NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी, केंद्र से तत्काल क़दम उठाने की मांग
मध्यप्रदेश, गुजरात, यूपी, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर तमाम राज्यों से कोरोना मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की कमी की ख़बरें आ रही हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Sep 2020
कोरोना वायरस
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी की ख़बरें आ रही हैं। इस कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी मरीज़ों के लिए जानलेवा बन रही है। अभी दो दिन पहले ख़बर थी कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन न मिलने से चार मरीजों की मौत हो गई। गुजरात में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा रहा है। वहीं, लॉकडाउन में किल्लत शुरू होने के बाद यूपी, पंजाब, दिल्ली व छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों मे कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं। केंद्र का दावा है कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।

मायावती ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जतायी

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कोरोना माहमारी के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र से तुरंत प्रभावी कदम उठाने की मांग की।

बसपा नेता ने एक ट्वीट में कहा कि "देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इस महामारी के विरूद्ध जारी संघर्ष में पीपीई किट के बाद अब खासकर यूपी, बिहार व महाराष्ट्र आदि के अस्पतालों में ऑक्सीजन के कमी अति-चिन्ता की बात है। ऐसे में केंद्र तुरंत प्रभावी कदम उठाये ताकि कोरोना से होने वाली बढ़ती मौतों को रोका जा सके।"

देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इस महामारी के विरूद्ध जारी संघर्ष में पीपी किट के बाद अब खासकर यूपी, बिहार व महाराष्ट्र आदि के अस्पतालों में आक्सीजन के कमी अति-चिन्ता की बात है। ऐसे में केन्द्र तुरन्त प्रभावी कदम उठाये ताकि कोरोना से होने वाली बढ़ती मौतों को रोका जा सके।

— Mayawati (@Mayawati) September 15, 2020

फारूक अब्दुला ने जम्मू के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को चिंताजनक बताया

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुला ने सोमवार को कोविड-19 महामारी के बीच जम्मू के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कथित कमी को ‘चिंताजनक’ करार दिया और दावा किया कि इस समस्या को दूर करने के लिए कोइ उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया है। पार्टी की विज्ञप्ति में उनका यह बयान है।

लोकसभा में शून्य काल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य हर्षवर्द्धन को जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के मामले में तीव्र वृद्धि से स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए कहा, ‘‘ खबर है कि कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है और इससे कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों की जान जोखिम में है। यह जानकर दुख होता है कि इस समस्या के समाधान के कोई उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया है । ’’

उन्होंने यह भी कहा कि 60 जीवनरक्षक प्रणालियां काम नहीं कर रही हैं।

महाराष्ट्र में ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को एंबुलेंस की तरह माना जाएगा

महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को आदेश जारी किया जिसके मुताबिक ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को एंबुलेंस माना जाएगा ताकि कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों तक इस गैस की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

इस संबंध में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि एक साल तक केवल ऑक्सीजन लेकर जा रहे वाहनों को एंबुलेंस माना जाएगा।

अधिसूचना में कहा गया, इसलिए महाराष्ट्र सरकार घोषाण करती है कि चिकित्सा जरूरतों के लिए ऑक्सीजन ले जाने के लिए अधिकृत वाहनों को ऐसी आपदा के मद्देनजर एक साल तक केवल ऑक्सीजन लदे होने पर एंबुलेंस माना जाएगा और इन वाहनों को आपातकाल सेवा या आपदा प्रबंधन ड्यूटी पर तैनात वाहनों की सुविधा मिलेगी ।’’

कोविड-19 मामले बढ़ने के बीच पंजाब ऑक्सीजन के स्थानीय उत्पादन में बढ़ोत्तरी करेगा

पंजाब में बढ़ते कोविड-19 मामलों के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वे वर्तमान जरूरत को पूरा करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन के स्थानीय उत्पादन में वृद्धि करें।

अधिकारियों ने कहा कि भविष्य के किसी भी संकट से निपटने के लिए ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़े, इसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया।

अब तक पंजाब अपनी ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को अन्य राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से पूरा कर रहा था।

हालांकि, जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं और देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट आ रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भीतर ही उत्पादन के जरिए अतिरिक्त आपूर्ति उत्पन्न करने की आवश्यकता है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस निर्णय के तहत स्वास्थ्य विभाग ने अब तक एक औद्योगिक ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता को पंजाब में ही ऑक्सीजन का उत्पादन करने का लाइसेंस प्रदान किया है जबकि छह पैकिंग इकाइयों को चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की पैकिंग की अनुमति दी गई है।

इसके मुताबिक, भविष्य में ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि होने पर अन्य राज्यों से होने वाली आपूर्ति और स्थानीय उत्पादन की सहायता से इससे निपटा जा सकेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Coronavirus
COVID-19
Lack of oxygen
Madhya Pradesh
Gujarat
UP
punjab
Delhi
Maharashtra
Jammu and Kashmir
BJP
modi sarkar

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License