NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी श्रम दिवस पर लाखों बेरोज़गार श्रमिकों को संघीय सहायता का नुक़सान
भले ही पिछले कुछ महीनों में बेरोज़गारी सहायता के लिए नए दावों की संख्या में कमी आई हो लेकिन यह संख्या अभी भी महामारी से पहले की अवधि की तुलना में बहुत अधिक है।
पीपल्स डिस्पैच
07 Sep 2021
अमेरिकी श्रम दिवस पर लाखों बेरोज़गार श्रमिकों को संघीय सहायता का नुक़सान

एक तरफ जहां अमेरिका ने सोमवार 6 सितंबर को आधिकारिक श्रम दिवस मनाया वहीं दूसरी तरफ देश भर में लाखों बेरोजगार श्रमिकों ने फेडेरल बेरोजगारी सहायता को गंवा दिया है। पीपल्स पॉलिसी प्रोजेक्ट के एक अनुमान के अनुसार लगभग 9.3 मिलियन लोगों को बेरोजगारी सहायता में कटौती का सामना करना पड़ेगा।

श्रम दिवस की शुभकामनाओं की एक व्यंग्यात्मक ट्वीट में पीपल्स पॉलिसी प्रोजेक्ट के मैट ब्रुएनिग ने लिखा, "आज, 9.3 मिलियन बेरोजगार श्रमिकों के लाभ में कटौती होगी, उन्हें और उनके परिवार के 26 मिलियन सदस्यों को आय से वंचित किया जाएगा।"

प्रभावित होने वाले लोगों की कुल संख्या के बारे में अनुमान अलग-अलग हैं क्योंकि कई बेरोजगार श्रमिकों को इस महामारी के दौरान एक से अधिक फेडेरल सहायता प्राप्त हुई थी। सेंचुरी फाउंडेशन के अनुसार, राज्य बेरोजगारी सहायता लाभार्थियों और महामारी बेरोजगारी सहायता को विस्तारित करने वाले कार्यक्रमों की समाप्ति के साथ कम से कम 7.5 मिलियन लोग सभी बेरोजगारी सहायता खो देंगे।

इसमें गिग-इकोनॉमी और स्व-नियोजित श्रमिक शामिल हैं जो महामारी के दौरान सहायता प्राप्त करने के लिए महामारी बेरोजगारी सहायता कार्यक्रम पर निर्भर थे। इनके अलावा, लगभग 3 मिलियन को भी उनके बेरोजगारी सहायता में कटौती का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वे सीएआरईएस एक्ट के तहत पारित अतिरिक्त भुगतानों में प्रति सप्ताह 300 डॉलर को खोने वाले हैं।

विस्तारित बेरोजगारी सहायता 6 सितंबर तक 18 महीने तक चली और यह अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे व्यापक कल्याण कार्यक्रम था जिसने अब तक लगभग 794 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता का वितरण किया था।

इन सहायता कार्यक्रमों की व्यापक प्रकृति के बावजूद, अमेरिका अभी भी भारी बेरोजगारी का सामना कर रहा है। यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स का अनुमान है कि अगस्त 2021 तक लगभग 8.4 मिलियन लोग बेरोजगार थे और अन्य 5.7 मिलियन लोग इस श्रम बल से बाहर थे लेकिन नौकरी की तलाश कर रहे थे।

एक ऐसा समय जब फोर्सक्लोजर और बेदखली पर राष्ट्रव्यापी मोरेटोरियम को बंद कर दिया गया और डेल्टा वैरिएंट के हमले के कारण COVID-19 मामलों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है जहां सात-दिवसीय औसत प्रतिदिन 132,000 मामला सामने आ रहा है ऐसे में बेरोजगारी लाभ की समाप्ति से लाखों निम्न-आय वाले परिवारों पर और दबाव बढ़ने की संभावना है।

America
US Labor Day
unemployment

Related Stories

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License