NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मोदी सरकार ने लगाया समाचार एजेंसी 'पीटीआई' पर 84.4 करोड़ रुपये का जुर्माना
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) पर कथित तौर पर लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए 84.48 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले प्रसार भारती ने देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को ‘राष्ट्रीय हितों के अनुरूप काम नहीं’ करने वाला बताते हुए उसकी सेवाएँ लेना बंद करने की चेतावनी दी थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jul 2020
PTI

दिल्ली: समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) फिर से चर्चा में है। ताजा मामला सरकार द्वारा पीटीआई पर कथित तौर पर लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए 84.48 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का है। स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीटीआई को एक नोटिस भेजकर 84.48 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने को कहा है।

आवास एवं शहरी मंत्रालय के तहत लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस द्वारा सात जुलाई को पीटीआई को यह नोटिस भेजा गया, जिसमें दिल्ली में अपने कार्यालय में शर्तों के उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रसार भारती ने पीटीआई को ‘राष्ट्रीय हितों के अनुरूप काम नहीं’ करने वाला बताते हुए उसकी सेवाएँ लेना बंद करने की चेतावनी दी थी। ताजा मामले को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्या है मामला?

खबरों के मुताबिक, सरकार द्वारा एजेंसी को लीज पर दी गई जमीन पर पीटीआई कार्यालय बनाया गया है। आरोप है कि पीटीआई ने 1984 से जमीन का किराया नहीं दिया था। साथ ही पीटीआई ने कई लीज शर्तों का उल्लंघन भी किया है। जैसे उन्होंने बेसमेंट को एक कार्यालय में परिवर्तित करके भूमि-आवंटन की शर्तों का दुरुपयोग किया है जबकि लीज अवधि के तहत बेसमेंट का उपयोग केवल भंडारण उद्देश्यों के लिए किया जाना है।

स्क्राल के मुताबिक, नोटिस में कहा गया कि पीटीआई को गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखित में देना होगा कि वे जमीन का दुरुपयोग और इसे क्षति पहुंचाए जाने की वजह से जुर्माने का भुगतान करेंगे।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि समाचार एजेंसी को गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर हलफनामा देना होगा और बताना होगा कि एक अप्रैल 2016 से पूर्व प्रभावी संशोधित जमीन दरों के हिसाब से जमीन के गलत इस्तेमाल/नुकसान शुल्क की अदायगी करेगी। इसके साथ ही एजेंसी ने जो भी उल्लंघन किए हैं, उन्हें 14 जुलाई तक दूर करेगी या शुल्क का भुगतान कर इन्हें नियमित करेगी।

लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने कहा कि अगर इस जुर्माना राशि का तय समय के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो इस पर अतिरिक्त 10 फीसदी का जुर्माना भी जोड़ा जाएगा। नोटिस में यह भी कहा गया है कि, ‘लीज डीड को लेकर धनराशि का पूर्ण भुगतान करना होगा और ऑफिस परिसर का इस्तेमाल मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा।’

पुराना विवाद

गौरतलब है कि पीटीआई को यह नोटिस हाल ही में सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती द्वारा धमकी दिए जाने के बाद आया है। प्रसार भारती ने समाचार एजेंसी पीटीआई के समाचार कवरेज पर आपत्ति जताते हुए 7 करोड़ प्रति वर्ष की सदस्यता वापस लेने की धमकी दी थी।

आपको बता दें कि पिछले दिनों समाचार एजेंसी पीटीआई ने भारत-चीन के बीच चल रहे इसी तनाव के सिलसिले में भारत में चीनी राजदूत का इंटरव्यू किया था। इस इंटरव्यू को प्रसार भारती ने "राष्ट्रहित के खिलाफ़" बताया है।

इस संबंध में प्रसार भारती ने पिछले महीने 27 जून को एक पत्र भेजकर कहा कि “पीटीआई की न्यूज़ रिपोर्टिंग राष्ट्र हित में नहीं है। इसके संचालन को लेकर संपूर्णता में चीज़ों को देखा जा रहा है।”

यह भी पढ़ें: आख़िर प्रसार भारती पीटीआई से ख़फ़ा क्यों है?

