NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
एमएसआरटीसी हड़ताल 27वें दिन भी जारी, कर्मचारियों की मांग निगम का राज्य सरकार में हो विलय!
एमएसआरटीसी कर्मचारियों के एक समूह ने बिना शर्ट पहने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और ठाकरे सरकार से प्रत्येक डिपो के एक कर्मचारी प्रतिनिधि से सीधे बात करने को कहा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Nov 2021
MSRTC
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल को आज, मंगलवार को 27 दिन हो गए और वे घाटे में चल रहे निगम के राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग को लेकर अभी भी संघर्षरत हैं। सोमवार को यानी 26वें दिन कुल 92,266 कर्मचारियों में से केवल 6,943 ने ही काम काज किया। इन सभी कर्मचारियों की मांग कंपनी का राज्य सरकार में विलय करने की है । 

अधिकारियों ने बताया कि ये हड़ताल 28 अक्टूबर को शुरू हुई लेकिन नौ नवंबर को यह और तेज हो गयी जब सभी 250 डिपो में कामकाज ठप पड़ गया।

एक अधिकारी ने बताया कि 6,943 कर्मचारियों में से 4,775 प्रशासनिक कर्मचारी, वर्कशॉप के 1,725 कर्मचारी और 163 कंडक्टर शामिल हैं।

सरकार ने कर्मचारियों पर की सख्त कार्रवाई फिर भी पीछे नहीं हटे हड़ताली कमर्चारी 

महाराष्ट्र सरकार ने एमएसआरटीसी प्रबंधन द्वारा 2,632 दैनिक कर्मचारियों को नोटिस जारी करने, 526 कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने और 2,937 अन्य कर्मचारियों को निलंबित करने के बावजूद यह हड़ताल जारी है।

बस कर्मियों की हड़ताल से महाराष्ट्र की हजारों सरकारी बसें बंद हैं। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा है कि सरकार विलय को छोड़कर कर्मचारियों की सभी मांगों पर बातचीत को तैयार है। राज्य सरकार एमएसआरटीसी के 90 हजार कर्मचारियों में से अब तक सैकड़ों को बर्खास्त कर चुकी है। इन कर्मचारियों को बार-बार अपील के बाद भी सेवा में हाजिर नहीं होने पर हटाया गया है।

एमएसआरटीसी देश में सबसे बड़े सार्वजनिक परिवहन निगमों में से एक है जिसके पास 16,000 से अधिक बसों का बेड़ा है और करीब 93,000 कर्मचारी इसमें काम करते हैं। इन कर्मचारियों में चालक और परिचालक शामिल हैं। कोविड महामारी शुरू होने से पहले एमएसआरटीसी की बसों में रोजाना करीब 65 लाख मुसाफिर यात्रा करते थे।

कर्मचारियों की क्या है मांग 

आर्थिक बदहाली से जूझ रहे परिवहन निगम के कर्मचारियों की मुख्य मांग निगम का राज्य सरकार में विलय करने की है। मंत्री परब ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की विलय को छोड़कर सभी मांगों पर विचार को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मांगों पर विचार के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करेगी।

आगे उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को धमकाते हुए कहा कि कर्मचारी नेताओं की नहीं सुन रहे हैं, वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। हड़ताल के कारण उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।

दूसरी तरफ कर्मचारी यूनियन ने राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की मांग को छोड़ने से इनकार कर दिया है। जब उनसे ये पूछा गया की वो विलय ही क्यों चाहते है इसपर यूनियन नेता ने कहा कि विलय से उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा। इन्ही मांगों को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है।

उच्च न्यायालय ने समिति को 20 दिसंबर को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए

बंबई उच्च न्यायालय ने नकदी संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों का राज्य सरकार में विलय करने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति को सोमवार को निर्देश दिया कि वह 20 दिसंबर को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपे।

न्यायमूर्ति पी.बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की खंडपीठ ने एमएसआरटीसी के हड़ताली कर्मचारियों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने और ड्यूटी पर वापस लौटने का भी अनुरोध किया क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों समेत बच्चों को सुविधाजनक और सस्ते परिवहन की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

पीठ ने कहा, ''जिन कर्मचारियों, चालकों व कंडक्टर ने निगम को सहयोग देने की इच्छा जतायी है, उन्हें शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में बस चलाने की अनुमति दी जाएगी ताकि स्कूली छात्रों सहित आम जनता को परेशानी नहीं हो।''

उन्होंने कहा कि अब स्कूल खुल चुके हैं, ऐसे में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पीठ ने कहा कि वह हड़ताली कर्मचारियों के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत है, लेकिन मुद्दों और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।

अदालत एमएसआरटीसी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत के आदेश के बावजूद काम पर नहीं लौटने पर हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया था।

एमएसआरटीसी के वकीलों एस.यू. कामदार और जी.एस. हेगड़े ने सोमवार को अदालत को बताया कि कई बस डिपो के बाहर पथराव और हिंसा की घटनाएं हुईं, जहां कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे। वकील ने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारी डिपो के ठीक बाहर बैठते हैं और ड्यूटी पर लौटने के इच्छुक कर्मचारियों को रोकते हैं।

मज़दूर यूनियन के वकील गुणरतन सदावर्ते ने एमएसटीआरसी की दलील का विरोध किया और कहा कि कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हैं। उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक दलों के लोग कार्यकर्ताओं के नाम पर ऐसी हरकतें कर रहे हैं।

इस बीच राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की और हड़ताल पर उनके साथ विस्तृत चर्चा की। परब ने संवाददाताओं को बताया कि पवार हड़ताल से बने हालात के बारे में समझना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘विलय का मुद्दा उच्च न्यायालय की समिति के सामने है। इस बारे में भी चर्चा हुई कि सरकार को इस समिति के समक्ष क्या रुख अपनाना चाहिए।’’

सोमवार शाम को, एमएसआरटीसी कर्मचारियों के एक समूह ने बिना शर्ट पहने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और ठाकरे सरकार से प्रत्येक डिपो के एक कर्मचारी प्रतिनिधि से सीधे बात करने को कहा। एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 626 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और 2,968 अन्य नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Maharashtra
MSRTC strike
maharastra government
Workers Strike

Related Stories

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

निर्माण मज़दूरों की 2 -3 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल,यूनियन ने कहा- करोड़ों मज़दूर होंगे शामिल

एमएसआरटीसी हड़ताल : मंत्री के अल्टीमेटम के बावजूद कुछ ही कर्मचारी ड्यूटी पर लौटे

दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की

ट्रेड यूनियनों के मुताबिक दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन वृद्धि ‘पर्याप्त नहीं’

महाराष्ट्र: रेज़िडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल और सरकार की अनदेखी के बीच जूझते आम लोग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License