NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तमिलनाडु में गंगा सफ़ाई के नाम पर लाखों खर्च, क्या वाकई यहां गंगा बहती है?
डीएमके सांसद पी विल्सन ने CSR फंड की राशि का एक हिस्सा तमिलनाडु में स्वच्छ गंगा फंड में इस्तेमाल होने पर हैरानी जताते हुए कहा कि मैं नहीं जानता था कि गंगा तमिलनाडु से भी बहती है!
सोनिया यादव
23 Jul 2021
तमिलनाडु में गंगा सफ़ाई के नाम पर लाखों खर्च, क्या वाकई यहां गंगा बहती है?

"अगर मैं गंगा को साफ़ नहीं कर पाई तो प्राण दे दूंगी”

ये बयान बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने साल 2017 में दिया था। तब वो केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री थी और नमामि गंगे परियोजना उन्हीं की देख-रेख में आगे बढ़ रही थी। उमा ने उस वक्त गंगा सफाई के बड़े-बड़े वादे कर 2018 की डेडलाइन देकर सुर्खियां तो खूब बटोर ली थी, लेकिन हक़ीकत ये है कि आज तीन साल बाद 2021 में भी गंगा सफाई का काम पूरा नहीं हो सका है। हैरानी की बात है कि गंगा सफाई के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार हो रहा है। जिस राज्य में गंगा बहती ही नहीं वहां इसके लिए पैसे लगाए जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी यानी CSR के तहत खर्च किए गए पैसे में स्वच्छ गंगा फंड का भी जिक्र किया गया है और इसका खुलासा खुद सरकार ने किया है।

क्या है पूरा मामला?

तमिलनाडु से राज्यसभा में डीएमके सांसद पी विल्सन ने 21 जुलाई को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने तमिलनाडु में खर्च हुई CSR फंड की राशि और उन परियोजनाओं के बारे में अपने सवाल का जवाब लिखा, जो उन्हें संसद में यह जवाब केंद्र सरकार में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की तरफ से लिखित तौर पर दिया गया है।

विल्सन ने लिखा, “तमिलनाडु के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत जारी किए गए फंड पर सवाल का जवाब माननीय मंत्री ने दिया है। इसमें बताया गया है कि फंड का एक हिस्सा तमिलनाडु में स्वच्छ गंगा फंड में इस्तेमाल किया गया है। मैं नहीं जानता था कि गंगा तमिलनाडु से भी बहती है!”

To my question on the allocation of CSR funds in TN, the Hon. Minister has replied that part of the TN fund has been used for the clean Ganga fund. I didn't know Ganga flows through TN! pic.twitter.com/7eGUCXkPXe

— P. Wilson MP (@PWilsonDMK) July 21, 2021

तीन साल में 52 लाख रुपए खर्च

सांसद पी. विल्सन ने अपने ट्वीट के साथ सरकार की तरफ से दिए गए जवाब की कॉपी भी नत्थी की है। इसमें खर्च किए गए CSR फंड के क्षेत्रवार बंटवारे की जानकारी है। वित्त वर्ष 2020 में स्वच्छ गंगा कोष के लिए 0.26 करोड़ यानी 26 लाख रुपये की राशि दिखाई गई है। इसी तरह वित्त वर्ष 2018 और 2019 के लिए 13-13 लाख रुपए खर्च दिखाया गया है। मतलब, जिस राज्य में गंगा नदी है ही नहीं, वहां पर उसकी सफाई में पिछले तीन साल में 52 लाख रुपए खर्च दिखाए गए हैं।

सांसद पी. विल्सन का ये भी आरोप है कि मंत्री ने जवाब में यह नहीं बताया कि प्रोजेक्ट के किस मद में कितना पैसा खर्च हुआ। मिसाल के तौर पर तमिलनाडु में क्लीन गंगा फंड का इस्तेमाल किस तरह के काम में किया गया। उन्होंने इस बारे में मंत्री से और जानकारी मांगने की बात भी कही है।

आपको बता दें कि पी विल्सन राजनीति में आने से पहले बड़े वकील रहे हैं। तमिलनाडु के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके ओर से उठाए गए तमाम सवाल सरकार की नीयत और नीति दोनों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

मालूम हो कि गंगा भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरबन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। यह गंगोत्री से निकलकर पश्चिम बंगाल के फरक्का के बाद बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। जंगीपुर में कुछ दूरी तक यह भारत में रहती है लेकिन उसके बाद बांग्लादेश होकर बहती है। बांग्लादेश में इसे पद्मा नदी के नाम से जानते हैं, जहां ब्रह्मपुत्र नदी से संगम होता है।

भारत में गंगा उत्तराखंड के देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार होते हुए उत्तर प्रदेश में नरोरा,फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर के रास्ते बिहार में चौसा, बक्सर, पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर , मिर्जाचौकी से होकर झारखंड के साहिबगंज, महाराजपुर, राजमहल से निकलते हुए पश्चिम बंगाल के फरक्का, रामपुरहाट, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद के बाद गंगा सागर में मिल जाती है।

गंगा के नाम पर सब पाप धो रहे हैं!

गौरतलब है कि चुनाव जैसे ही नज़दीक आते हैं, गंगा सफाई सबसे अहम एजेंडा बन जाता है और जैसे ही चुनाव खत्म इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं मिलता। एक आरटीआई के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिन 521 नदियों के पानी की मॉनिटरिंग करता है, उनमें से 323 प्रदूषित हैं। यानी साफ है कागज़ों पर सब साफ है और हक़ीकत में सब खराब।

अविरल गंगा के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना शुरू की थी। जिसके तहत जून 2014 में 20 हजार करोड़ का बजट पास किया गया था। इस बड़े बजट के बावजूद गंगा सफाई पर कोई बड़ा नतीजा नजर नहीं आ रहा है। गंगा का तो वही पुराना हाल है। खुलेआम नाले गिर रहे हैं, कचरा बह रहा है। यानी नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा की सफाई के लिए हज़ारों करोड़ रुपये तो खर्च किए गए लेकिन वाकई में गंगा साफ़ नहीं हुई। हद तो तब हो गई जब कोरोना काल में प्रयागराज में गंगा किनारे कुछ जगहों पर रेत में दफ़न सैकड़ों शवों की तस्वीरें और वीडियो देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन गए। इन सैकड़ों मौतों पर सवाल खड़े हुए तो राज्य सरकार के मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने इसे 'प्रयागराज की पुरानी परंपरा' बता दिया। मतलब गंगा की सफाई हो न हो, लेकिन गंगा सभी के सफाई देने का जरिए जरूर बन रही है।

Tamilnadu
P. Wilson
Ganga River
DMK
CSR
CSR funds
Polluted rivers
Pollution in River Ganga

Related Stories

तमिलनाडु : विकलांग मज़दूरों ने मनरेगा कार्ड वितरण में 'भेदभाव' के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 

बनारस में गंगा के बीचो-बीच अप्रैल में ही दिखने लगा रेत का टीला, सरकार बेख़बर

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

सामाजिक न्याय का नारा तैयार करेगा नया विकल्प !

तमिलनाडु राज्य और कृषि का बजट ‘संतोषजनक नहीं’ है

ख़बरों के आगे पीछे: यूक्रेन में फँसे छात्रों से लेकर, तमिलनाडु में हुए विपक्ष के जमावड़े तक..

तमिलनाडु : किशोरी की मौत के बाद फिर उठी धर्मांतरण विरोधी क़ानून की आवाज़

2022 तय कर सकता है कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का भविष्य


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License