NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन: एसकेएम ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर गिरफ़्तार किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग की
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार किए गए किसानों की "बिना शर्त" रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज "झूठे" मामलों को वापस लेने की मांग की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Feb 2021
किसान आंदोलन

देशभर में लाखों किसान तीन नए विवादित कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों के इस आंदोलन की मांगों को मानने के बदले लगातार उसे नकारने की मुद्रा में दिख रही है। 11 दौर की वार्ता के बाद संवाद भी बंद कर दिया, हालाँकि इस दौरान वो मीडिया में लगातार बयान दे रही है। जबकि आंदोलन में शामिल किसानों पर लगातार पुलिस संगीन धाराओं में केस दर्ज कर रही है। इसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार किए गए किसानों की "बिना शर्त" रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज "झूठे" मामलों को वापस लेने की मांग की।

एसकेएम ने चिट्ठी में यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को कथित रूप से पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा भेजे जा रहे नोटिसों के सिलसिले को भी रोका जाना चाहिए। एसकेएम में प्रदर्शन कर रहे किसानों के कई संघ शामिल हैं।

एसकेएम ने कहा, "संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले, किसान पिछले तीन महीनों से दिल्ली के आसपास धरना दे रहे हैं, लेकिन भारत सरकार और कई राज्य सरकारों ने सैकड़ों किसानों और आंदोलन का समर्थन करने वालों को जेलों में डाल दिया है और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।"

उसने पत्र में कहा, "बेगुनाह" किसानों को जेलों से बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए। प्रदर्शनकारी किसान संघों ने "दमन प्रतिरोध दिवस" के हिस्से के तौर पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।

इस बीच एसकेएम ने जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जेल से रिहाई का स्वागत किया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें "टूल किट" मामले में इस महीने के शुरू में उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। मंगलवार की रात को रवि को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। किसान संगठन ने कहा, "एसकेएम न्यायाधीश द्वारा की गई कई टिप्पणियों का स्वागत करता है।"

बयान में कहा गया है, "एसकेएम ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जिसने कई नियमों को तोड़ते हुए और एक गैर-संवैधानिक तरीके से दिशा रवि को गिरफ्तार किया।"

दिल्ली के सिंघू, गाज़ीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतन समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

26 जनवरी को हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया। किसानों को लुटेरों के खिलाफ लड़ाई लडनी होगी : टिकैत

उत्तर प्रदेश के आगरा के किरावली में मौनी बाबा आश्रम स्थित मिनी स्टेडियम में बुधवार को आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि किसानों को जमीन बचानी है तो उन्हें देश के लुटेरों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।

टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के नाम पर व्यापारियों को फायदा नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं, लेकिन किसानों का हित उन्हें याद नहीं आता है ।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

kisan andolan
farmers protest
Samyukt Kisan Morcha
Ramnath Kovind

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License