NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या ममता सरकार एनपीआर पर खेल रही है दोहरा खेल!
दो नगरपालिकाओं द्वारा एनपीआर का काम कराने की चिट्ठी सामने आने से ममता बनर्जी सवालों में घिर गयीं। आखिरकार उन्हें सफाई देनी पड़ी। इस बीच भाजपा की एक प्रचार पुस्तिका से भी यह साफ हो गया है कि एनआरसी पर पीएम झूठ बोल रहे हैं।
सरोजिनी बिष्ट
13 Jan 2020
mamata Banerjee

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पदयात्राओं के जरिये सीएए-एनआरसी के खिलाफ लगातार अभियान चला रही हैं। इस दौरान उन्होंने यह बात भी बार-बार दोहरायी है कि एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) एनआरसी की तैयारी का ही एक हिस्सा है, इसलिए उनकी सरकार एनपीआर का काम नहीं करायेगी।

एनपीआर के लिए आंकड़ों का संग्रह विभिन्न राज्य सरकारों के जरिये इस साल अप्रैल से सितंबर महीने के बीच किया जाना है। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस बार एनपीआर में कुल 31 बिंदुओं पर सूचना एकत्र की जायेगी, जिनमें माता-पिता का जन्मस्थान व जन्मतिथि भी शामिल है। बता दें कि 2010 के एनपीआर में कुल 16 बिंदुओं पर सूचना मांगी गयी थी और उसमें माता-पिता का इतिहास खंगालने की कोई कोशिश नहीं थी।

लेकिन इस बार के एनपीआर को देखते हुए यह आशंका प्रबल है कि आगे चलकर एनआरसी के लिए इसका इस्तेमाल किया जायेगा। इसे देखते हुए केरल और पश्चिम बंगाल ने एनपीआर का काम रोकने का एलान कर दिया है। केरल ने तो अपनी विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। लेकिन, ऐसी कई खबरें आ रही हैं जिससे लगता है कि ममता सरकार एनपीआर पर दोहरा खेल खेल रही है। एक तरफ तो मुख्यमंत्री एनपीआर पर रोक का एलान करती हैं तो दूसरी तरफ कई जिलों में प्रशासनिक स्तर पर उसकी चुपचाप तैयारी भी चल रही है।

बंगाल के अखबारों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, उत्तर 24 परगना जिले की कमाराहाटी और टीटागढ़ नगरपालिकाओं ने क्रमश: सात और आठ जनवरी को एक चिट्ठी जारी की, जिसे संबंधित इलाकों के स्कूलों को भेजा गया। इसके जरिये 2021 की जनगणना और 2020 का एनपीआर का काम कराने के लिए स्कूलों से शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों की सूची मांगी गयी है। यह चिट्ठी सार्वजनिक होते ही राजनीतिक हलकों में तूफान मच गया, क्योंकि ममता बनर्जी पहले ही एनपीआर का काम नहीं कराने का एलान कर चुकी थीं, और इस बारे में राज्य सचिवालय की ओर से गत 16 दिसंबर को लिखित निर्देश भी जारी कर दिया गया था। राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि उसकी अनुमति के बिना कोई जिला प्रशासन या नगर निकाय एनपीआर का काम शुरू नहीं करेगा।

लेकिन राज्य सचिवालय के स्पष्ट निर्देश के लगभग तीन सप्ताह बाद, दो नगरपालिकाओं ने एनपीआर का काम कराने के लिए स्कूलों को चिट्ठी कैसे जारी की, यह सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर भी दोनों नगरपालिकाओं की चिट्ठी वायरल हो गयी। मामला तूल पकड़ने के बाद कमारहाटी और टीटागढ़ नगरपालिकाओं ने अपनी चिट्ठी को रद्द कर दिया है। यहां तक कि ममता बनर्जी को भी सफाई में उतरना पड़ा। 11 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोलकाता आगमन पर उनके विरोध में हो रहे तृणमूल के धरना मंच से ममता ने कहा कि मनाही के बावजूद जिन लोगों ने इस तरह का नोटिस जारी किया है, उनसे जवाब तलब किया गया है।

एक तरफ मुख्यमंत्री द्वारा राजभवन में प्रधानमंत्री से मुलाकात किये जाने और दूसरी तरफ एनपीआर के लिए दोनों नगरपालिकाओं की चिट्ठी सामने आने से सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारी ममता बनर्जी के खिलाफ भड़क उठे। वाम दलों और कांग्रेस के छात्र-युवा संगठनों के सदस्य 11 जनवरी की शाम जब राजभवन की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे तो रास्ते में मुख्यमंत्री को तृणमूल के धरना मंच पर देख उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने 'मोदी गो बैक' के साथ ही 'ममता गो बैक' के नारे लगाने भी शुरू कर दिये। छात्रों का आरोप था कि ममता-मोदी के बीच सांठगांठ है।

इस दौरान नगरपालिकाओं की चिट्ठी का भी आरोप सामने आया तो ममता ने सफाई दी कि यह चिट्ठी उनके निर्देश का उल्लंघन करके जारी हुई है और ऐसा करनेवालों पर कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद वाम व कांग्रेस के छात्रों का जुलूस आगे बढ़ा। 12 जनवरी को भी प्रधानमंत्री के खिलाफ वाम संगठनों की ओर से जमकर प्रदर्शन किया गया और काले झंडे दिखाये गये। इधर लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी मोदी ममता मुलाकात को लेकर यहां तक कह डाला कि आखिर यह कैसा विरोध है जहां दिन के उजाले में विरोध और रात के अंधेरे में सब कुछ तय कर लिया जाता है।
 
इस बीच, एनआरसी पर भाजपा का दोहरा चेहरा भी एक बार फिर सामने आया है। पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बंगाल के उसके सभी नेता अपने हर भाषण में यह दोहराते रहे कि सीएए के बाद एनआरसी लाया जायेगा। यानी 'अवैध' हिंदू नागरिकों को वैध कर दिया जायेगा, लेकिन बिना कागजातवाले मुसलमान जगह नहीं पायेंगे। इस पर जब बवाल बढ़ा तो प्रधानमंत्री ने एनआरसी को विपक्ष द्वारा फैलाया गया झूठ बता दिया और कहा कि इसकी चर्चा तक नहीं हुई है। लेकिन असल में झूठ कौन बोल रहा है, यह पश्चिम बंगाल भाजपा की ओर से गत पांच जनवरी को जारी एक प्रचार पुस्तिका से जाहिर हो गया है।

सीएए के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए जारी इस पुस्तिका के आखिर पन्ने पर सवाल संख्या 14 कुछ इस प्रकार है-''क्या इसके बाद एनआरसी होगा?'' जवाब में लिखा है- ''हां, इसके बाद एनआरसी आयेगा। कम से कम केंद्र सरकार की मंशा यही है।'' इसके अलावा बंगाल के राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष अब भी यह कह रहे हैं कि एनआरसी जरूरी है। उक्त पुस्तिका केंद्र सरकार के ही एक मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने हाथों से जारी की। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या प्रधानमंत्री ने सिर्फ मामला शांत करने के लिए गलतबयानी की है? फिलहाल इन सब झूठ सच आरोप प्रत्यारोप के बीच ममता बनर्जी को फूंक फूंक के कदम रखना होगा और शंका की जो परिधि उनके इर्द गिर्द खिंच रही है इस नाजुक वक़्त में उनका निवारण जल्द करना होगा। 

mamta banerjee
Mamata Government
NPR
CAA
NRC
West Bengal
Municipalities
Amit Shah
BJP
Narendera Modi
TMC
Religion Politics

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License