NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रनगर महापंचायत: किसान की खरी-खरी, योगी-मोदी के ख़िलाफ़ बजा बिगुल
बात बोलेगी: क्या है किसानों के मन में, क्या हुआ महापंचायत में ख़ास, क्या रहा मुज़फ़्फ़रनगर शहर का हाल। बता रहीं हैं वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह
भाषा सिंह
05 Sep 2021
मुज़फ़्फ़रनगर महापंचायत: किसान की खरी-खरी, योगी-मोदी के ख़िलाफ़ बजा बिगुल

देश का किसान अपनी धुन का पक्का और जबर्दस्त हौसले वाला होता है। आज जितने किसान महापंचायत स्थल पर थे उससे कई गुना पूरे शहर में फैले हुए थे। अनगिनत किसान तो अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से ही नहीं निकल पाए। उन्होंने कहा, हम शामिल होने आए, घर छोड़ा और यहां आ गये। मंच पर जाकर क्या करना, किसान का ईमान उसकी खेती है। 

दो दिन से पूरे शहर में भंडारे चल रहे हैं, हिंदू-मुस्लिम के सौहार्द वाले, तमामों खापों के नामों वाले, इलाके वाले—और इन सबसे इलाके का सबसे स्वादिष्ट पकवान पक रहा था। चाहे वह इलाके की मशहूर उड़द की दाल हो या छोले और आलू-कचालू। 

किसानी एक संगठित काम है और यह संगठन शक्ति लाखों लोगों की भीड़ को शहर में खाना खिलाते, पानी पिलाते-हलुआ-केला खिलाते दिखाई दी। भीषण गर्मी और उमस के बीच जिस तरह प्रेम से ग्रामीण भारत सेवा कर रहा था, वह नए राजनीतिक रिश्ते की जमीन को पुख्ता कर रहा था। राकेश टिकैत ने आज मोदी सरकार-योगी सरकार और भाजपा की देश बेचो नीति के खिलाफ जिस लंबी लड़ाई का बिगुल फूंका है—उसने आज की महापंचायत को ऐतिहासिक बना दिया है।

हिंदू-मुस्लिम सौहार्द पर मुहर लगी और एक तरह से पूरे सैलाब ने वर्ष 2013 की सांप्रदायिक हिंसा के लिए माफी मांगी और दोबारा दिलों में नफरत न सुलगाने देने का अहद किया। यह एक अहम पड़ाव है इस इलाके के लिए। वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर को एकतरफा सांप्रदायिक हिसा में ढकेला गया था, लाखों मुस्लिम परिवारों को बेघर किया, इस नफरत को उड़ेलने वाले भाजपा विधायक और सांसद-मंत्री सब बन गया। खुलेआम नफरत फैलाने को खूब राजनीतिक फायदा मिला और उन्होंने किसान आंदोलन शुरू होने से पहले तक किसान विरोध में बयान दिये और यह बताने की कोशिश की कि ये तमाम किसान बरगलाए हुए हैं। महापंचायत में आए किसान, ऐसे ही एक भाजपा के केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को बारे में बोलेः अब हम इन्हें बिलों में बैठने पर मजबूर कर देंगे। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर हरियाणा जैसे हाल कर देंगे, जहां किसान भाजपा मुख्यमंत्री (मनोहर लाल खट्टर) से लेकर कोई भी नेता दूसरा नेता अपना पब्लिक प्रोग्राम नहीं कर सकता। अब बालियान हों या राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल या विधायक उमेश मलिक सभी की सुरक्षा स्थानीय पुलिस को बढ़ानी पड़ी। स्थानीय भारतीय किसान यूनियन के नेता राज मलिक ने बताया, ये सब एक हफ्ते से दुबके हुए हैं और बुढ़ाना से विधायक उमेश मलिक जब राकेश टिकैत के गांव से सिसौली गये थे, किसानों को समझाने के लिए तो वहां के किसानों ने उनको अच्छे  से समझा दिया, और वह भाग खड़े हुए। यही अब पूरे उत्तर प्रदेश में होना है।

मुजफ्फरनगर की यह शायद पहली किसान पंचायत रही, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला किसानों ने शिरकत की, महिला किसानों ने भाषण दिये, स्टेज शेयर किया। जब हमने इस बारे में किसान नेता युद्धवीर सिंह से बात की, तो उन्होंने स्वीकारा कि यह पहली बार घटित हो रहा है। इस जगह को महिला किसानों ने खुद ही हासिल किया है और उन्हीं के बल पर यह किसान आंदोलन इतना लंबा सफर तय कर पाया है। पंजाब से करीब 1,000 महिला किसान लेकर मुजफ्फरनगर पहुंची भारतीय किसान यूनियन उग्राहा की महिला नेता हरिंदर कौर बिंदू ने न्यूज़क्लिक को बताया यह महापंचायत देश को बचाने का महायुद्ध है और इसको जीताने का जिम्मा हम औरतों ने उठा रखा है।

किसानों का जो सैलाब आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उमड़ा, उसकी हुंकार सीधे योगी-मोदी सरकार के ख़िलाफ थी। एक बात साफ है कि महापंचायत में शामिल तमाम महिला किसानों, किसानों ने मौजूदा हुकमरान को किसान विरोधी मानते हुए, उन्हें सबक सिखाने के लिए सत्ता से हटाने के लिए प्रण ले लिया है। एक नये ढंग की गोलबंदी भी शुरू हुई, जिसके केंद्र में अब उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा किसान नेता, जिसमें देश के किसान नेताओं को बुलाने का क्षमता है—वह राकेश टिकैत है।

मुजफ्फरनगर बहुत खरी-खरी बात कहने के लिए भी मशहूर रहा है। ऐसा ही एक खरा महाकवि इस मिट्टी से जन्मा था—शमशेर बहादुर सिंह और उनका एक शेर दिन भर जेहन में गूंजता रहा—

जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद

वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद

आज किसान योगी-मोदी सरकार को खरी-खरी सुनाकर देश को नये दौर में ले जाने के लिए मुस्तैद नज़र आता है। 

muzaffarnagar
Kisan Mahapanchayat
UP
AIKS
Farm Laws
Farmers' Agitation
Yogi Adityanath
Narendra modi
BJP

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License