NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन लगातार चौथे दिन जारी
एक्टिविस्ट ग्रुप सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए रैली कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार के तेल एवं गैस उद्यमों तथा अन्य सैन्य स्वामित्व वाले व्यवसायों के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Feb 2021
म्यांमार

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट और एक साल की आपातकाल की घोषणा के खिलाफ विरोध करते हुए हज़ार लोगों ने मंगलवार 9 फरवरी को लगातार चौथे दिन देश के सबसे बड़े शहर में सड़कों पर प्रदर्शन किया। रिपोर्टों में कहा गया है कि पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने सैन्य खतरों को चुनौती दी और मंडाले में रैली निकाली।

सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में 2,000 श्रमिक संघों के साथ-साथ एक्टिविस्ट, शिक्षक, सरकारी अधिकारी, डॉक्टर और अन्य लोग शामिल हैं। अपने नवीनतम बयान में एक सक्रिय समूह जस्टिस फॉर म्यांमार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "म्यांमार तेल एवं गैस उद्यमों और अन्य सैन्य स्वामित्व वाले व्यवसायों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया है।"

पिछले हफ्ते आंग सान सू की के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक सरकार के सैन्य तख्तापलट के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर और जोर शोर से बढ़े हैं। एक्टिविस्ट ग्रुप सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए रैली कर रहे हैं जो सरकारी कर्मचारियों को सैन्य तानाशाही के खिलाफ आज्ञा का उल्लंघन करने के तौर पर काम के लिए रिपोर्ट न करने के लिए कह रहे हैं।

इस आम हड़ताल को लेकर सैकड़ों शिक्षकों और डॉक्टरों ने सोमवार को यंगून के हेलडन सेंटर में सविनय अवज्ञा के तौर पर अपनी वर्दी में मार्च किया। टैनिनथारी के बड़ी संख्या में वन विभाग के सरकारी कर्मचारी भी इस रैली में शामिल हुए जो अपने हाथों में प्लेकार्ड लिए हुए थे जिस पर लिखा था "से नो टू डिक्टेरशीप", "रिजेक्ट मिलिट्री कूप" और "वी वांट डेमोक्रेसी।"

गार्मेंट और हेल्थ वर्कर भी सैन्य शासन को खत्म करने की मांग कर रहे हैं और वे भी इस सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।

रविवार को राजधानी नेयपीडॉ में पुलिस ने वाटर केनन का इस्तेमाल करके एक प्रदर्शन रैली को रोक दिया। यंगून शहर में भगवाधारी भिक्षुओं जिनमें से अधिकांश को लेकर ये विचार है कि उनका सेना के साथ नजदीकी है उन्होंने भी छात्रों के साथ साथ प्रदर्शन किया और वे हाथों में सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी का झंडा लिए हुए थे।

एनएलडी ने 80% बहुमत के साथ नवंबर में हुए संसदीय चुनावों में जीत हासिल की थी और 1 फरवरी को संसद के नए सत्र के पहले दिन उपस्थित होना था लेकिन इसी दिन सैन्य तख्तापलट की घटना हुई।

इस हफ्ते मिन आंग ह्लेंग के नेतृत्व वाली सेना ने एक टेलीविजन घोषणा में कहा की कि "राज्य स्थिरता और कानून के शासन को बिगाड़ने या नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।" हालांकि, सेना की धमकी के बावजूद भी विरोध तेज हो गया है।

Myanmar
Myanmar Protest
Aung San Suu Kyi
Emergency in Myanmar

Related Stories

म्यांमा में तख़्तापलट के बाद सबसे ख़ूनी दिन, बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई!

म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट से नाराज़ स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License