NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल सल्वाडोर में संसदीय चुनाव ने तानाशाही राष्ट्रपति नायिब बुकेले की शक्ति को मज़बूत किया
संसदीय चुनावों में बुकेले के नेतृत्व वाले एनआई-जीएएनए गठबंधन की भारी जीत ने प्रगतिशील वर्गों को चिंता में डाल दिया है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Mar 2021
अल सल्वाडोर

28 फरवरी को अल सल्वाडोर में हुए विधायी और नगरपालिका चुनावों के प्रारंभिक परिणामों के अनुसार अतिदक्षिणपंथी राष्ट्रपति नायिब बुकेले कई दशकों में देश के सबसे शक्तिशाली नेता बन कर उभर रहे हैं। 2 मार्च तक 95.42% वोटों की गिनती हो चुकी है और परिणाम बताते हैं कि बुकेले के नेतृत्व वाली ग्रांड अलायंस फॉर नेशनल यूनिटी(जीएएनए) और न्यू आडियाज (एनआई) के राजनीतिक गठबंधन देश दो सदन वाली संसद में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के करीब है।

एनआई-जीएएनए गठबंधन की भारी जीत ने दक्षिणपंथी नेशनलिस्ट रिपब्लिकन अलायंस (एआरईएनए) और वामपंथी फाराबुंडो मार्टी नेशनल लिब्रेशन फ्रंट (एमएमएलएन) दलों को पीछे छोड़ दिया है जिसका वर्चस्व 1992 से सरकार और कांग्रेस पर रहा है।

1 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल (टीएसई) के अध्यक्ष ने घोषणा की कि मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सीटों के आवंटन पर रिपोर्ट करना संभव होगा।

हालांकि, प्रारंभिक परिणामों की घोषणा होने से पहले ही बुकेले ने अपनी जीत का जश्न मनाया और दावा किया कि उनकी पार्टी और उसके सहयोगी संसद की 84 में से 60 से अधिक सीटें जीतेंगे। उन्होंने 28 फरवरी को एक ट्वीट में ये कहा।

एनआई-जीएएनए गठबंधन की भारी जीत देश में और इस क्षेत्र में प्रगतिशील वर्गों के लिए चिंता का विषय बन गई है। ये दो-तिहाई बहुमत तानाशाही राष्ट्रपति और उनके प्रशासन के हाथों को काफी शक्ति देता है।

अन्य राजनीतिक संगठनों के साथ समझौता किए बिना बुकेले देश में ऋण को मंजूरी दे सकते हैं, कानून पारित कर सकते हैं, संवैधानिक सुधारों को बढ़ावा दे सकते हैं और अपने नवउदारवादी एजेंडे को पूरा कर सकते हैं।

वह न्यायपालिका को भी प्रभावित करने में सक्षम होंगे क्योंकि 1 मई को शपथ लेने के बाद संसद के नवनिर्वाचित सदस्य पर सुप्रीम कोर्ट के पंद्रह नए न्यायाधीश में से पांच न्यायाधीश और एक अटॉर्नी जनरल को नियुक्त करने की जिम्मेदारी होगी।

al salvador
al salvador govt
Nayib bukele

Related Stories


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License