NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन: पत्रकार मनदीप पुनिया को ज़मानत मिली
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतबीर सिंह लाम्बा ने कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सभी पुलिसकर्मी हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Feb 2021
मनदीप पुनिया

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल से दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया की ज़मानत याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली।

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतबीर सिंह लाम्बा ने कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सभी पुलिसकर्मी हैं।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी/प्रार्थी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है।’’

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में पुनिया को शनिवार शाम को गिरफ्तार किया गया था। पुनिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 186 (सरकारी कर्मचारी के काम में जानबूझकर बाधा उत्पन्न करना), 353 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को पीटना या उसके खिलाफ बल प्रयोग) और 332 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी को जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लाम्बा ने आरोपी के साथ-साथ लोक अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।

पुनिया की ओर से पेश अधिवक्ता अकरम खान ने अदालत को बताया कि आरोपी केवल पत्रकार के तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था। खान ने कहा कि पुनिया के साथ एक अन्य पत्रकार को हिरासत में लिया गया था लेकिन उसे मध्य रात्रि में रिहा कर दिया गया था।

वकील ने कहा कि आरोपी के साथ अलग व्यवहार करने का कारण पुलिस ने यह दिया कि उसके पास प्रेस का कोई कार्ड नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी एक स्वतंत्र पत्रकार है और प्रेस कार्ड नहीं रखना किसी मामले या गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। आरोपी समाज का एक सम्मानित सदस्य है और एक पत्रकार है, साथ ही वह ‘कारवां’ पत्रिका के लिए अक्सर लिखता है।’’

अदालत ने पुनिया को उसकी पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया।

उसने कहा, ‘‘आरोपी जमानत पर रिहाई के दौरान इस प्रकार का कोई अपराध या कोई अन्य अपराध नहीं करेगा। आरोपी किसी भी तरह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा।’’

अदालत ने निर्देश दिया कि जब जांच एजेंसी को आवश्यकता होगी, तब आरोपी पेश होगा।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मनदीप की रिहाई और उन पर लगे केस को वापस लेने की मांग को लेकर रविवार को पत्रकारों ने दिल्ली के पुलिस मुख्यालय पर एकत्रित होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आह्वान सोशल मीडिया पर कुछ पत्रकारों ने किया था। इसका आयोजन बहुत कम समय में किया गया था, तब भी काफी संख्या में पत्रकार जुटे। पत्रकारों ने कहा कि “आप किसानों को बॉर्डर पर रोक सकते हैं पत्रकारों को नहीं। अन्याय के ख़िलाफ़ इस खुले युद्ध में चौतरफ़ा घेराव की ज़रूरत आन पड़ी है।” प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने कहा यह सीधा निष्पक्ष पत्रकारिता पर हमला है। उनके हाथों में ‘जर्नलिज्म इज नॉट क्राइम’ यानी पत्रकारिता कोई अपराध नहीं की तख्तियां थीं। कई बड़े पत्रकारों ने भी पुनिया की गिरफ़्तारी के विरोध में सोशल मीडिया पर लिखा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनुपट के साथ)

Mandeep Punia
Journalist Mandeep Punia Bail
Singhu Border

Related Stories

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन के एक साल बाद भी नहीं थके किसान, वही ऊर्जा और हौसले बरक़रार 

श्री नरेंद्र मोदी जी... राष्ट्र के नाम आपका संदेश और आपके नाम किसानों का संदेश

कृषि क़ानून रद्द: सरकार ने महीनों क्यों इंतज़ार किया?

किसान जानता है कि फसल पकना तो शुरुआत है, मंडी में दाम मिलने तक उसका काम पूरा नहीं होता

दिल्ली के बॉर्डर पर जश्न के बीच किसानों के होंठों पर एक ही सवाल: 'सरकार ने क्यों की इतनी देर'

किसान आंदोलन का अब तक का हासिल

धार्मिक कट्टरपंथियों का महिमामंडन और समाज की चुप्पी

सिंघु बॉर्डर पर बरामद हुई क्षत-विक्षत लाश पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मामले की जांच व दोषियों को सज़ा की मांग की


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता
    28 Apr 2022
    जनजातीय समूह मानते रहे हैं कि वे हिंदू धर्म से अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं, इसलिए उन्हें अलग धर्म संहिता दी जाना चाहिए, ताकि आने वाली जनगणना में उन्हें अलग समहू के तौर पर पहचाना जा…
  • संदीप चक्रवर्ती
    कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च
    28 Apr 2022
    नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी-आरएसएस की ताक़त बढ़ी तो वह देश को हिन्दू राष्ट्र बना देंगे जहां अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक जैसा बर्ताव किया जाएगा।
  • राज वाल्मीकि
    ब्राह्मणवादी व्यवस्था ने दलितों को ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण स्त्री समुदाय को मानवाधिकारों से वंचित रखा: चौथीराम यादव
    28 Apr 2022
    पंडिता रमाबाई के परिनिर्वाण दिवस के 100 साल पूरे होने पर सफाई कर्मचारी आंदोलन ने “पंडिता रमाबाई : जीवन और संघर्ष” विषय पर कार्यक्रम किया।
  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    5 साल में रोज़गार दर 46 फ़ीसदी से घटकर हुई 40 फ़ीसदी
    28 Apr 2022
    CMIE के आंकड़ों के मुताबिक भारत की काम करने लायक़ 90 करोड़ आबादी में नौकरी और नौकरी की तलाश में केवल 36 करोड़ लोग हैं। तकरीबन 54 करोड़ आबादी रोज़गार की दुनिया से बाहर है। बेरोज़गरी के यह आंकड़ें क्या कहते…
  • राजु कुमार
    बिना अनुमति जुलूस और भड़काऊ नारों से भड़का दंगा
    28 Apr 2022
    मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी सहित आठ राजनीतिक दलों की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल ने खरगोन के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License