NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ एकजुटता दिखाने निकली 'महिला एकता यात्रा'
महिला एकता यात्रा तीन दिनों का एक प्रस्तावित कार्यक्रम है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाएं दिल्ली के अनेक प्रदर्शन स्थलों पर जाकर महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाएंगी। ये यात्री पहले दिन सुंदर नगरी से चलकर तीसरे दिन शाहीनबाग़ में समाप्त होगी।
सोनिया यादव
15 Feb 2020
CAA Protest

फ़ानूस बन के जिस की हिफ़ाज़त हवा करे 

वो शम्अ' क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे

ये शेर सुंदर नगरी की औरतों ने अपने प्रदर्शन के बारे में बताते हुए सुनाया। पूर्वी दिल्ली का सुंदर नगरी इलाक़ा इन दिनों नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध को लेकर सुर्खियों में है। यहां महिलाएं बीते लगभग एक महीने से रात-दिन धरने पर बैठी हैं और सरकार से सीएए और एनआरसी को वापस लेने की मांग कर रही हैं। 

IMG-20200215-WA0016.jpg

मुहब्बत का दिन यानी वैलंटाइन्स डे, 14 फ़रवरी को देश के अलग-अलग इलाक़ों से आने वाली महिलाओं ने दिल्ली में 24 घंटे धरने प्रदर्शन पर डटी महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 'महिला एकता यात्रा' की शुरुआत की, तो सबसे पहले उन्होंने सुंदर नगरी के एपीजे अब्दुल कलाम पार्क को चुना।

इस यात्रा में शामिल अमृता जोहरी ने न्यूज़क्लिक को बताया, "हमारी इस यात्रा का मक़सद धरने पर बैठी महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाना, उनका हौसला बढ़ाना है। इसके साथ ही हम सरकार को ये भी बताना चाहते हैं कि ये लड़ाई सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय की नहीं है और ना ही किसी धर्म, जाति या लिंग विशेष की है, ये लड़ाई सभी की है।"

IMG-20200215-WA0015_0.jpg

सुंदर नगरी में महिला एकता यात्रा में शामिल महिलाओं ने अपनी बातें कहीं, धरने पर बैठी महिलाओं की बातें सुनी। कई भाषाओँं में संविधान की प्रस्तावना का पाठ हुआ। फिर गीत, संगीत और नारेबाज़ी के ज़रिये सीएए-एनआरसी को संविधान विरोधी बताया गया और इसे वापस लेने की मांग की गई।

सुंगर नगरी की आइशा कहती हैं, "सरकार का कहना है कि सीएए नागरिकता देने का क़ानून है, लेने का नहीं। लेकिन फिर इसमें सभी धर्मों को नागरिकता देने की बात क्यों नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 को मिलाकर देखें तो हमारा संविधान हमें बराबरी का अधिकार देता है, जबकि यह क़ानून हमारे साथ भेदभाव करता है। सरकार कहती है कि एनपीआर पहले से चलता आ रहा है, फिर अब इसमें माता- पिता की जानकारी संबंधी नए सवाल जोड़ने की क्या ज़रूरत पड़ गई। हम सब समझते हैं कि सरकार हमारे साथ क्या करना चाहती हैं।"

IMG-20200215-WA0018.jpg

आइशा के आंदोलन और उनकी बातों के साथ एकजुटता दिखाते हुए महिला एकता यात्रा में शामिल सीपीआई लीडर और एक्टिविस्ट एनी राजा ने कहा, "महिलाएं सब समझती हैं, ये आंदोलन हिंदू-मुस्लमान का नहीं है, ये लड़ाई संविधान को बचाने की है। 'मोशा' (मोदी-शाह) को ये बताने की है कि हम डरने वाले नहीं हैं, हारने वाले भी नहीं हैं। हम संघर्ष करेंगे और जीत हासिल करेंगे।"

IMG-20200215-WA0022.jpg

इस दौरान समाजिक कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज ने महिलाओं की हिम्मत को सलाम करते हुए कहा, "महिलाओं के इस आंदोलन ने पूरे देश में एक नया जोश भर दिया है, दिल्ली के शाहीन बाग़ से लेकर लखनऊ के घंटाघर तक महिलाओं ने एक नया इतिहास लिख दिया है, जिससे सरकार डर गई है। ये महिलाओं की ताक़त है जो घर को संवारने के साथ-साथ देश संवारने की कला भी जानती हैं।"

