NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मोहम्मद अल्लावी को इराक का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया
अल्लावी के नाम की घोषणा ने इराक में प्रदर्शनकारियों से मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग उन्हें एक मौका देने के लिए तैयार हैं जबकि अन्य लोगों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया।
पीपल्स डिस्पैच
03 Feb 2020
मोहम्मद अल्लावी

लगभग 4 महीने के लंबे विरोध प्रदर्शनों और नवंबर 2019 में इराक़ के प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल मेहदी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति बरहम सलेह ने रविवार 2 फरवरी को मोहम्मद अल्लावी को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

इराक में नए चुनाव होने तक मोहम्मद अल्लावी सरकार का नेतृत्व करेंगे। नई सरकार बनाने और संसद की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए उसके पास एक महीना का समय है।

मोहम्मद अल्लावी 2012 तक नूरी अल-मलिकी सरकार में संचार मंत्री थें।

अल्लावी के नाम की घोषणा होते ही मुकतदा अल-सदर और देश के कई अन्य समूहों का जल्द समर्थन मिल गया। हालांकि, सड़क पर उतरे कुछ समूहों और प्रदर्शनकारियों ने उनके नामांकन को नकार दिया है।

देश की अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोज़गारी और ग़रीबी जैसे मुद्दों को नियंत्रित करने में पिछली सरकारों की विफलता के ख़िलाफ़ पिछले साल अक्टूबर से इराक में विरोध प्रदर्शन जारी है। लोग इस मामले के चलते गुस्से में हैं कि एक तेल समृद्ध देश होने के बावजूद इराक बेहद ख़राब सार्वजनिक सेवा वितरण के साथ एक ग़रीब देश बना हुआ है। यह जो कि सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक है। प्रदर्शनकारियों ने देश में राजनीतिक उच्च वर्ग में व्यापक भ्रष्टाचार को अपनी आर्थिक समस्याओं के प्रमुख कारणों में से एक माना है। उन्होंने देश की राजनीतिक व्यवस्था और इसके घरेलू मामलों में सभी प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए बड़े सुधार की भी मांग की है।

मोहम्मद अल्लावी के नाम से इन विरोधों का अंत नहीं हो सकता है। हालांकि, सदर समर्थकों ने पिछले शुक्रवार को इसमें फिर से शामिल होने के बाद एक बार फिर आंदोलन से हटना शुरू कर दिया है। जनवरी के शुरू में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी जनरल सुलेमानी और इराक के अबू मेहदी अल मुहांदिस की बगदाद में हत्या के बाद उन्होंने इन विरोध प्रदर्शनों से समर्थन वापस ले लिया।

उनके नाम की घोषणा के तुरंत बाद मोहम्मद अल्लावी ने इराकियों को संबोधित किया और उन सभी लोगों के लिए न्याय दिलाने की कसम खाई जो अब तक इन विरोध प्रदर्शनों में मारे गए हैं। उन्होंने इन विरोध प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया में पिछली सरकार द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों और नीतिगत पहलों को आगे बढ़ाने का भी वचन दिया है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Mohammad Allawi
Iraq
Adil Abdul-Mahdi
Iraq New PM Mohammad Allawi
unemployment
economic crises
poverty

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License