NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मीडिया एडवोकेसी ग्रुप ने अफ़ग़ानिस्तान में चार पत्रकारों की रिहाई की मांग की
रेडियो से जुड़े तीन पत्रकारों और एक कैमरामैन पर अफ़ग़ान अधिकारियों द्वारा विरोधी प्रोपगैंडा फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है जिसे मीडिया एडवोकेसी ग्रुप्स ने ख़ारिज कर दिया है।
पीपल्स डिस्पैच
04 Aug 2021
अफ़ग़ानिस्तान

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय द्वारा "प्रोपगैंडा फैलाने" के आरोप में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए चार पत्रकारों की रिहाई की मांग अफगानिस्तान में तेज हो गई है। अफगानिस्तान जर्नलिस्ट सेफ्टी कमेटी, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट और अफगानिस्तान जर्नलिस्ट सेंटर सहित कई मीडिया एडवोकेसी संगठनों ने इस "अवैध हिरासत" पर चिंता जताई है और "मांग की है कि अधिकारियों को उनके खिलाफ आरोपों को समाप्त कर देना चाहिए"।

26 जुलाई को रेडियो पत्रकार कुर्दत सोलतानी, मोहेब ओबैदी, बिस्मिल्लाह वतनदूस्त, कैमरामैन सनाउल्ला सियाम को अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित सीमावर्ती क्षेत्र स्पिन-बोल्डक से लौटने के बाद गिरफ्तार किया था। इन पत्रकारों पर देश में "विरोधी प्रोपगैंडा फैलाने" का आरोप लगाया जा रहा है। इस आरोप को ह्यूमन राइट्स वॉच सहित कई मीडिया एडवोकेसी ग्रुप और अधिकार संगठनों ने खारिज कर दिया है।

अफगानिस्तान जर्नलिस्ट सेंटर के अनुसार, विद्रोही तालिबान सदस्यों का साक्षात्कार लेने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार करने वाली संस्थाएं कोई कानूनी शुचिता या औचित्य पेश नहीं करती है। इसने कहा कि अगर उन्हें पत्रकारों के कवरेज से समस्या थी तो अधिकारियों को मीडिया कंप्लेंट्स कमीशन में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी।

अफगान आंतरिक मंत्रालय ने पुलिस की इस कार्रवाई को उचित ठहराया जिसने जोर देकर कहा कि दुश्मनों के पक्ष में और देश के हित के खिलाफ प्रोपगैंडा चलाना गैरकानूनी है। इन गिरफ्तारियों को आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को दबाने के लिए अफगान अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दबाव रणनीति के रूप में देखा जाता है।

अफगान जर्नलिस्ट सेफ्टी कमेटी के अध्यक्ष नाजिद शरीफी ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा कि तालिबान द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में लगभग 50 पत्रकारों को हाल के हफ्तों में अपनी जान पर खतरे के डर से या तो छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है या वहां से निकाला गया है।

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट इम्प्यूनिटी इंडेक्स में अफगानिस्तान पांचवां सबसे खतरनाक देश है। साउथ एशिया प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से मई के बीच अफगानिस्तान में 10 से अधिक पत्रकारों की जान चली गई है। और 2001 के बाद से देश में 50 से अधिक पत्रकार और दर्जनों अधिकार कार्यकर्ता मारे गए हैं।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) और इसके सहयोगी अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (एआईजेए) ने अपने बयानों में बार-बार कहा है कि किस तरह अफगानिस्तान में राजनीतिक तनाव और अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी "उन मीडिया कर्मियों के लिए अच्छा नहीं है जो सरकार या तालिबान की शैली पर नहीं चलने को लेकर हमले के शिकार होते हैं।”

Afghanistan
media advocacy groups
journalists in afghanistan

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

पाकिस्तान को मिला अफ़ग़ानिस्तान से झटका


बाकी खबरें

  • समीना खान
    हिजाब बनाम परचम: मजाज़ साहब के नाम खुली चिट्ठी
    12 Apr 2022
    यहां मसला ये है कि आंचल, घूंघट, हिजाब, नक़ाब हो या बिकनी, हमेशा से पगड़ी के फ़ैसले इन सब पर भारी रहे हैं। इसलिए अब हमें आपके नज़रिए में ज़रा सा बदलाव चाहिए। जी! इस बार हमें आंचल भी चाहिए और आज़ादी भी…
  • ज़ाहिद खान
    सफ़दर भविष्य में भी प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे
    12 Apr 2022
    12 अप्रैल, सफ़दर हाशमी जयंती और ‘राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस’ पर विशेष।
  • jnu
    न्यूज़क्लिक टीम
    ‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र
    11 Apr 2022
    जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र अपना विरोध जताने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुँचे जहाँ उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. छात्रों की बड़ी माँग थी कि पुलिस…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU में अब नॉन वेज को लेकर विवाद? ऐसे बनोगे विश्वगुरु ?
    11 Apr 2022
    न्यूज़चक्र के आज के एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा JNU में हुए ABVP द्वारा राम नवमी के दिन मांसाहारी खाना खाने पर छात्रों की पिटाई की खबर पर चर्चा कर रहे हैं और वह भारत में तेज़ी से बढ़ रहे…
  • मुकुंद झा
    जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए
    11 Apr 2022
    घटना के विरोध में दिल्ली भर के छात्र सड़क पर उतरे। छात्र, पुलिस मुख्यालय पर विरोध जताने के लिए एकत्रित हुए परन्तु पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को अस्थायी हिरासत में ले लिया और चाणक्यपुरी, संसद मार्ग…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License