NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
लखनऊ घंटाघर : अब कोरोना के नाम पर धरना हटाने की कोशिश, महिलाओं पर लाठीचार्ज़
पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं पर हल्का बल प्रयोग भी किया। जिसमें कुछ महिलाओं को चोट आई और वह बेहोश होकर गिर गईं। महिलाओं द्वारा लगाए गए अस्थायी तम्बू को भी पुलिस ने उखाड़ फेंका
असद रिज़वी
19 Mar 2020
Ghanta Ghar protest

लखनऊ के घंटाघर पर आज, गुरुवार दोपहर उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब अचानक पुलिस वहाँ नगरिकता संशोधन क़ानून के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शन को ख़त्म कराने पहुँच गई। कोरोना वायरस के नाम पर धरना उठाने आई पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं पर हल्का बल प्रयोग भी किया। जिसमें कुछ महिलाओं को चोट आई और वह बेहोश होकर गिर गईं।

हुसैनाबाद इलाक़े के घंटाघर पर दो महीने से अधिक चल रहे प्रदर्शन को हटाने आज, गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे अचानक पुलिस आ गई। महिला पुलिसकर्मियों के साथ भारी पुलिस बल को घंटाघर परिसर में देख वहाँ मौजूद महिलाएँ घबरा गईं। ऐसे में महिला पुलिसकर्मी, प्रदर्शनकारी महिलाओं से उनका सामान छीनने लगीं। इसके अलावा महिलाओं द्वारा लगाए गए अस्थायी तम्बू को भी पुलिस ने उखाड़ फेंका।

धीरे-धीरे हालत तनावपूर्ण हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं में कहासुनी भी शुरू हो गई। महिलाओं ने सरकार  और पुलिस विरोधी नारे लगाना शुरू कर दिए। महिलाओं को क़ाबू में करने में लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। जिसमें कई बुज़ुर्ग महिलाएँ घायल और बेहोश हो गईं।

5ffe8efb-d122-4990-ac77-e778db917a3e.jpg

देखते देखते घंटाघर परिसर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा होने लगे। पुलिस को अतिरिक्त पुलिस बल आरएएफ़ आदि को बुलाना पड़ा। जमा भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने हुसैनाबाद रोड पर लाठीचार्ज भी किया। जिसके बाद इलाक़े में दहशत का माहौल पैदा हो गया और भगदड़ मच गई। हालत को बेक़ाबू होते देख पुलिस ने इलाक़े की सभी दुकाने बंद करा दीं।

जैसे ही घंटाघर परिसर में पुलिस प्रवेश की ख़बर लोगों को मिली बड़ी संख्या में लोग ख़ासकर महिलाएँ वहाँ जमा होने लगी। कुछ देर में वहाँ प्रदर्शन के समर्थन में अधिवक्ता भी आ गए। महिलाओं ने बाद में पुलिस को घंटाघर परिसर से बाहर निकाल दिया। हालाँकि वहां पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विकास चंद्र त्रिपाठी ने इसके लिए महिलाओं को मुक़दमा लिखे जाने की धमकी भी दी। महिलाओं ने आरोप लगाया की प्रदर्शन हटाने आये पुलिसकर्मियों में बहुत से अपनी नेम प्लेट नहीं लगाए थे।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए प्रदर्शनकरी महिलाओं ने कहा की कोरोना से बड़ा वायरस भेदभाव है, जो सरकार संशोधित नगरिकता क़ानून के नाम पर भारतीय समाज में फैलाना चाहती है। प्रदर्शन में मौजूद एजाज़ कहती है कि कोरोना से ज़्यादा जान-माल का नुक़सान दिल्ली हिंसा में हुआ है। सरकार को पहले उसकी फ़िक्र करना चाहिए।

28ac35af-6cbc-4bc5-8729-622f596d2b61.jpg

धरने पर मौजूद शाज़िया, शबीना और फ़ातिमा ख़ान कहती हैं कि हम संविधान को बचाने के लिए धरना दे रहे हैं और हमको सरकार किसी बहाने या दबाव से हटा नहीं सकती है। फ़ातिमा ख़ान के अनुसार अगर सरकार की नीयत ठीक होती तो उसे प्रदर्शनकरी महिलाओं से बात करने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल भेजना चाहिए था। यह लाठी और बन्दूकों का डर दिखाकर महिलाओं का धरना स्थल कभी ख़त्म नहीं करा सकते हैं।

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने घंटाघर पर महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज और दमन की निंदा की है। ऐपवा ने एक बयान ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ फ़सीवादी हैं। ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी पूरे प्रदेश में धारा 144 और पुलिस के बल पर बर्बर दमन चक्र चला कर शासन कर रहे हैं। ऐपवा की  प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि लखनऊ में योगी सरकार के द्वारा महिलाओं पर किया गया लाठीचार्ज संविधान विरोधी और फासिस्ट कार्रवाई है। सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि आंदोलनकारी महिलाओं से सरकार डरी हुई है।

CAA
Anti CAA
Lucknow Ghantaghar Protest
UP police
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Section 144
Police lathicharge on Women
Coronavirus
novel coronavirus
COVID-19

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव


बाकी खबरें

  • CARTOON
    आज का कार्टून
    प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?
    27 Apr 2022
    मुख्यमंत्रियों संग संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर टैक्स कम करने की बात कही।
  • JAHANGEERPURI
    नाज़मा ख़ान
    जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी
    27 Apr 2022
    अकबरी को देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था न ही ये विश्वास कि सब ठीक हो जाएगा और न ही ये कि मैं उनको मुआवज़ा दिलाने की हैसियत रखती हूं। मुझे उनकी डबडबाई आँखों से नज़र चुरा कर चले जाना था।
  • बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    27 Apr 2022
    वाहनों में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से निर्भया सेफ्टी मॉडल तैयार किया गया है। इस ख़ास मॉडल से सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
  • श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    प्रभात पटनायक
    श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    27 Apr 2022
    श्रीलंका के संकट की सारी की सारी व्याख्याओं की समस्या यह है कि उनमें, श्रीलंका के संकट को भड़काने में नवउदारवाद की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा ही कर दिया जाता है।
  • israel
    एम के भद्रकुमार
    अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात
    27 Apr 2022
    रविवार को इज़राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के गहरे मायने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License