प्रसार भारती ने इस पत्र में ये भी कहा है कि वो पीटीआई से अपने संबंधों को आगे जारी रखने को लेकर समीक्षा कर रहा है और इस संदर्भ में जल्द ही फ़ैसले से अवगत करा दिया जाएगा।

हालांकि इसके बाद कई मीडिया संगठन और पत्रकार पीटीआई के समर्थन में उतरे थे और प्रसार भारती के रवैए पर चिंता व्यक्त की थी।

वैसे ये कोई पहली बार नहीं था जब प्रसार भारती और पीटीआई आमने-सामने थे। इसके पहले भी साल 2016 में मोदी सरकार ने समाचार एजेंसी के लंबे समय तक एडिटर-इन-चीफ रहे एमके राजदान के सेवानिवृत्त होने पर एक आधिकारिक नामित सदस्य नियुक्त करने को कहा था। जिसे पीटीआई निदेशक मंडल ने नामंजूर कर दिया था।

सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी है पीटीआई

आपको बता दें कि पीटीआई भारत की सबसे पुरानी समाचार एजेंसियों में से एक है। पीटीआई एक स्वतंत्र संस्थान है, जिसका रजिस्ट्रेशन 1947 में हुआ था। इसके बाद 1949 से पीटीआई देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी के रुप में कार्यरत है। इसके रेवेन्यू का स्रोत इसकी सर्विस सब्सक्रिप्शन है।

1949 में शुरू हुआ पीटीआई एक 16-सदस्यीय बोर्ड द्वारा शासित है, जिसमें पत्रकार और स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं। पीटीआई की वेबसाइट के अनुसार एजेंसी 400 से अधिक पत्रकारों और 500 स्ट्रिंगरों को नियुक्त करती है और एक दिन में 2,000 से अधिक खबरें और 200 तस्वीरें डालती है।

वेबसाइट बताती है कि पीटीआई ने अपने वैश्विक समाचार फुटप्रिंट को बढ़ाने के लिए कई विदेशी समाचार एजेंसियों के साथ आदान-प्रदान की व्यवस्था की है।

PTI
Fine on PTI
modi sarkar
BJP
Press Trust of India
News Agency PTI

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं
    05 Apr 2022
    जॉनसन की भारत यात्रा 22 अप्रैल के आसपास हो सकती है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को भारत का दौरा रद्द करना पड़ा था। 
  • भाषा
    आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण, कांग्रेस का फिर से मज़बूत होना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी: सोनिया गांधी
    05 Apr 2022
    ‘‘हम भाजपा को, सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज को एकजुट रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द व सद्भाव के रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।’’
  • भाषा
    'साइबर दूल्हो' से रहें सावधान, साइबर अपराध का शिकार होने पर 1930 पर करें फोन
    05 Apr 2022
    अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य की शादी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन विज्ञापन देख रहे हैं, तो थोड़ा होशियार हो जाएं। साइबर ठग अब शादी के नाम पर भी ठगी करने में जुट गए हैं। देश के महानगरों मे अब तक इस तरह…
  • मीनुका मैथ्यू
    श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता
    05 Apr 2022
    वित्तीय संस्थानों के कई हस्तक्षेपों के बावजूद श्रीलंकाई सरकार अर्थव्यवस्था की व्यवस्थित गिरावट को दूर करने में विफल रही है।
  • इंद्रजीत सिंह
    विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा
    05 Apr 2022
    इस बात को समझ लेना ज़रूरी है कि चंडीगढ़ मुद्दे को उठाने में केंद्र के इस अंतर्निहित गेम प्लान का मक़सद पंजाब और हरियाणा के किसानों की अभूतपूर्व एकता को तोड़ना है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License