NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लेबनान : कंपनी से सहमति के बाद प्रवासी मज़दूरों की हड़ताल ख़त्म
क़रीब 400 मज़दूर कई हफ़्तों से हड़ताल पर थे क्योंकि कंपनी ने उनका वेतन काटना और उन्हें अनुबंध के तहत तय किये गए अमेरिकी डॉलर की जगह लेबनानी पाउंड में वेतन देना शुरू कर दिया था।
पीपल्स डिस्पैच
21 May 2020
लेबनान

लेबनान की वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी, RAMCO में काम करने वाले क़रीब 400 मज़दूर जिसमें से ज़्यादातर भारत और बांग्लादेश से हैं, उन्होंने कंपनी प्रशासन से वेतन कटौती के मुद्दे पर हुई सहमति के बाद अपनी हड़ताल अस्थायी रूप से रोक दी है। यह जानकारी 20 मई को बांग्लादेश दूतावास ने Middle East Eye को दी।

न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इन कर्मचारियों के वेतन में थोड़ी सी वृद्धि करने पर सहमति जताई है।

मज़दूरों के अनुसार, RAMCO ने एक महीने से ज़्यादा पहले से उनके वेतन में कटौती करनी शुरू की थी। इसके अलावा कंपनी ने उन्हें आम तौर पर अमेरिकी डॉलर में दिया जाने वाला वेतन लोकल लेबनानी करेंसी में देना शूरू कर दिया, जो आर्थिक रूप से बेहद कमज़ोर है।

 RAMCO के डायरेक्टर वालिद अबू साद ने कहा था कि क्योंकि सरकार उन्हें अमेरिकी डॉलर की जगह लेबनानी पाउंड में पैसा दे रही थी, इसलिए उन्हें मजबूरन मज़दूरों को भी इसी करेंसी में पैसा देना पड़ा।

इसके बाद, श्रमिकों ने बेरूत में कंपनी के भंडारण स्थल के बाहर पिछले सप्ताह विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फ़ैसला किया। उन्होंने कंपनी के साथ अपने गुस्से और हताशा को दर्ज करने के लिए वेस्ट कलेक्शन ट्रकों को भी बाहर जाने से रोक दिया। विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए, कंपनी ने देश की दंगा पुलिस को बुलाया। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि, पुलिस ने बेरहमी से और अमानवीय तरीक़े से विदेशी कर्मचारियों को बैटन की छड़ों से मारा और प्रदर्शन ख़त्म करवाने के लिए उनपर आँसू गैस का भी उपयोग किया।

लेबनान में विदेशी कर्मचारी 400,000 से ज़्यादा हैं जिनपर अन्य तरह के शोषण भी किये जाते हैं और उन्हें बुरा बर्ताव, कम और अनुचित वेतन, सामाजिक और आर्थिक अलगाव, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना जैसी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है। 12 मई को, कंपनी के एक सुरक्षा अधिकारी द्वारा एक मानसिक तौर पर बीमार प्रवासी मज़दूर पर शारीरिक हमला करने की ख़बर सामने आई थी, जिसके बाद मज़दूरों ने RAMCO के ख़िलाफ़ एक बयान जारी कर के उसपर मानवाधिकार के उल्लंघन के इल्ज़ाम लगाए थे।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

Lebanon
Lebanon Protest
Migrant workers
RAMCO

Related Stories

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कर्नाटक: मलूर में दो-तरफा पलायन बन रही है मज़दूरों की बेबसी की वजह

क्या है सच?: मज़दूरों ने कहा फिर से पलायन के हालात, सरकारी तंत्र ने कहा दावा भ्रामक है

पश्चिम बंगाल में मनरेगा का क्रियान्वयन खराब, केंद्र के रवैये पर भी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल

मौत के आंकड़े बताते हैं किसान आंदोलन बड़े किसानों का नहीं है - अर्थशास्त्री लखविंदर सिंह

आसमान से गिरते इंसान: मानव होने की निरर्थकता

सीटू ने बंगाल में प्रवासी श्रमिकों की यूनियन बनाने की पहल की 

इज़रायल ने दक्षिणी लेबनान में तीन अलग-अलग स्थानों पर हवाई हमले किए

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?

महामारी ने शहरी भारत के जीवन को किया बेहाल  


बाकी खबरें

  • ऋचा चिंतन
    WHO की कोविड-19 मृत्यु दर पर भारत की आपत्तियां, कितनी तार्किक हैं? 
    25 Apr 2022
    भारत ने डब्ल्यूएचओ के द्वारा अधिक मौतों का अनुमान लगाने पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते इसके प्रकाशन में विलंब हो रहा है।
  • एजाज़ अशरफ़
    निचले तबकों को समर्थन देने वाली वामपंथी एकजुटता ही भारत के मुस्लिमों की मदद कर सकती है
    25 Apr 2022
    जहांगीरपुरी में वृंदा करात के साहस भरे रवैये ने हिंदुत्ववादी विध्वंसक दस्ते की कार्रवाई को रोका था। मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यकों को अब तय करना चाहिए कि उन्हें किसके साथ खड़ा होना होगा।
  • लाल बहादुर सिंह
    वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव को विभाजनकारी एजेंडा का मंच बनाना शहीदों का अपमान
    25 Apr 2022
    ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध हिन्दू-मुस्लिम जनता की एकता की बुनियाद पर लड़ी गयी आज़ादी के लड़ाई से विकसित भारतीय राष्ट्रवाद को पाकिस्तान विरोधी राष्ट्रवाद (जो सहजता से मुस्लिम विरोध में translate कर…
  • आज का कार्टून
    काश! शिक्षा और स्वास्थ्य में भी हमारा कोई नंबर होता...
    25 Apr 2022
    SIPRI की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने साल 2022 में हथियारों पर जमकर खर्च किया है।
  • वसीम अकरम त्यागी
    शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार
    25 Apr 2022
    अधिकांश मुस्लिम आबादी वाली इस बस्ती में हिंदू दुकानदार भी हैं, उनके मकान भी हैं, धार्मिक स्थल भी हैं। समाज में बढ़ रही नफ़रत क्या इस इलाक़े तक भी पहुंची है, यह जानने के लिये हमने दुकानदारों,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License