NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
लंदन में द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र मेले का प्रगतिशील वर्गों ने किया विरोध
लंदन में द्विवार्षिक डिफेंस एंड सिक्योरिटी इक्विपमेंट इंटरनेशनल (डीएसईआइ) आर्म्स फेयर में दुनिया भर के शस्त्र निर्माता अपने नवीनतम उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन करते हैं।
पीपल्स डिस्पैच
15 Sep 2021
लंदन में द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र मेले का प्रगतिशील वर्गों ने किया विरोध

मंगलवार 14 सितंबर को यूके में प्रगतिशील वर्गों ने लंदन के एक्सेल सेंटर में डिफेंस एंड सिक्योरिटी इक्विपमेंट इंटरनेशनल (डीएसईआइ) आर्म्स फेयर के उद्घाटन का विरोध किया। कैंपेन अगेंस्ट आर्म्स ट्रेड (सीएएटी) और स्टॉप द आर्म्स फेयर ने लंदन में दुनिया के सबसे बड़े हथियार मेलों में से एक मेले के आयोजन के विरोध का आह्वान किया है। साथ ही डीएसईआई आर्म्स फेयर की निंदा करते हुए कहा है कि "यहां युद्ध, दमन और अन्याय से लाभ पाने वाले व्यापार करते हैं।" यंग कम्युनिस्ट लीग (वाईसीएल-ब्रिटेन) के कार्यकर्ताओं ने भी इस आर्म्स मेले की निंदा करने के लिए लंदन में एक विरोध मार्च का आयोजन किया है।

डिफेंस एंड सिक्योरिटी इक्विपमेंट इंटरनेशनल (डीएसईआइ) आर्म्स फेयर लंदन में स्थित एक्सेल इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक द्विवार्षिक रक्षा एवं सुरक्षा व्यापार प्रदर्शनी है जहां शस्त्र निर्माता अपने नवीनतम उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन करते हैं। इस साल 14 से 17 सितंबर तक होने वाले चार दिवसीय मेले में दुनिया के शीर्ष 10 हथियार निर्माताओं सहित 800 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं जहां सौ से अधिक देशों के सरकारी और सैन्य प्रतिनिधियों को ब्रिटिश सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया गया है। शस्त्र प्रदर्शन करने वाले देशों में वे देश भी शामिल हैं जिनका मानवाधिकार को लेकर खतरनाक ट्रैक रिकॉर्ड है।

प्रदर्शनकारियों के अनुसार, एक्सेल सेंटर में द्विवार्षिक मेला विमानों, बमों, रॉकेटों, बंदूकों, टैंकों और युद्धपोतों की रूपरेखा तैयार करता है और दुनिया में सबसे व्यस्ततम स्थानों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019 के डीएसईआइ मेले में करीब 1700 कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

कैंपेन अगेंस्ट आर्म्स ट्रेड (सीएएटी) ने आरोप लगाया है कि सऊदी अरब जैसे देशों के प्रतिनिधिमंडल इस शस्त्र मेले में शामिल होंगे। सऊदी अरब दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदारों में से एक है और यमन में युद्ध लड़ने वाले गठबंधन में अग्रणी देशों में से एक है। इस के परिणामस्वरूप हजारों लोग मारे गए हैं। आमंत्रण सूची में मानवाधिकारों का हनन करने वाले देश हैं और पिछली बार इजिप्ट, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन को यूके सरकार की "कंट्रीज ऑफ कंसर्न" की अपनी सूची में शामिल किया गया था।

 

 

London
Arms Fair
Progressive Section
Protest

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

टोरी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रगतिशील वर्गों की लंदन में विशाल रैली

मिनेसोटा में क़रीब 250 पाइपलाइन-विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया

म्यांमा में तख़्तापलट के बाद सबसे ख़ूनी दिन, बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई!

थाईलैंड के प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की हिंसात्मक कार्रवाई

लंदनः बस ड्राइवरों की वेतन कटौती के ख़िलाफ़ हड़ताल

COVID-19 मामलों में वृद्धि के बाद लंदन में सख़्त लॉकडाउन नियम लागू

असांजे के प्रत्यर्पण के लिए सुनवाई लंदन में शुरू

केन्या : पुलिस हिंसा और मासूम नागरिकों की हत्या के ख़िलाफ़ जनता का प्रदर्शन

अमेरिका : पुलिस द्वारा जॉर्ज फ़्लॉइड की हत्या का पूरे देश में विरोध


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License