने कला संकाय में एक सभा करके मार्च संपन्न किया। हालांकि हिंसा के बारे में जब एक पुलिस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस आरोप से इनकार किया।

किसान आंदोलन: बिना किसी देरी के मामले का समाधान किया जाना चाहिए: जजपा

हरियाणा में भाजपा के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने बुधवार को कहा कि बिना किसी देरी के किसान आंदोलन का हल ढूंढना होगा।

जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के साथ नियमित संपर्क में हैं।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

चौटाला ने कहा, "जो किसान (विरोध प्रदर्शन पर) बैठे हैं, हम वास्तव में उनके लिए चिंतित हैं, वे हमारे परिवार के सदस्य हैं।" उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई और जेजेपी के प्रमुख अजय सिंह चौटाला के बेटे दिग्विजय सिंह चौटाला ने किसानों के मुद्दे पर सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'राजग सरकार किसानों की सरकार है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसान-समर्थक हैं।” उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से, हमें एक समाधान ढूंढना होगा और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि इसमें जितनी देर होगी, उतने अधिक लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने आगे कहा, "उन मुद्दों को लेकर निष्कर्ष तक पहुंचना होगा, जिन पर वे (किसान) आंदोलन कर रहे हैं।

आपको बता दें ये किसान पिछले 75 से अधिक दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर अपना आंदोलन चला रहे हैं, जबकि उससे दो महीने पहले से ही पंजाब के किसान सड़कों पर थे। अब इस आंदोलन का लगातार विस्तार हो रहा है। 6 फरवरी को किसानों ने चक्का जाम का आव्हान किया था, उस दिन लगभग 3000 जगहों पर किसानों के संघर्षों के समर्थन में चक्का जाम हुआ।

हालांकि, सरकार अभी भी किसानों की मांगों को मानने को तैयार नहीं दिख रही है क्योंकि सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी जिस तरह की भाषा संसद में बोल रहे हैं और वो आंदोलनकारी किसानों की समस्या का हल करने के बजाय विपक्ष पर हमला कर रहे हैं।  

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

farmers protest
Farm bills 2020
UttarPradesh
Mahapanchayat
UP Mahapanchayat
Farmers union
Samyukt Kisan Morcha
BJP
Modi government

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License