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यादें; मंगलेश डबरालः घरों-रिश्तों और विचारों में जगमगाती ‘पहाड़ पर लालटेन’
हिंदी के वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल का जाना समूचे साहित्यिक जगत के लिए आघात है, खासतौर से वाम-प्रगतिशील धारा के लिए अपूर्णीय क्षति है। न्यूज़क्लिक के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने मंगलेश जी के घर जाकर उनकी पत्नी-बेटी से बात की—घर का ताना बाना टटोला, जिसके कण-कण में बसा हुआ है प्रेम-संगीत-पेंटिग और बिखरी हुई हैं कविताओं की पृष्ठभूमि। मंगलेश जी के कुछ दोस्तों से बातचीत के बहाने खींचा वितान उनके जीवन के संघर्षशील दौर का।
न्यूज़क्लिक टीम
14 Feb 2021
manglesh dabral
hindi literature
progressive literature
Poetry

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License