NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भू-विस्थापितों के आंदोलन से कुसमुंडा खदान बंद : लिखित आश्वासन, पर आंदोलन जारी
कुसमुंडा में कोयला खनन के लिए 1978 से 2004 तक कई गांवों के हजारों किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन अधिग्रहण के 40 वर्ष बाद भी भू-विस्थापित रोजगार के लिए भटक रहे हैं और एसईसीएल दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Nov 2021
Kusmunda coal mine
Image courtesy : Makdai Express24

कोयला खनन के लिए दशकों पूर्व भूमि अधिग्रहण में अपनी जमीन खोने वाले भू-विस्थापित आज भी मुआवजे और रोजगार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर है। खेती-किसानी करने वाले किसान भूमिहीन होकर दर-दर भटक रहे हैं, न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनके पुनर्वास की चिंता अब न तो एसईसीएल को है और न ही राजनेताओं को। चुनाव में हर बार उन्हें आश्वासन दिया जाता है, लेकिन चुनावों के बाद कोई पार्टी, कोई नेता भू-विस्थापितों के दुख-दर्द को सुनने नहीं आता।

यही हाल कुसमुंडा खदान के प्रभावित गांव बरकुटा का है।  जहाँ सालो पहले भूमि अधिग्रहण किया गया था। कोरबा पुराने लंबित प्रकरणों में भू-विस्थापितों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर कल कुसमुंडा क्षेत्र के विस्थापन प्रभावित ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन पर अचानक हल्ला बोल दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा भी इस आंदोलन में उनके साथ थी, जो लगातार कोयला क्षेत्र में विस्थापन प्रभावित गांवों की समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रही है।

माकपा ने अपने एक लिखित बयान में कहा है कि ग्रामीणों को माकपा और किसान सभा का साथ मिलने से उनके हौसले बुलंद थे और वे कुसमुंडा खदान के अंदर घुस गए और उन्होंने उत्पादन ठप्प कर दिया। सुबह 5 बजे से जारी शाम 5 बजे तक चला, जिसके चलते प्रबंधन को 50 करोड़ रुपयों से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है।

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में कोयला खनन के लिए 1978 से 2004 तक जरहा जेल, बरपाली, दूरपा, खम्हरिया, मनगांव, बरमपुर, दुल्लापुर, जटराज, सोनपुरी, बरकुटा, गेवरा, भैसमा सहित कई गांवों के हजारों किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन अधिग्रहण के 40 वर्षों बाद भी भू-विस्थापित रोजगार के लिए भटक रहे हैं और एसईसीएल दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं।

एसईसीएल के इस रवैये से गुस्साए ग्रामीणों ने रोजगार एकता संघ बनाकर राधेश्याम कश्यप, प्रभु दामोदर, रेशम यादव, पुरषोत्तम, रघु, राजेश, मोहनलाल, केशव पांडे, अशोक, दीपक, रामप्रसाद आदि ग्रामीणों के नेतृत्व में खदान में घुस गए तथा उत्पादन को ठप्प कर दिया। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक आदि भी आंदोलन स्थल पर पंहुच कर धरने पर बैठ गए। कांग्रेस के पार्षद अमरजीत सिंह, शैलेंद्र सिंह, शाहिद कुजूर, अजय प्रसाद तथा विनय बिंझवार भी अपने समर्थकों के साथ ग्रामीणों के साथ आ डटे।

माकपा ने कहा कि  तीन-चार दौर की वार्ता विफल होने पर आंदोलनकारी ग्रामीण उग्र हो गए, जिसके बाद प्रबंधन ने एक माह के भीतर समस्या हल करने का लिखित आश्वासन दिया है। लेकिन ग्रामीणों ने कुसमुंडा कार्यालय पर एक माह तक धरना देने तथा समस्या का निवारण न होने पर और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

Kusmunda coal mine
CPIM
coal mines
workers protest

Related Stories

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

कोयले की कमी? भारत के पास मौजूद हैं 300 अरब टन के अनुमानित भंडार

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License