वाम दलों ने लखीमपुर खीरी की घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए अपना रोष प्रकट किया है। और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सीपीआई-एम के इलाहाबाद में चल रहे 23वें राज्य सम्मेलन में इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।
सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे वीर और दृढ़निश्चयी किसानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
येचुरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भाजपा और मोदी सरकार को किसानों पर की गई बर्बरता के शिकार लोगों तक राजनीतिक दलों को नहीं पहुंचने देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र के इस क्रूर दमन की कड़ी निंदा करते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक वीडियो साझा करते हुए येचुरी ने प्रधानमंत्री से उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस वीडियो में खट्टर अपने समर्थकों को किसानों को सबक़ सिखाने की बात कर रहे हैं और लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं।
येचीर ने कहा- क्या हमें उम्मीद करनी चाहिए कि हमारे "मूक" पीएम अपनी पार्टी के सीएम के बयान पर बोलेंगे या अपने केंद्रीय मंत्री के बेटे पर कथित तौर पर यूपी में किसानों की हत्या कर रहे हैं, या लोकतंत्र और कानून के शासन के बारे में व्याख्यान केवल विदेशी दर्शकों के लिए हैं? यह एक भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री हैं जो मोदी सरकार के कठोर कृषि कानूनों के खिलाफ दृढ़ लेकिन शांतिपूर्वक विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं।
येचुरी ने कहा कि इस तरह के बयान के बाद उन्हें सीएम बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
सीपीआई-एमएल यानी भाकपा माले ने भी लखीमपुर खीरी की घटना पर गहरा शोक और रोष प्रकट किया है। पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य का कहना है कि किसानों के खिलाफ बीजेपी की घिनौनी जंग दिनों-दिन तेज़ होती जा रही है। उन्होंने बताया कि माले की एक टीम लखीमपुर खीरी में तथ्य और अपडेट इकट्ठा करने के लिए पहुंच चुकी है। किसान आंदोलन को बल पूर्वक दबाया नहीं जा सकता।