NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मध्यप्रदेश: सांप्रदायिक हिंसा के ज़िम्मेदार लोगों को स्टेट बचाने में लगा है!
फैक्ट फांइडिंग टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर ये पाया कि पुलिस ने हुड़दंगियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और पीड़ित लोगों में से अधिकांश की रिपोर्ट तक नहीं लिखी गयी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Feb 2021
मध्यप्रदेश: सांप्रदायिक हिंसा के ज़िम्मेदार लोगों को स्टेट बचाने में लगा है!

बीते साल दिसंबर में मध्यप्रदेश के अलग-अलग जगहों पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के कारणों की जांच करने के लिए एक नौ सदस्यीय इंडिपैंडेंट फैक्ट फांइडिंग टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। अपने तीन दिवसीय दौरे में इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और अलीराजपुर जिलों में अनेक लोगों से बातचीत कर टीम ने पाया कि अलग-अलग दिखने वाली इन सभी घटनाओं में कुछ समानताएँ भी हैं और इनका स्वरूप एक विशेष प्रकार से एक-दूसरे से मिलता है।

इस फैक्ट फांइडिंग टीम में उत्तर प्रदेश और दिल्ली के पूर्व डीजीपी विभूति नारायण राय, सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ सोसाइटी एंड सेकुलरिज्म के इरफान इंजीनियर, नर्मदा बचाओ आंदोलन से चित्तरूपा पालित, भारतीय महिला फेडरेशन की सारिका श्रीवास्तव शामिल थे।

हालाँकि टीम का मानना है कि हिंसा ज्यादा फैली नहीं लेकिन इन घटनाओं ने हिन्दू-मुस्लिम और हिन्दू-ईसाई सम्प्रदायों के बीच तनाव जरूर पैदा किया है और अगर आगे साम्प्रदायिक सदभाव का माहौल कायम नहीं होगा तो यहां लोगों की जीवन सुरक्षा, विकास और समृद्धि की संभावनाओं पर खतरे के बादल गहराते जाएँगे। 

क्या है फैक्ट फांइडिंग टीम की रिपोर्ट में?

रिपोर्ट के अनुसार चाँदना खेड़ी (गौतमपुरा, इंदौर), बेगम बाग (उज्जैन) और डोराना (मंदसौर) में बहुसंख्यक समुदाय की हथियारबंद भीड़ ने जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को उकसाने के लिए उनके इलाकों से रैली-जुलूस निकाले और अपमानजनक नारे आदि लगाए। जिससे उत्तेजित होकर चाँदना खेड़ी और बेगम बाग में पथराव की घटनाएं सामने आईं।

उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के नज़दीक मौजूद मुस्लिम बहुल इलाके बेगम बाग की  25 दिसंबर, 2020 की घटना का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि है उस दिन करीब सौ-डेढ़ सौ लोगों ने मोटरसाइकिलों पर भगवा झंडे लेकर जय श्रीराम के नारे और मुस्लिमों को उकसाने वाले आपत्तिजनक नारे लगाते हुए जुलूस निकाला।

जब एक बार स्थानीय लोग शांत रहे तो दूसरी बार फिर इसे दोहराया गया। तब तक मामला ठीक था लेकिन जब तीसरी बार वैसा ही फिर से किया गया तो बेगम बाग के स्थानीय लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई। दोनों पक्षों में मारपीट हुई और कुछ पथराव की घटनाएं भी सामने आईं। अगले दिन पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों की मौजूदगी में एक मुस्लिम का घर जेसीबी लगाकर ढहा दिया गया। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उस घर से कोई पथराव भी नहीं हुआ था।

राम मंदिर निर्माण के नाम पर मचा हुड़दंग!

दूसरा मामला मुस्लिम बहुल गाँव चाँदना खेड़ी का है। जहां राम मंदिर निर्माण के लिए लाठियों-झंडों के साथ सैकड़ों मोटरसाइकिल पर हथियारबंद उन्मादी युवाओं ने भगवे झंडे लेकर जुलूस निकाला। मुस्लिमों के प्रति अपमानजनक नारे लगाए। जब बदले में कुछ मुस्लिम घरों के भीतर से उन पर पथराव किया गया तो उन्होंने ईदगाह की दरगाह तोड़ दी। वहाँ के हरे झंडे निकालकर भगवे झंडे लगाए।

इसके बाद चार-पांच घण्टे के भीतर सोशल मीडिया के माध्यम से आसपास के इलाकों से हजारों की भीड़ को इकट्ठा करके हथियारों के साथ गाँव के मुस्लिम घरों पर दावा बोल दिया। आगजनी की, गोलियाँ चलाईं, तलवारों से लोगों को घायल किया, ट्रेक्टर, मोटरसाइकिल, कृषि उपकरणों को तोड़-फोड़ डाला, यहाँ तक कि मुसलमानों की भैंसों एवं अन्य जानवरों को लोहे की रॉड से घायल कर दिया।

पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिम समुदाय पर हिंसा!

