NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मध्यप्रदेश : मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत
जिला पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि जहरीली शराब पीने से मानपुर और पहवाली गांव के 11 लोगों की मौत हो गयी तथा आठ लोग गंभीर रुप से बीमार हो गये।
भाषा
12 Jan 2021
मध्यप्रदेश
प्रतीकात्मक तस्वीर

मुरैना: मध्यप्रदेश में मुरैना जिले के दो गांवों में सोमवार रात को कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गयी और आठ लोग गंभीर रूप से बीमार हो गये।

जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने मंगलवार को ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि यह घटना जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर दूर मानपुर एवं पहावाली गांवों में हुई।

उन्होंने बताया कि जहरीली शराब पीने से मानपुर और पहवाली गांव के 11 लोगों की मौत हो गयी तथा आठ लोग गंभीर रुप से बीमार हो गये।

बीमार लोगों को बेहतर उपचार के लिये ग्वालियर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि प्राथमिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार रात को ग्रामीणों ने शराब पी थी, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गयी और अब तक 11 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।

सुजानिया ने बताया कि सभी मृतकों का मुरैना के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि की जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि इस मामले में ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती लोगों के बयान लेने पुलिस वहां पहुंच गई है। उनके बयान लेने के बाद ही साफ हो पायेगा कि गांव में संदिग्ध जहरीली शराब कहां से आई थी।

एसपी ने बताया कि पुलिस गांव में भी पूछताछ कर रही है। इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

Madhya Pradesh
Poisonous liquor
Death by poisonous liquor

Related Stories

परिक्रमा वासियों की नज़र से नर्मदा

कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

एमपी ग़ज़ब है: अब दहेज ग़ैर क़ानूनी और वर्जित शब्द नहीं रह गया

मध्यप्रदेशः सागर की एग्रो प्रोडक्ट कंपनी से कई गांव प्रभावित, बीमारी और ज़मीन बंजर होने की शिकायत

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    किसान-योद्धा ग़ुलाम मोहम्मद जौला के निधन पर शोक
    16 May 2022
    गुलाम मोहम्मद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ भारतीय किसान यूनियन की बुनियाद डालने वाले जुझारू किसान नेता थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों तक वे किसान आंदोलन में सक्रिय रहे।
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    भाजपा से मुकाबला कर पाएगी कांग्रेस ?
    16 May 2022
    आज न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं कांग्रेस के चिंतन शिविर की। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या आने वाले चुनावों में कांग्रेस भाजपा को चुनौती दे पाएगी?
  • रवि शंकर दुबे
    विश्लेषण: कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से क्या निकला?
    16 May 2022
    राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई बड़े फ़ैसले लिए गए।
  • मुकुंद झा
    मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?
    16 May 2022
    नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार बता रही है, जबकि दिल्ली सरकार में सत्तधारी आम आदमी पार्टी (आप) इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बता रही है।…
  • एम.ओबैद
    बिहार : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 1.10 करोड़ बच्चों के पास किताबें नहीं
    16 May 2022
    पहली से आठवीं तक के क़रीब 1 करोड़ 67 लाख बच्चों में से 1 करोड़ 10 लाख बच्चों के पास आज भी किताबें उपलब्ध नहीं हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License