इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर की घटना में जमानत दे दी, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 18 जनवरी को आशीष मिश्रा की याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
गुरुवार को जस्टिस राजीव सिंह ने इस मामले में मिश्रा को जमानत दे दी।
केंद्रीय मंत्री के बेटे की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए घटना में शामिल वाहन के चालक को उकसाया।
याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता वी के शाही ने कहा था कि घटना के समय आशीष मिश्रा उस कार में थे, जिसने किसानों को कुचला।
पुलिस ने मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
किसान एकता मोर्चा ने मिश्रा को जमानत मिलने पर किसानों से संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की है। उसने ट्वीट कर लिखा कि,
"एक तरफ़ लखीमपुर खीरी केस में गिरफ्तार किसानों की जमानतें रदद् हो रही है, वही कांड के दोषी, अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को जमानत मिल गयी है।"
गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कुचल दिया। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। इस मामले में सामने आए कुछ वीडियो के बाद अब लगभग यह भी साफ हो गया है कि पत्रकार की मौत भी गाड़ी से कुचलकर ही हुई थी।
किसान नेताओं ने यह भी दावा किया था कि उस वाहन में मंत्री के बेटे आशीष भी था, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था, लेकिन मंत्री ने आरोपों से इनकार कर दिया था। किसान इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ़्तारी और कैबिनेट से उनकी बर्ख़ास्तगी की भी मांग कर रहे हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)