डोराना की घटना के संबंध में बताया गया है कि यहां पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद और कब्रिस्तान के झंडे काट लिए जाने पर और हजारों की भगवा ध्वजधारी भीड़ द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर तोड़े-फोड़े जाने और सम्पत्ति लूट लेने पर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दोपहर की नमाज़ के वक्त करीब पाँच से सात हजार की भीड़ ने मस्जिद को घेर लिया और ज़ोर-ज़ोर से डीजे पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। उन्होंने कहा कि चौदह डीजे तो खुद मैंने गिने थे। उसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में चुन-चुनकर 50-60 मुस्लिमों के घर तोड़े और लूटे गए।

इस घटना के 3-4 दिन पहले से ही सोशल मीडिया पर हिंदुओं से हजारों की तादाद में डोराना चलने का आह्वान किया जा रहा था जिसकी जानकारी स्थानीय मुस्लिमों ने पुलिस को दी थी। पुलिस ने जवाब में मुस्लिमों को ही यह कहा था कि सलामती चाहते हो तो जुलूस के वक़्त गाँव छोड़कर चले जाओ। बाद में भी लोगों की एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

मुस्लिमों के ख़िलाफ़ ग़लत नैरेटिव सेट करने की कोशिश

इन तीनों ही घटनाओं में अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने की अपील का बहाना लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से रैलियाँ निकाली गईं। मुस्लिमों को इस हद तक उकसाया गया कि उनकी ओर से कुछ न कुछ प्रतिक्रिया हो जिसका बहाना लेकर पुलिस और प्रशासन की मदद से मुस्लिमों पर हमला किया जा सके। एक ओर इससे मुस्लिम समाज में दहशत पैदा करने की कोशिश की गई तो वहीं दूसरी ओर मीडिया के माध्यम से मुस्लिमों को ही पत्थरबाज साबित किया गया, उन्हें जेलों में ठूंसा गया, उनके घर तोड़े गए।

मालूम हो कि जल्द ही मध्य प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में पीड़ितों का कहना है कि ऐसी सांप्रदायिक घटनाएँ चुनाव आने के साथ ज्यादा बढ़ जाती हैं।

ईसाई आदिवासियों ने भी लगाया हिंदुत्ववादी संगठनों पर हमला करने का आरोप

गौरतलब है कि जाँच दल ने 30 जनवरी 2021 को अलीराजपुर में अनेक ऐसे ईसाई आदिवासियों की तकलीफों को सुना जिन पर धर्मांतरण का झूठा आरोप लगाकर कुछ हिंदुत्ववादी संगठन के लोग उनपर हमला कर रहे हैं और उन्हें अपनी रविवारीय प्रार्थना नहीं करने दे रहे हैं। वहाँ भी पुलिस की भूमिका हिंदुत्ववादी संगठनों के सामने समर्पण की ही बताई गई। यह भी पाया गया कि आदिवासियों को धर्म की आड़ में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाया जा रहा है।

सरकारी पदाधिकारियों का बयान हिंसा करने वाले समूहों को देता है हौसला!

जाँच दल के सदस्यों का यह मानना है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री, गृह मंत्री एवं अन्य ऐसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के बयान साफ तौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करने वाले समूहों को हौसला देते हैं। सरकार के दबाव के कारण ही पुलिस एवं प्रशासनिक व्यवस्था आने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में पूरी तरह नाकाम हो रही है।

सभी मामलों में यह भी देखने में आया कि पुलिस ने हुड़दंगियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और पीड़ित लोगों में से अधिकांश की रिपोर्ट भी नहीं लिखी गयी। दल के सदस्यों ने कुछ पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया और महसूस किया कि राज्य प्रायोजित व संरक्षित इस बहुसंख्यक सांप्रदायिक हिंसा के सामने पुलिस की मशीनरी ने घुटने टेक दिए हैं।

जांच दल की मांगें

जाँच दल ने सरकार से माँग कि की अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए चंदा इकट्ठा करने को लेकर निकाली जा रही इन हथियारबंद लोगों की रैलियों को बन्द किया जाए और इन घटनाओं में गिरफ्तार किए गए बेगुनाहों को छोड़कर असल दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।

इस संबंध में जिन लोगों के घर या दूसरी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है या जो इन घटनाओं में घायल हुए हैं उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये तथा इन इलाकों में शांति सौहार्द, कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आपसी मेल-मिलाप के सामूहिक सद्भाव के कार्यक्रम किये जाएँ।

Madhya Pradesh
Communalism
communal violence
BJP
Modi government
Shiv Raj Chouhan
Ram Mandir
Religion Politics
Hindutva
Fact Finding Report

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License