IMG-20200215-WA0011.jpg

यहां पुलवामा सैनिकों की शहादत को याद करते हुए एक प्रतीकात्मक स्थल बनाकर श्रद्धांजलि भी दी गई। महिलाओं ने सरकार से इन जवानों के परिवारजनों के लिए न्याय की मांग भी की।

सुंदर नगरी से महिलाओं की एकता यात्रा का अगला पड़ाव चांद बाग़ था, जिससे पहले ही पुलिस ने गगन सिनेमा के पास इनके कारवां को रोक दिया। पुलिस ने आगे लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए अगले आदेश तक इन महिलाओं को वहीं इंतज़ार करने का निर्देश दिया।

IMG-20200215-WA0021.jpg

लगभग एक घंटे बाद जब महिलाओं की ओर से वकील आईं और उन्होंने पुलिस के रोके जाने पर सवाल खड़े किए, तब जाकर पुलिस ख़ुद महिलाओं के दल को चांद बाग़ की ओर ले कर गई। पुलिस से जब पूछा गया कि आख़िर महिलाओं को क्यों रोका गया तो पुलिस के पास इसका कोई वाजिब कारण नहीं था सिवाय इसके कि यह क़ानून-व्यवस्था का मामला है।

इसके बाद चांद बाग़ में धरने पर बैठी औरतों से एकता यात्रा में शामिल महिलाओं ने मुलाकात की और उनकी हौसला अफ़ज़ाई की। यहां भी लगभग एक महिले से महिलाओं का सीएए और एनआरसी के खिलाफ संघर्ष जारी है।

IMG-20200215-WA0018_0.jpg

प्रदर्शन की आयोजक तब्बसुम ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "हम महीने भर से अपने हक़ के लिए सड़कों पर बैठे हैं, देश के संविधान की आत्मा को बचाने के लिए बैठे हैं। हम सरकार को ये बताना चाहते हैं कि हम सीएए और एनआरसी को नहीं मानते ना ही हम कोई काग़ज़ दिखाएंगे। पहले आधार बनवाया, फिर नोट बदलने की लंबी लाइनों में खड़ा कर दिया, अब एक बार फिर पुरखों के काग़ज़ के लिए हमें परेशान करने की कोशिश हो रही है।"

यहां भी संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई और देशभक्ति के नारे लगाए गए। महिला एकता यात्रा में आए चारूल और विनय ने अपने क्रांतिकारी गानों से महिलाओं के जज़्बे को सलाम किया। एक के बाद एक महिलाओं ने सीएए के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।

caa.JPG

अपने अंतिम पड़ाव पर ये महिला एकता यात्रा सीलमपुर की प्रदर्शनकारी महिलाओं तक पहुंची और उनके साथ एकजुटता दिखाई। यहां महिलाओं में भारी जोश देखने को मिला। सभी ने सीएए को एक काला क़ानून बताते हुए, मौजूदा सरकार पर एक विशेष धर्म और एजेंडे को थोपने की बात कही।

ग़ौरतलब है कि महिला एकता यात्रा तीन दिनों का एक प्रस्तावित कार्यक्रम है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिलाएं दिल्ली के अनेक प्रदर्शन स्थलों पर जाकर महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाएंगी। ये यात्री पहले दिन सुंदर नगरी से चलकर तीसरे दिन शाहीनबाग़ में समाप्त होगी।

CAA
NRC
NPR
महिला एकता यात्रा
Mahila Ekta Yatra
Sundar Nagri
Protest against CAA
Protest against NRC
Constitution of India
Annie Raja
Shaheen Bagh

Related Stories

शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच: बद से बदतर होती भ्रांतियां

यादें हमारा पीछा नहीं छोड़तीं... छोड़ना भी नहीं चाहिए

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलिता, नताशा नरवाल को गिरफ्तार किया गया: पिंजरा तोड़

ग़ैर मुस्लिम शरणार्थियों को पांच राज्यों में नागरिकता

नताशा और महावीर नरवाल: इंसाफ़ एक दूर की कौड़ी

नताशा नरवाल को अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए मिली ज़मानत


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License