NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मणिपुरः मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कोर्ट जाने वाली अधिकारी को लॉकडाउन के कथित उल्लंघन पर हिरासत में लिया गया
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा ड्रग तस्कर को छोड़ने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाने वाली पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा पर इंफाल वेस्ट पुलिस ने लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
सोनिया यादव
31 Jul 2020
थोउनाओजम बृंदा
image courtesy : MuzaffarpurNow

राज्य पुलिस के वीरता पदक से सम्मानित मणिपुर की महिला पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा एक बार फिर चर्चा में हैं। इंफाल वेस्ट पुलिस ने बृंदा और उनके साथियों पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस मामले में बृंदा को अस्थायी रूप से पुलिस ने अपनी हिरासत में भी लिया। जिसकी पुष्टि कई स्थानिय मीडिया रिपोर्ट्स में की गई है। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई को कई लोग बृंदा द्वारा मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना के मामले से भी जोड़कर देख है।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो (एनएबी) की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थोउनाओजम बृंदा ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्य में भाजपा के एक शीर्ष नेता पर एक कथित ड्रग डीलर को छोड़ने के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया था।

इस संबंध में बृंदा ने 13 जुलाई को इम्फाल हाईकोर्ट के समक्ष एक हलफनामे दायर किया था। बृंदा के हलफनामे के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपी लुखाउसी जू है, जिसे ड्रग्स कार्टेल का सरताज माना जाता है। वह चंदेल जिले में भाजपा का एक स्थानीय नेता भी है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने अदालत में एक याचिका दाखिल कर महिला अधिकारी को उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान देने और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप से संबंधित सामग्री को मीडिया में प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था।

जिसके बाद अपने आदेश में दीवानी न्यायाधीश वाई. समरजीत सिंह ने थोउनाओजम बृंदा और कुछ समाचार पत्रों सहित 10 अन्य प्रतिवादियों को मौखिक रूप से मानहानिकारक बयान देने, रिपोर्टिंग करने या प्रकाशित करने से बचने का निर्देश दिया है।

मानहानि के मामले बृंदा के फेसबुक पोस्ट से जुड़े थे जहां उन्होंने बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी को स्पेशल कोर्ट से जमानत दिए जाने के फैसले पर कथित तौर पर सवाल उठाए थे। जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था।

बृंदा एक जज को कथित तौर पर अभद्र इशारा करने की भी आरोपी हैं, जिससे उन्होंने अपने हलफनामे में इनकार किया है।

इम्फाल फ्री प्रेस के अनुसार, सोमवार, 27 जुलाई की रात संगिप्राउ लामखाई में लॉकडाउन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर बृंदा और दो अन्य को अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया था।

पुलिस का क्या कहना है?

संगई एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार, 28 जुलाई को इम्फाल के पुलिस महानिरीक्षक के. जयंता ने कहा कि पुलिस बृंदा की निगरानी नहीं कर रही है और उन्हें निशाना बनाने का कोई इरादा नहीं था।

इम्फाल वेस्ट जिले के पुलिस अधीक्षक के. मेघचंद्र ने एक बयान में कहा कि बृंदा जिस कार में सवार थीं उसे चलाने वाली महिला ने खुद की पहचान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में की थी। हालांकि, उचित सत्यापन से पहले वह वाहन को लेकर आगे चली गईं जिसके बाद एक चेतावनी जारी की गई।

इम्फाल फ्री प्रेस के अनुसार, पुलिस ने आरोप लगाया है कि वाहन में रहने वालों ने उनकी यात्रा का विवरण देने से इनकार कर दिया और उनका रवैया भी ठीक नहीं था। इसके बाद बृंदा को अंदर बुलाया गया और पुलिस टीम को वाहन का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई।

पुलिस ने कहा कि एक चालान काटकर 2.30 बजे बृंदा को जाने दिया गया। हालांकि, बाद में बयान जारी कर आरोप लगाया गया कि बृंदा गैर-जिम्मेदार तरीके से अपने दोस्तों के साथ पांच जिलों में गई थीं।

थोउनाओजम बृंदा ने क्या कहा?

मंगलवार शाम बृंदा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘काकचिंग कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के अनुसार रात 12.40 बजे क्वाकीथेल एफसीआई क्रॉसिंग पर मुझे, सोनिया फरिम्बम और तेनाव को इम्फाल वेस्ट पुलिस द्वारा कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘रात होने के कारण मेरे पति कर्फ्यू उल्लंघन के लिए जुर्माना भरने और हम महिलाओं को छुड़ाने के लिए सहमत हो गए और लेकिन उन्होंने मना कर दिया। पुलिस कह रही है कि लमपेल पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आ रही है। हम पूरी तरह से वर्दीधारी में सशस्त्र पुलिसकर्मियों से घिरे हुए हैं।’

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि उन्हें किन आरोपों में हिरासत में लिया गया है। उनका बयान लिया गया, तस्वीरें ली गईं और दो घंटे बाद जाने दिया गया।

गौरतलब है कि थोउनाओजम बृंदा  मणिपुर पुलिस सेवा में 2012 बैच की अधिकारी हैं। उन्हें राज्य सरकार की ओर से ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए उनके साहसिक कार्य के लिए राज्य पुलिस के वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

बृंदा के हलफनामे के मुताबिक, उनके नेतृत्व में 19-20 जून 2018 की दरम्यानी रात को एनएबी की टीमों की इम्फाल में की गई छापेमारी और कथित तौर पर आठ लोगों के कब्जे से ड्रग्स और नकदी बरामदी को लेकर की गई गिरफ्तारियों को लेकर विवाद गहराया हुआ है।

पुलिस के मुताबिक, इस छापेमारी के दौरान 4,595 किलोग्राम हेरोइन, 2.8 लाख से अधिक की 28 किलोग्राम वर्ल्ड की योर्स एम्फैटेमिन टैबलेट और अन्य सामान जब्त किया गया था। नकदी के साथ जब्त की गई कुल ड्रग्स का मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 28 करोड़ रुपये है।

manipur
N. Biren Singh
Thonaujam Brinda
K Meghachandra
Lockdown violators

Related Stories

पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा

त्वरित टिप्पणी: जनता के मुद्दों पर राजनीति करना और जीतना होता जा रहा है मुश्किल

मणिपुर में भाजपा सरकार बनाने की प्रबल दावेदार केवल बहुमत का इंतज़ार

Election Results : जनादेश—2022, 5 राज्यों की जंग : किसकी सरकार

EXIT POLL: बिग मीडिया से उलट तस्वीर दिखा रहे हैं स्मॉल मीडिया-सोशल मीडिया

मणिपुर के बहाने: आख़िर नीतीश कुमार की पॉलिटिक्स क्या है...

मणिपुरः जो पार्टी केंद्र में, वही यहां चलेगी का ख़तरनाक BJP का Narrative

मणिपुर में पहले चरण का चुनाव, 5 ज़िलों की 38 सीटों के लिए 67 फ़ीसदी से ज़्यादा मतदान

मुद्दा: महिला सशक्तिकरण मॉडल की पोल खोलता मणिपुर विधानसभा चुनाव

मणिपुर चुनाव: भाजपा के 5 साल और पानी को तरसती जनता


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License