NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केंद्र के कृषि कानूनों के जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने तीन विधेयक पेश किए
राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को कानून बनाने का अधिकार है और हम केंद्र के कृषि कानूनों में संशोधन का सुझाव देना चाहते हैं, जो हमारे मुताबिक किसान विरोधी हैं।’’
भाषा
06 Jul 2021
केंद्र के कृषि कानूनों के जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने तीन विधेयक पेश किए

मुंबई: महाराष्ट्र की शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने केंद्र द्वारा लागू किये गये तीन नए कृषि कानूनों के जवाब में मंगलवार को कृषि, सहकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति से संबंधित तीन संशोधित विधेयक सदन में पेश किए। उल्लेखनीय है कि केंद्र के कृषि कानूनों का किसानों का एक वर्ग कड़ा विरोध कर रहा है।

इन विधेयकों में व्यापारियों के साथ कृषि अनुबंध में उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दर से अधिक कीमत देने, देय राशि का समय पर भुगतान, किसानों का उत्पीड़न करने पर तीन साल की जेल या पांच लाख रूपये जुर्माना या दोनों आदि का प्रावधान हैं। इसमें उत्पादन, आपूर्ति, वितरण और आवश्यक वस्तुओं के भंडार की सीमा तय करने आदि के नियमन एवं रोक की शक्ति राज्य सरकार के पास होने की बात है।

राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि केंद्र के कृषि कानून बिना चर्चा के पारित किए गए और उनके अनेक प्रावधान राज्य सरकारों के अधिकारों में हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को कानून बनाने का अधिकार है और हम केंद्र के कृषि कानूनों में संशोधन का सुझाव देना चाहते हैं, जो हमारे मुताबिक किसान विरोधी हैं।’’

जिन विधेयकों का मसौदा जनता के सुझाव और आपत्तियों के लिहाज से दो महीने के लिए सार्वजनिक किया गया है, उनमें आवश्यक उत्पाद (संशोधन), किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण), कीमत गारंटी विधेयक, कृषि संबंधी समझौते (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक और केंद्र सरकार के किसान उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य में संशोधन (बढ़ावा एवं सुविधा) विधेयक शामिल हैं। मसौदा विधेयक उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की उप समिति ने तैयार किए हैं।

पवार ने कहा कि मसौदा विधेयक दो महीने के लिए सभी पक्षकारों के विचार विमर्श और चर्चा के लिए रखे जाएंगे।

Maharastra
maharashtra government
Farm Laws
Uddhav Thackeray
MSP

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है

अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

लखीमपुर खीरी कांड में एक और अहम गवाह पर हमले की खबर  

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

बहुमत के बावजूद उद्धव सरकार को क्यों गिराना चाहती है भाजपा

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License