NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कोलंबिया में "मार्च फॉर डिग्निटी" बोगोटा पहुंचा
सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार रक्षक देश में अल्पसंख्यक समूहों के सम्मान की मांग को लेकर ये मार्च निकाल रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
10 Jul 2020
कोलंबिया

दक्षिण पश्चिम कोलंबिया से 40 सामाजिक संगठनों और आंदोलनों के 14 सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों के एक समूह द्वारा शुरु किया गया "मार्च फॉर डिग्निटी" 15 दिनों तक चलने के बाद आज यानी 10 जुलाई को राजधानी बोगोटा में पहुंच रहा है। देश में जीवन, क्षेत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करने वालों के ख़िलाफ़ चल रहे नरसंहार पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने और इनके संहार को रोकने के उपाय की मांग के उद्देश्य से 25 जून को कौका डिपार्टमेंट के पोपायान शहर से बोगोटा शहर तक इस समूह ने चलना शुरू किया था।

इन संगठनों ने एक बयान में कहा, "इस शुक्रवार यानी 10 जुलाई को वे राजधानी में पहुंचेंगे, राष्ट्रीय सरकार द्वारा सुनवाई की प्रतीक्षा की जा रही है और देश को बदलने के लिए आशा और इच्छाओं को प्रोत्साहित करेंगे।"

इस वीकेंड स्वदेशी लोगों, अफ्रो-वंशज और किसानों के जीवन, क्षेत्र और अधिकारों के लिए सम्मान की मांग को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नागरिकों, पीड़ितों और सामाजिक संगठनों के साथ कई बैठकें आयोजित की जाएगी। सामाजिक नेताओं और मानवाधिकार रक्षकों के जीवन की रक्षा में कैंडल मार्च शाम को निकाला जाएगा।

इन संगठनों ने सामाजिक नेताओं और रिवॉल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेस कोलम्बिया (एफएआरसी) के पूर्व लड़ाकों के साथ-साथ महिलाओं की हत्या और ट्रांसफोबिया में वृद्धि की निंदा करने के लिए ट्विटर पर एक वर्चुअल प्रदर्शन का आह्वान किया है।

ये समूह यह भी मांग करेगा कि क्यूबा के हवाना में साल 2016 में हुए पूर्व राष्ट्रपति जुआन मैनुएल सैंटोस और गुरिल्ला समूह एफएआरसी के बीच हस्ताक्षरित शांति समझौते को लागू करे।

इन 15 दिनों में ये समूह शहरों, गावों और टोलों से गुजरा और सैकड़ों लोगों से मुलाक़ात की और राजनीतिक हिंसा और सामाजिक अन्याय के शिकार लोगों से चर्चा की। इस शांतिपूर्ण विरोध का एक मुख्य उद्देश्य प्रभावी संचार के माध्यम से सामुदायिक नेताओं के जीवन की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई की शुरुआत करना था।

columbia
March for Dignity
minorities
Human Rights
Social organizations

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय

मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा पर अखिलेश व मायावती क्यों चुप हैं?

मेरे मुसलमान होने की पीड़ा...!

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

रुड़की : हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा, पुलिस ने मुस्लिम बहुल गांव में खड़े किए बुलडोज़र

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License