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कोरोना महामारी के बीच नगर निगम डॉक्टरों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी
"... हम पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के भी काम कर रहे हैं और इस अभूतपूर्व संकट में लोगों की सेवा कर रहे हैं। लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है।"
मुकुंद झा
15 Oct 2020
 डॉक्टरों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी

दिल्ली: उत्तरी दिल्ली निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के डॉक्टरों को कई महीने से वेतन नहीं मिलने का संकट गहरा गया है। कई अस्पताल बुधवार से हड़ताल पर है जबकि स्थाई कर्मचारियों की यूनियन ने लंबित वेतन की मांगें पूरी नहीं हुईं तो 19 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है।

नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन (MCDA) ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के अपने आंदोलनकारी सहयोगियों रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए एक बयान भी जारी किया।

MCDA के अध्यक्ष आरआर गौतम ने कहा, "हम वरिष्ठ स्थायी डॉक्टरों के यूनियन हैं और हम पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के भी काम कर रहे हैं और इस अभूतपूर्व संकट में लोगों की सेवा कर रहे हैं। लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है।"

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को "कोरोना योद्धाओं" के रूप में सम्मानित किया जा रहा है, लेकिन क्या अधिकारियों को यह उम्मीद है कि हम "खाली पेट" इस लड़ाई को लड़ पाएंगे।

उन्होने कहा "हम पूरी तरह टूट गए हैं, उदास हैं और हमारे परिवार का भविष्य दांव पर है। हमें अपनी तनख्वाह चाहिए, पिछले कई महीनों से लंबित है। इसलिए हमारी मांगों में जुलाई-सितंबर के लंबित तीन महीने के वेतन को तत्काल जारी करने के साथ ही लंबित एरियर, और सेवानिवृत्त डॉक्टरों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भी शामिल हैं, जो तत्काल जारी किया जाना चाहिए ”

अगर ये मांगें रविवार तक पूरी नहीं होती हैं, तो एमसीडीए डॉक्टर 19 अक्टूबर से "पूर्ण अनिश्चितकालीन हड़ताल" पर चले जाएंगे।

हालांकि, उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि इस दौरान आपातकालीन सेवा निर्बाधित रहेंगी।

निगम ने एक महीने का वेतन किया जारी,डॉक्टरों ने कहा ये नाकाफ़ी

इस बीच, देर रात ट्वीट में उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने दावा किया, "आज(बुधवार), सभी डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और समूह सी और डी के कर्मचारियों की तनख्वाह जारी की गई है और बाकी के लिए इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।"

आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सभी डाक्टर्ज़ , नर्सेज़ , पैरमेडिकल व ग्रूप C & D स्टाफ़ का वेतन जारी किया है और बाक़ी कर्मचारीयों का वेतन भी जल्द ही जारी करेंगे।@theparvezsultan @ANI @dikshapandey30 @nihaljilive @Ankit_news

— Jai Prakash (@JPBhaiBJP) October 14, 2020

संपर्क करने पर प्रकाश ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जुलाई महीने के लिए वेतन जारी कर दिया गया है।

हिंदू राव अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा "केवल एक महीने का वेतन दिया गया है"। इस पर हिंदूराव अस्पताल आरडीए के अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने कहा कि "विरोध जारी रहेगा"।

दिल्ली में सबसे बड़ी नागरिक सुविधा वाले 900 बेड वाले हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर पिछले तीन महीनों से अपनी सैलरी जारी करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।

गौतम ने कहा एमसीडीए अस्पतालों के वरिष्ठ स्थायी डॉक्टरों की एक एसोसिएशन है, जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी और इसके लगभग 1,200 सदस्य है। दिल्ली (MCD) की पूर्ववर्ती एकीकृत नगर निगम को 2012 में उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगमों में विभाजित किया गया था।

एनडीएमसी संचालित छह अस्पताल जिनके कर्मचारी एमसीडीए के सदस्य हैं - हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, श्रीमती गिरधारी लाल मातृत्व अस्पताल, राजन बाबू क्षय रोग अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल और बालक राम अस्पताल।

इस बीच, हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर बुधवार को भी तख्तियां पकड़े और नारे लगाते हुए आंदोलन करते रहे।

एनडीएमसी ने एक बयान में कहा हालांकि, उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने बुधवार को राजन बाबू तपेदिक अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों और नर्सों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके मुद्दों को हल किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली।

MCDA ने अपने बयान में कहा, " इस समस्या का कोई समाधान नहीं होने से हमारे लिए परिस्थितियां असहनीय हो गई हैं। हम किसी भी कीमत पर COVID -19 महामारी से लड़ सकते हैं लेकिन वित्तीय तंगी से कैसे लड़ सकते हैं।"

इस बयान में कहा गया है कि एक तरफ, एमसीडी अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धन की व्यवस्था करने में असमर्थ है और दूसरी तरफ, सार्वजनिक स्वास्थ्य को छोड़कर संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को किसी अन्य विभाग को सौंपने जैसे अन्य विकल्पों पर विचार भी नहीं कर रहे हैं।

गौतम ने कहा "हम विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि चूंकि हमारे डॉक्टरों का चयन और नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है, इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर डॉक्टरों के प्रशासन सहित पूरी स्वास्थ्य सेवाएं केंद्र को सौंपी जाए, जो न केवल समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में मदद करेगी हमारी सैलरी लेकिन बार-बार होने वाले आंदोलन के कारण आम जनता को होने वाली असुविधा को टाल सकेगी।”

कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर, सामूहिक इस्तीफा की चेतावनी

उत्तरी निगम के बाड़ा हिंदूराव अस्पताल के बाद अब कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए भी हड़ताल पर है। बुधवार से लेकर डॉक्टरों ने एक सप्ताह की हड़ताल की घोषणा की है। इसके अलावा प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया है कि अगर 20 अक्टूबर तक वेतन जारी नहीं हुआ तो सभी आरडीए के डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे। इसके अलावा डॉक्टरों ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार एक माह का वेतन से बात नहीं बनेगी, बल्कि पूरा तीन माह का बकाया वेतन चाहिए और यह भी विश्वास चाहिए कि आगे से वेतन में देरी नहीं होगी।

दिल्ली के बाकी डॉक्टरों ने किया समर्थन

उत्तरी निगम के डॉक्टरों को वेतन न मिलने पर चल रहे आंदोलन का विभिन्न डॉक्टर संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। फेडेरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली के अस्पतालों डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। राम मनोहर लोहिया अस्पताल से लेकर पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। फोर्डा ने निगम के डॉक्टरों को समय से वेतन न मिलने निगम की निंदा की और जल्द से जल्द वेतन देने को कहा।

दिल्ली सरकार निगम के अस्पतालों को अपने कब्ज़े लेने को तैयार

इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यहां एक प्रेस वार्ता में दोहराया कि उत्तर निगम को अस्पतालों को दिल्ली सरकार को सौंप देना चाहिए।

जैन ने दावा किया कि एमसीडी ने पहले "अस्पतालों को केंद्र में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इसे नहीं लिया। " उन्होंने कहा "हम एमसीडी को पैसे देते हैं, लेकिन हम खर्च से अनजान हैं क्योंकि वे ऑडिट भी नहीं कराते हैं। इन अस्पतालों को दिल्ली सरकार को हस्तांतरित करने के लिए केंद्र को एक औपचारिक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )

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