NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पिछले हफ़्ते अल्जीरिया में गिरफ़्तार हुए 23 हिरक प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरु की
सरकार से बिना शर्त सभी राजनीतिक समर्थकों को रिहा करने की मांग करते हुए उत्तरी अफ्रीकी इस देश में पिछले हफ़्ते हिरक प्रदर्शनकारियों द्वारा देश भर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया गया।
पीपल्स डिस्पैच
12 Apr 2021
पिछले हफ़्ते अल्जीरिया में गिरफ़्तार हुए 23 हिरक प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरु की

अल्जीरिया में पिछले सप्ताह सत्ता विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद मनमानी और गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए तेईस हिरक प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। रविवार 11 अप्रैल को अशर्क अल-अवसत ने ये रिपोर्ट प्रकाशित की।

अल्जीरियाई कैदियों के अधिकार और सहायता करने वाले संगठन सीएनएलडी (नेशनल कमीशन फॉर द लिबरेशन ऑफ डिटेनीज) के अनुसार, 23 राजनीतिक बंदियों ने पिछले हफ्ते बुधवार 7 अप्रैल को राजधानी अल्जीयर्स में एल हैरच जेल में भूख हड़ताल शुरू की। गिरफ्तार किए गए 23 प्रदर्शनकारियों पर "राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने" और "निहत्थे भीड़ या प्रदर्शन का आयोजन करने" जैसे आरोप लगाए गए हैं।

गिरफ्तारी की हाल की घटना अल्जीरियाई सरकार का सरकार विरोधी हिरक प्रदर्शनों पर नए सिरे से की गई कार्रवाई का अहम सबूत है। तीन साल पहले 2019 में शुरु हुए मूल हिरक प्रदर्शनों को क्रूर तरीके से अधिकारियों द्वारा दमन किए जाने की घटना की इसने याद ताजा कर दी है।

वैश्विक कोरोनावायरस महामारी के फैलने के बाद पिछले साल अस्थायी रूप से स्थगित होने के बाद शुरु हुए हिरक प्रदर्शनों पर पिछले कुछ हफ्तों में अल्जीरियाई सुरक्षा बलों ने बहुत हिंसक और कठोर कार्रवाई की। कथित तौर पर 9 अप्रैल को 36 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से कई नाबालिग हैं। प्रदर्शनकारियों को "गलत जानकारी फैलाने", "राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के उद्देश्य से भीड़ इकट्ठा करने" और "ड्रग रखने" जैसे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले हफ्ते गिरफ्तारियों के बाद हजारों की संख्या में हिरक प्रदर्शनकारी शुक्रवार 9 अप्रैल को अल्जीरिया के शहरों, कस्बों और गांवों की सड़कों पर उतरे। यह प्रदर्शन साल 2019 के बाद से अपनी तरह का 112 वां प्रदर्शन था। प्रदर्शनकारियों ने इस गिरफ्तारी की निंदा की और सरकारी हिरासत में सभी राजनीतिक कैदियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की। साथ ही उन्होंने अल्जीरिया में व्यवस्थागत परिवर्तन की अपनी मौलिक और लंबे समय से चली आ रही मांगें जैसे अपदस्थ राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बाउटेफ्लिका के कार्यकाल से संबंधित सभी लोगों को जो अभी देश की सत्ता और राजनीति में सक्रिय हैं उन्हें बाहर करने की मांग की। इसके साथ साथ उन्होंने भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी, सार्वजनिक सेवाओं में गिरावट आदि जैसे मुद्दों से निपटने और देश के नागरिक और राजनीतिक मामलों में अल्जीरियाई सेना के हस्तक्षेप को रोकने की मांग की।

algiria
hunger strike
CNLD
National Commission for the Liberation of Detainees
Algerian Government

Related Stories

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

112 दिनों की भूख हड़ताल के बाद जेल में बंद मोरक्को के पत्रकार सुलेमान रायसूनी की तबीयत बिगड़ी

इंटरकल्चरल एजुकेशन लॉ लागू करने की मांग को लेकर इक्वाडोर के शिक्षक भूख हड़ताल पर

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

इजिप्ट : राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन में मशहूर हस्तियों ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत के ख़िलाफ़ तीन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों ने की भूख हड़ताल

अल्जीरिया में पत्रकारों ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी उत्पीड़न का विरोध किया

बैंकाक में भूख हड़ताल कर रहे बंदियों की रिहाई की मांग करते हुए सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

न्यूयॉर्कः भूख हड़ताल कर रहे बिना दस्तावेज़ के प्रवासी कर्मचारियों ने ऐतिहासिक जीत हासिल की

डीयू खोलने की मांग को लेकर छात्रों की 48 घंटे की भूख हड़ताल, पुलिस ने हिरासत में लिया


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License