NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन : आम लोगो के गुस्से का शिकार हुए दुष्यंत चौटाला, हिसार में किसानों ने उतरने नहीं दिया उनका हेलीकॉप्टर
केंद्र सकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हिसार में पिछले कुछ महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को जैसे ही दुष्यंत के आने के बारे में पता चला, बड़ी संख्या में वे हवाई अड्डे के बाहर जमा हो गये ।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Apr 2021
किसान आंदोलन : आम लोगो के गुस्से का शिकार हुए दुष्यंत चौटाला, हिसार में किसानों ने उतरने नहीं दिया उनका हेलीकॉप्टर

कृषि क़ानूनों की वापसी की माँग को लेकर जारी किसानों का आंदोलन 1 अप्रैल को 126वें दिन भी जारी रहा। किसानों द्वारा भाजपा व इसके सहयोगी दलों के नेताओ का शांतिपूर्वक सामाजिक बहिष्कार जारी है। आज शुक्रवार को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का हिसार पहुंचने पर किसानों द्वारा जमकर विरोध हुआ। किसानों ने किसान विरोधी दुष्यन्त चौटाला का जहाज नहीं उतरने दिया।

किसानों ने हिसार हवाई अड्डे के बाहर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे थे । दुष्यंत यहां एक बैठक में हिस्सा लेने के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने आये थे ।

केंद्र सकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हिसार में पिछले कुछ महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को जैसे ही दुष्यंत के आने के बारे में पता चला, बड़ी संख्या में वे हवाई अड्डे के बाहर जमा हो गये ।

हवाई अड्डे के बाहर महिलाओं समेत किसान काले झंडे लेकर उपस्थित थे और उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे । वे लोग तीनों कृषि कानून वापस लिये जाने की मांग कर रहे थे ।

अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया था ।

इस प्रदर्शन के कारण हिसार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ ।

राजस्थान के हनुमानगढ़ में डबली टोल प्लाजा पर किसानों ने पीलीबंगा के विधायक धर्मेंद्र सिंह को घेरा। किसानों का यह कहना था कि वे वोट के समय तो किसानों मजदूरों के हितैषी बनते है पर आज जब किसान संघर्ष कर रहा है तो उसके खिलाफ खड़े हुए है।

पंजाब के 32 किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि किसान आंदोलन को तेज करने के लिए लखा सिदाना व उसके साथियो के साथ मिलकर आगे बढ़ा जाएगा। हम सभी संगठनों, नेताओं, सिख विचारकों, खिलाड़ियों, कलाकार समुदाय को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने किसान संघर्ष को मजबूत करने के लिए इस मुद्दे को हल किया है।

भाजपा व उसके सहयोगी दलों के सासंद व अन्य चुने हुए प्रतिनिधियों को हम किसान आन्दोलन का समर्थन करने का आग्रह करते है। सयुंक्त किसान मोर्चा इन नेताओं से अपील करता है कि वे इस्तीफे से लेकर किसी भी तरह से किसान आंदोलन का समर्थन कर सकते है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आने वाली 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत देशभर में FCI के दफ्तरों का सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक घेराव किया जाएगा। हम किसानों व आम जनता से अपील करते है कि यह अन्न पैदा करने वालो और अन्न खाने वालों दोनों के भविष्य की बात है इसलिए इस दिन इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लें। किसानों की मांग है कि सभी किसानों की सभी फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी हो और राशन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाए।

30 मार्च को यात्रा की 2 टुकड़ियाँ, पहली, गुजरात के दांडी से निकल कर, गुजरात के अन्य गांव व शहर से होते हुये 1 अप्रैल को राजस्थान के डूंगरपुर के बिछीवाड़ा पहुंची और दूसरी मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में शुरू की गई, जो रतलाम, नीमुच होकर 1 अप्रैल की सुबह को बिछीवाड़ा पहुंची, जहाँ आदिवासी किसानों के बीच सभा रखी गई|

यात्रा के दौरान राजस्थान के सीकर होते हुए पंजाब के मानसा व सुनाम की ऐतिहासिक भूमि से मिट्टी इक्कठी की जायेगी। इसके बाद जींद होते हरियाणा के अन्य गावों शहरों से होते हुए दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे किसानो के धरनास्थलों पर पहुँचेगी। यहाँ सभी बॉर्डर पर शहीद स्मारक बनाये जायेंगे।

केन्द्र सरकार को किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान करना चाहिए: कंडेला

सर्वजातीय खाप पंचायतों के राष्ट्रीय संयोजक टेकराम कंडेला ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए इनका जल्द समाधान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आंदोलन को चलते हुए काफी लंबा समय हो चुका है और अगर आंदोलन इसी तरह चलता रहा तो जनक्रांति बन सकता है।

कंडेला ने कहा कि आज देश के किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आज देश का किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर है और किसी भी सरकार ने किसानों के बारे में कुछ नहीं सोचा है इसीलिए किसान पिछले चार महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों के लिए लाए गए हैं और इनसे किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

farmers protest
Farm Bills
Farm Laws
Hisar
Dushyant Chautala

Related Stories

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

कृषि क़ानूनों के निरस्त हो जाने के बाद किसानों को क्या रास्ता अख़्तियार करना चाहिए

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License