NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
वकीलों, एक्टिविस्टों ने अफ़्रीकी संघ में इज़रायल के पर्यवेक्षक का दर्जा रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की
इज़रायल को इस साल जुलाई में एक पर्यवेक्षक राज्य के रूप में अफ़्रीक़ी संघ में शामिल किया गया था। इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनी लोगों पर निरंतर दमन को देखते हुए इस निर्णय ने एयू के कई सदस्य देशों को चौंका दिया था।
पीपल्स डिस्पैच
17 Sep 2021
वकीलों, एक्टिविस्टों ने अफ़्रीकी संघ में इज़रायल के पर्यवेक्षक का दर्जा रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की

कई देशों के वकीलों, एक्टिविस्टों और शोधकर्ताओं के एक समूह ने गुरुवार 16 सितंबर को अफ्रीकन कमीशन ऑन ह्यूमन एंड पीपल्स राइट्स में एक याचिका दायर की है जिसमें मांग की गई है कि अफ्रीकी संघ (एयू) इजरायल को पर्यवेक्षक राज्य के रूप में स्वीकार करने के अपने हालिया फैसले को रद्द कर दे क्योंकि फिलिस्तीनियों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन और युद्ध अपराधों का इसका भयानक रिकॉर्ड है। अनादोलु एजेंसी की ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

अफ्रीकी संघ ने जुलाई में ये विवादास्पद निर्णय लिया था, जिससे कई सदस्य देशों द्वारा निंदा की गई और विरोध किया गया था। इन सदस्यों ने 54 सदस्यीय एयू पर एकतरफा और उनसे परामर्श किए बिना निर्णय लेने का आरोप लगाया था। पिछले महीने ही 16 देशों से मिलकर बने साउदर्न अफ्रीकन डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) ने एयू के इस फैसले की निंदा की थी।

200 पन्नों की इस याचिका में कहा गया है कि “यह शिकायत 2021 के जुलाई के अंत में इजरायल को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के अफ्रीकी संघ के फैसले के खिलाफ की गई है। इज़रायल द्वारा किए गए मानवाधिकारों का उल्लंघन अफ्रीकी संघ के चार्टर की भावना और उद्देश्य के विपरीत है, विशेष रूप से आत्मनिर्णय और राजनैतिक स्वतंत्रता के मुद्दों से संबंधित है क्योंकि इज़रायल अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए फिलिस्तीन पर अवैध रूप से कब्जा करना जारी रखे हुए है।"

इस याचिका के पक्षकारों में फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी एलायंस (पीएसए), जोहान्सबर्ग स्थित थिंक टैंक मीडिया रिव्यू नेटवर्क (एमआरएन), यूएस के वकील स्टेनली कोहेन, दक्षिण अफ्रीकी वकील नदीम महोमेद और शबनम मेयत साथ ही बेल्जियम, आयरलैंड और यूएस के कई अन्य लोग शामिल हैं।

पिछले कई महीनों में इजरायल को वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशेलम के कब्जे वाले फिलीस्तीनी क्षेत्रों में मानवाधिकारों के हनन और फिलीस्तीनियों के खिलाफ कई हिंसक हमलों के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा है, साथ ही साथ उसे मई महीने में गाजा पर 11 दिनों के हवाई हमले के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है जिसमें 67 बच्चों सहित 250 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई थी। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने पूर्वी येरुशेलम के कब्जे वाले अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर हिंसक इजरायली हमले की भी निंदा की थी। पहले गाजा पर बमबारी के साथ-साथ अवैध इजरायली सेटलर्स और सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय फिलिस्तीनियों को शेख जर्राह के पास पूर्वी येरुशेलम में उनके घर और जमीन से जबरन निकालने और नस्लीय तरीके से सफाया करने के लिए बार-बार प्रयास करने को लेकर निंदा की गई थी।

Israel
africa
African Union
Palestine

Related Stories

क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

यूरोप धीरे धीरे एक और विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रहा है

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License