NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली : मनदीप को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत, रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली में पत्रकारों का प्रदर्शन
स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को तिहाड़ कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मनदीप की रिहाई और उन पर लगे केस को वापस लेने की मांग को लेकर सैकड़ों पत्रकारों ने दिल्ली के पुलिस मुख्यालय पर एकत्रित होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Jan 2021
दिल्ली : मनदीप को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत, रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली में पत्रकारों का प्रदर्शन

दिल्ली: शनिवार शाम को दिल्ली सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किए जाने के बाद, स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को रविवार को तिहाड़ कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालाँकि इसको लेकर भी पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मनदीप को कोर्ट में अपना पक्ष रखने का  मौका  ही नहीं दिया गया। आरोप है कि पुलिस ने उनके वकील को पेशी का समय 2 बजे बताया था। लेकिन पुलिस ने उन्हें इससे पहले ही पेश कर दिया जिससे उनके वकील पेश ही नहीं हो पाए।  

उसी वक्त दूसरी ओर, मनदीप की रिहाई और उन पर लगे केस को वापस लेने की मांग को लेकर सैकड़ों पत्रकारों ने दिल्ली के पुलिस मुख्यालय पर एकत्रित होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आव्हान सोशल मिडिया पर कुछ पत्रकारों ने किया था। इसका आयोजन बहुत कम समय में किया गया था। पत्रकारों ने कहा कि “आप किसानों को बॉर्डर पर रोक सकते हैं पत्रकारों को नहीं। अन्याय के ख़िलाफ़ इस खुले युद्ध में चौतरफ़ा घेराव की ज़रूरत आन पड़ी है।” प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने कहा यह सीधा निष्पक्ष पत्रकारिता पर हमला है। लोगों  ने हाथ में जर्नलिज्म इज नॉट क्राइम यानि पत्रकारिता कोई अपराध नहीं की तख्तियां पकड़े, नारेबाजी की। कई बड़े पत्रकार ,रवीश ,उर्मिलेश और विनोद कपाड़िया जैसे लोगों ने भी इसके समर्थन में सोशल मीडिया पर लिखा।  

पत्रकार की गिरफ़्तारी के साथ ही ट्विटर पर हैशटैग #ReleaseMandip #ReleaseMandipPunia लगातर ट्रेंड कर रहा है। पत्रकार समुदाय पुलिस की इस कार्रवाई की लगातार निंदा कर रहा है। इसे स्वतंत्र आवाज़ को दबाने के कोशिश कहा जा रहा है।

दिल्ली पुलिस ने पुनिया के खिलाफ चार धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मनदीप पर IPC की धारा 186 (सरकारी काम में बाधा पहुंचाना), IPC की धारा 353 (सरकारी अधिकारी पर हमला करना), IPC की धारा 332 (लोकसेवक को चोट पहुंचना) और IPC की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

आपको बता दें  दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को शनिवार को हिरासत में ले लिया था। कई घंटों तक यह किसी को ज्ञात नहीं था कि दिल्ली पुलिस उन्हें कहां ले गई है, लेकिन अभी मिल रही जानकारी के मुताबिक पुलिस उन्हें स्वरूप नगर थाने से अलीपुर थाने लेकर आई थी। पुलिस ने उन पर सिंघु बॉर्डर पर दिल्‍ली पुलिस के एसएचओ से अभद्रता करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप लगाए हैं।

युवा पत्रकार मनदीप किसान आंदोलन के शुरुआती दौर से ग्राउंड से रिपोर्ट कर रहे थे। वो अधिकांशत ‘जनपथ’ और ‘कारवां’ वेबसाइट के लिए रिपोर्ट करते थे। क्योंकि वो स्वतंत्र पत्रकार थे तो उनके पास किसी संस्थान का आईडी कार्ड नहीं था।

जानकरी के मुताबिक ऑनलाइन इण्डिया के पत्रकार धर्मेंद्र को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र सिंह नाम के एक अन्‍य पत्रकार को भी कुछ समय के लिए प‍कड़ा गया था, लेकिन उन्‍होंने अपना प्रेस आईडी कार्ड दिखाया तो उन्‍हें जाने दिया गया।

घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्‍या में पुलिसकर्मी मनदीप पुनिया को लाठी के बल पर जबरन ले जा रहे हैं।

हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पत्रकार पुनिया ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक कर एक लाइव वीडियो शेयर किया था। इसमें उन्‍होंने जानकारी दी थी कि कैसे खुद को स्‍थानीय लोग होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्‍थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था।

हाल की कई घटनाएं दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाती हैं। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और हिंसा पर रिपोर्टिंग को लेकर छह वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के खिलाफ देशद्रोह जैसे आरोप में मामले दर्ज किये जाने की मीडिया संगठनों ने घोर निंदा की और आरोप लगाया कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ जैसे हालात हैं।

कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने शनिवार  को सिंघु बार्डर से एक स्वतंत्र पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा शशित केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग सच्चाई से डरते हैं, वे ईमानदार पत्रकारों को गिरफ्तार करते हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि किसानों के आंदोलन को कवर करने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और कई जगहों पर इंटरनेट बंद किया जा रहा है।

उन्होंने हिंदी में किये गए एक ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा सरकार किसानों की आवाज को कुचलना चाहती है, लेकिन वे भूल गए हैं कि आप जितना अधिक दबाएंगे, आपके अत्याचारों के खिलाफ आवाजें उतनी ही उठेंगी।’’ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी ट्ववीट करके पत्रकार के गिरफ़्तारी की निंदा की है।  

जबकि समाजवादी पार्टी के मुखिया ने भी ट्वीट किया और लिखा "भाजपा राज में आज आम आदमी ही नहीं पत्रकारों तक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटकर उन्हें गिरफ़्तार भी किया जा रहा है, जो अति निंदनीय है।"

Mandeep Punia
Journalist Mandeep Punia
delhi police
Singhu Border
BJP
Narendra Modi Government
farmers protest
Journalists Protest

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License