NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली हिंसा के सबक़
इस हिंसा ने एक बात बहुत साफ़ तौर पर बता दी है, वह यह कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी भारत के लिए अत्यंत विभाजनकारी व विघटनकारी हैं।
अजय सिंह
29 Feb 2020
Delhi violence

देश की राजधानी दिल्ली में 23 फ़रवरी 2020 से शुरू हुई पूर्व-नियोजित भयानक मुस्लिम-विरोधी हिंसा ने, जिसमें अब तक 42 लोगों की जानें जा चुकी हैं, एक बात बहुत साफ़ तौर पर बता दी है, वह यह कि नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) भारत के लिए अत्यंत विभाजनकारी व विघटनकारी हैं। इन्हें फ़ौरन वापस लिया जाना चाहिए या रद्द कर देना चाहिए, नहीं तो दिल्ली से भी ज़्यादा ख़ौफ़नाक हालात देश में पैदा हो सकते हैं।

सीएए-एनपीआर-एनआरसी को लेकर ख़ासकर मुस्लिम समुदाय के अंदर गहरी असुरक्षा, चिंता और आशंका पैदा हो गयी है। उसकी वाजिब वजहें हैं। इस चिंता और असुरक्षा को दूर करने की कोई कोशिश केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नहीं की, उलटे अपने बयानों और हाव-भाव से उसे और बढ़ाया ही।

हमारे देश में पहली बार नागरिकता-संबंधित क़ानून (सीएए) को धर्म-आधारित बनाया गया है और इसमें से मुसलमान (इस्लाम धर्म) को बाहर कर दिया गया है। पिछले दिनों असम में एक मुस्लिम महिला का मामला सामने आया है, जिसने भारत की अपनी नागरिकता के सबूत के तौर पर 15 वैध दस्तावेज़ पेश किये। लेकिन अदालत ने उसके सभी दस्तावेज़ों को ख़ारिज कर दिया, उसे भारत की नागरिक नहीं माना, अ-नागरिक घोषित कर दिया और उसे हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) में भेज दिया। हिरासत केंद्र, यानी जेल यानी जेल से भी बदतर जगह, नाज़ी जर्मनी के यातना केंद्र की तरह। भारत का मुसलमान अपना भयावह भविष्य इसी रूप में देख रहा है।

सीएए-एनपीआर-एनआरसी के चलते देश में गृहयुद्ध-जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इसकी आहटें सुनायी देने लगी हैं। भारत को सर्बिया-बोस्निया नहीं बनना है, नहीं बनने देना है। भाजपा का नियंत्रक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यही चाहता है, ताकि भारत को फ़ासिस्ट हिंदू राष्ट्र बना दिया जाये। सीएए (नागरिकता संशोधन क़ानून) भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया क़दम है।

दिल्ली में पुलिस ने मुसलमानों के साथ जिस तरह बर्बर और हिंसक व्यवहार किया, उसने असंदिग्ध रूप से बता दिया है कि पुलिस का पूरी तरह ‘हिंदूकरण’ हो गया है। वह अब पेशेवर (प्रोफे़शनल), संविधान व क़ानून का पालन करने वाली पुलिस न रह कर ‘हिंदू मिलीशिया’ बन गयी है और ‘हिंदू रक्षक बल’ में तब्दील हो गयी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा यही चाहती है। ‘जय श्रीराम’ और ‘वंदेमातरम’ के नारे अब पुलिस के नारे बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी दिसंबर 2019 में पुलिस ने मुसलमानों के साथ ऐसा ही बर्बर व हिंसक सलूक किया था।

हमारा देश, जिसे संविधान की प्रस्तावना में ‘प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ कहा गया है, गहरे संकट-अस्तित्व के संकट-से गुज़र रहा है। ऐसे में शाहीन बाग़ उम्मीद की किरन की तरह झिलमिला रहा है!

(लेखक वरिष्ठ कवि व राजनीतिक विश्लेषक है। लेख में व्यक्त विचार निजी हैं।)

Delhi Violence
Religion Politics
CAA
NRC
NPR
Delhi Politics
BJP
AAP
hindu-muslim
delhi police

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License